सीतामढ़ी: समाजसेवी और मुस्लिम सिटीजंस फॉर एम्पावरमेंट के अध्यक्ष मोहम्मद कमर अख्तर ने सरकार से पूर्व सांसद शहाबुद्दीन के मौत की जांच की मांग की है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि दोषी पाये जाने वालों पर 302 का मुकदमा चलाया जाना चाहिए.
उन्होंने कहा कि शहाबुद्दीन सिद्धांत पसंद व्यक्ति थे. उनका राजनीतिक जीवन राजद को समर्पित था. राजद को उन्होंने पूरे बिहार मे मजबूती प्रदान की. एक समर्पित कार्यकर्ता की भांति अपनी पूरी ताकत संगठन के मजबूती में लगा दी.
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पूरे जीवन कोई सौदेबाजी नहीं की
मोहम्मद कमर अख्तर ने कहा कि पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन अपने पूरे जीवन कोई सौदेबाजी नहीं की. राजद को खराब समय में भी साथ नहीं छोड़ा. वह चट्टान के समान राजद के साथ रहे. परंतु राजद के शीर्ष नेतृत्व इनके आखिरी समय पर इनके साथ नहीं रहा. दिल्ली में लालू और तेजस्वी यादव के मौजूद रहने के बावजूद शहाबुद्दीन के पुत्र ओसामा को इन लोगों का साथ नहीं मिला. इनके परिवार का कोई सदस्य उनके अंत्येष्टी में शामिल नहीं हुआ और ना ही सदमे में डुबे परिवार को सांत्वना देने पहुंचा.
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शहाबुद्दीन के मौत पर राजद ने नहीं उठाया आवाज
कमर अख्तर ने कहा कि पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन की मौत कैसे हुई है, यह सब जानते हैं. उन्हें अंतिम समय में जब वह तिहाड़ जेल से इलाज के लिए एलएनजेपी अस्पताल में भेजे गए तो वहां के डॉक्टरों ने उन्हें एम्स में इलाज करवाने की सलाह दी थी. बावजूद इसके सरकार के इशारे पर उन्हें एम्स में स्थानांतरण नहीं किया गया. जिसके कारण उनकी मौत हो गई. लेकिन लालू परिवार या राजद द्वारा उनके लिए कोई आवाज नहीं उठाई गई. जिस तरह शहाबुद्दीन ने राजद के लिए संकटमोचन का कार्य किया. लेकिन राजद ने उनकी उपेक्षा की.
अख्तर ने कहा कि यह MY समीकरण कैसा है, जो आपसे सत्ता प्राप्ति के लिए सहयोग तो लें पर आपको उनका सहयोग न मिले. शहाबुद्दीन भागलपुर जेल से निकलने के बाद लालू को अपना नेता माना. मजबूती से इस बात पर अड़े रहे. हालांकि इसका खामियाजा भी इन्हें भुगतना पड़ा. परंतु उन्होंने अपने सिद्धांत पर कायम रहते हुए राजद के साथ रहे.