सीतामढ़ी : बिहार के सीतामढ़ी जिले में एक ऐसा विद्यालय है जहां बच्चे तो 89 हैं लेकिन शिक्षक मात्र एक है. हालांकि शिक्षा विभाग ने यहां तीन शिक्षकों की नियुक्ति की थी लेकिन योगदान देने के बाद से दो शिक्षक मेडिकल लीव और अवैतनिक अवकाश पर चले गए हैं. इससे यहां के बच्चों का भविष्य अधर में लटका हुआ है.
सामुदायिक भवन में चल रहा है विद्यालय : जिले के नगर निगम क्षेत्र वार्ड नंबर 16 में कोर्ट बाजार स्थित सामुदायिक भवन में इसका संचालन किया जा रहा है. विद्यालय में बच्चों के बैठने के लिए डेक्स और बेंच तो हैं, लेकिन वह शोभा की वस्तु हैं. बच्चों को जमीन पर बिठाकर ही शिक्षक पढ़ा रहे हैं. स्थानीय लोगों के द्वारा विद्यालय का अतिक्रमण भी कर लिया गया है.
स्कूल के बरामदे में ग्रामीणों का कब्जा : तस्वीरों में देखा जा सकता है कि विद्यालय के बरामदे में स्थानीय लोगों के द्वारा कपड़े और अन्य सामान रखा जाता है. जबकि जिला मुख्यालय से 4 किलोमीटर शहर के बीचों-बीच विद्यालय का संचालन किया जाता है. बावजूद इसके इन अव्यवस्थाओं की ओर किसी भी अधिकारी की नजर अब तक नहीं गई. विद्यालय अतिक्रमण मुक्त होने का वर्षों से बाट जोह रहा है.
बच्चों को नहीं करवाया जाता है प्रार्थना : विद्यालय में पढ़ रहे बच्चों का कहना है कि उन्हें विद्यालय आने पर शिक्षक के द्वारा प्रार्थना नहीं करवाया जाता है. हालांकि मंगलवार को जब नए शिक्षक विनोद कुमार ने प्रभार लिया तो वहां मंगलवार से प्रार्थना शुरू करवाई गई. शिक्षक विनोद कुमार ने कहा कि ''प्रभार लेने के बाद साफ सफाई की गई है और स्थानीय लोगों को जल्द से जल्द बरामदे से सामान हटाने को लेकर भी कहा गया है. कल से डेक्स बेंच पर बिठाकर बच्चों को पढ़ाया जाएगा.''
पुराने शिक्षक के कार्यकाल में नहीं होती थी प्रार्थना : इस स्कूल में जो पहले शिक्षक शंभू कुमार पढ़ाते थे वो अब रिटायर हो चुके हैं. बच्चों का कहना है कि उनके कार्यकाल में कभी भी विद्यालय में प्रार्थना नहीं होती थी. वहीं शिक्षक शंभू कुमार ने पूछे जाने पर कहा कि डेक्स और बेंच पर अगर बच्चों को पढ़ाया जाएगा तो बच्चे गिर जाएंगे और उसमें लगा लोहे का रड से जख्मी हो जाएंगे, इसी कारण बच्चों को जमीन पर बिठाकर पढ़ाया जाता है.