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सीतामढ़ी: चोरी की बिजली से चल रही है नल-जल योजना, विभाग को लाखों के राजस्व का नुकसान - sitamarhi

ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार का कहना है कि जो लाभार्थी हैं, उनके ऊपर कुछ शुल्क निर्धारित किया गया है. इसी से मिलने वाली राशि से बिजली बिल का और नियुक्त ऑपरेटर का भुगतान किया जाएगा.

सीतामढ़ी में नल-जल योजना का खुला राज
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Published : Nov 13, 2019, 11:34 AM IST

सीतामढ़ी: जिले में नीतीश सरकार की नल-जल योजना सरकारी और विभागीय उदासीनता के कारण दम तोड़ रही है. यहां करीब 38 सौ वार्डों में बिजली की चोरी से नल जल योजना के लिए जलापूर्ति की जाती है. जिस कारण बिजली विभाग को हर महीने लाखों रुपये के राजस्व का चूना लगता है. फिर भी इस दिशा में प्रशासन की ओर कोई पहल नहीं की गई.

डेढ़ साल पहले नल-जल योजना की हुई शुरुआत
जिले में चोरी की बिजली से नल जल योजना के लिए जलापूर्ति की व्यवस्था की जा रही है. जिस कारण हर महीने बिजली विभाग को राजस्व में लाखों की क्षति हो रही है. बताया जाता है कि जिले में 3 हजार 7 सौ 99 वार्डों में नल-जल योजना आज से डेढ़ साल पहले संचालित की गई. जिसमें 3 हजार 2 सौ 18 वार्डों में पंचायती राज विभाग की ओर से ये योजना चलाई जा रही है. शेष का पीएचईडी विभाग की ओर से देखरेख किया जा रहा है.

tap-water scheme in sitamarhi
ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार

बिजली विभाग को हो रही है लाखों की क्षति
पंचायती राज पदाधिकारी प्रभात कुमार ने बताया कि जिले में मात्र 300 वार्डों में बिजली के जरिए जलापूर्ति की जाती है. अन्य वार्डों में अभी बिजली नहीं लगाई जा सकी है. उन्होंने कहा कि विभाग को सभी वार्डों में बिजली लगाने के लिए आवेदन किया जा चुका है. एक महीने के भीतर सभी वार्डों में समरसेबल बोरिंग को विद्युत से जोड़ दिया जाएगा, तब ये समस्या नहीं रहेगी.

मंत्री श्रवण कुमार ने दिया जवाब
ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार का कहना है कि जो लाभार्थी हैं, उनके ऊपर कुछ शुल्क निर्धारित किया गया है. इसी से मिलने वाली राशि से बिजली बिल का और नियुक्त ऑपरेटर का भुगतान किया जाएगा.

नल-जल योजना का खुिला राज

'कैसे हो बिल का भुगतान'
वार्ड सदस्य के पति और वार्ड सचिव ने बताया कि फिलहाल चोरी की बिजली से ही जलापूर्ति की जा रही है. उन्होंने कहा कि मंत्री के कथनी और करनी में अंतर है जो शुल्क निर्धारित की गई है. उस राशि को मांगे जाने पर ग्रामीणों के साथ विवाद हो रहा है. ग्रामीण नल खोल कर ले जाने की बात कहते हैं. जब ग्रामीण राशि देंगे ही नहीं तो बिजली बिल का भुगतान कैसे किया जाएगा. प्रशासन की अनदेखी के कारण ऐसा संभव नहीं हो पा रहा है.

सीतामढ़ी: जिले में नीतीश सरकार की नल-जल योजना सरकारी और विभागीय उदासीनता के कारण दम तोड़ रही है. यहां करीब 38 सौ वार्डों में बिजली की चोरी से नल जल योजना के लिए जलापूर्ति की जाती है. जिस कारण बिजली विभाग को हर महीने लाखों रुपये के राजस्व का चूना लगता है. फिर भी इस दिशा में प्रशासन की ओर कोई पहल नहीं की गई.

डेढ़ साल पहले नल-जल योजना की हुई शुरुआत
जिले में चोरी की बिजली से नल जल योजना के लिए जलापूर्ति की व्यवस्था की जा रही है. जिस कारण हर महीने बिजली विभाग को राजस्व में लाखों की क्षति हो रही है. बताया जाता है कि जिले में 3 हजार 7 सौ 99 वार्डों में नल-जल योजना आज से डेढ़ साल पहले संचालित की गई. जिसमें 3 हजार 2 सौ 18 वार्डों में पंचायती राज विभाग की ओर से ये योजना चलाई जा रही है. शेष का पीएचईडी विभाग की ओर से देखरेख किया जा रहा है.

tap-water scheme in sitamarhi
ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार

बिजली विभाग को हो रही है लाखों की क्षति
पंचायती राज पदाधिकारी प्रभात कुमार ने बताया कि जिले में मात्र 300 वार्डों में बिजली के जरिए जलापूर्ति की जाती है. अन्य वार्डों में अभी बिजली नहीं लगाई जा सकी है. उन्होंने कहा कि विभाग को सभी वार्डों में बिजली लगाने के लिए आवेदन किया जा चुका है. एक महीने के भीतर सभी वार्डों में समरसेबल बोरिंग को विद्युत से जोड़ दिया जाएगा, तब ये समस्या नहीं रहेगी.

मंत्री श्रवण कुमार ने दिया जवाब
ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार का कहना है कि जो लाभार्थी हैं, उनके ऊपर कुछ शुल्क निर्धारित किया गया है. इसी से मिलने वाली राशि से बिजली बिल का और नियुक्त ऑपरेटर का भुगतान किया जाएगा.

नल-जल योजना का खुिला राज

'कैसे हो बिल का भुगतान'
वार्ड सदस्य के पति और वार्ड सचिव ने बताया कि फिलहाल चोरी की बिजली से ही जलापूर्ति की जा रही है. उन्होंने कहा कि मंत्री के कथनी और करनी में अंतर है जो शुल्क निर्धारित की गई है. उस राशि को मांगे जाने पर ग्रामीणों के साथ विवाद हो रहा है. ग्रामीण नल खोल कर ले जाने की बात कहते हैं. जब ग्रामीण राशि देंगे ही नहीं तो बिजली बिल का भुगतान कैसे किया जाएगा. प्रशासन की अनदेखी के कारण ऐसा संभव नहीं हो पा रहा है.

Intro:जिले में चोरी की बिजली से हो रही है नल जल योजना की जलापूर्ति विद्युत विभाग को राजस्व की क्षति।Body:नीतीश कुमार की सात निश्चय योजना में नल जल योजना भी अति महत्वपूर्ण और महत्वाकांक्षी योजना है।और यह योजना जिले में सरकारी और विभागीय उदासीनता के कारण दम तोड़ रही है। जिले के करीब 38 सौ वार्डों में बिजली की चोरी से नल जल योजना की जलापूर्ति की जाती है। जिस कारण विद्युत विभाग को प्रतिमाह लाखों रुपए राजस्व का चूना लग रहा है। लेकिन इस दिशा में उचित पहल नहीं की जा रही है। अधिकांश समरसेबल बोरिंग चोरी की बिजली से संचालित होती है। वहीं कुछ वार्ड ऐसे हैं जहां विद्युत की दिक्कत के कारण इसका लाभ आम लोगों को नहीं मिल पा रहा है।
इस संबंध में पूछे जाने पर बिहार सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने बताया कि इसके लिए जो लाभार्थी हैं उनके ऊपर कुछ शुल्क निर्धारित किया गया है और उससे जो राशि मिलती है उसी राशि से बिजली बिल का और नियुक्त ऑपरेटर का भुगतान किया जाए। लेकिन धरातल पर ऐसा नहीं हो पा रहा है।
जबकि जिले में 3799 वार्ड में यह योजना आज से डेढ़ वर्ष पूर्व संचालित की गई जिसमें 3218 वार्ड में पंचायती राज विभाग के द्वारा यह योजना चलाई जा रही है।
शेष का पीएचईडी विभाग द्वारा देखरेख किया जा रहा है। जिले के पंचायती राज पदाधिकारी प्रभात कुमार ने बताया कि जिले में मात्र 300 वार्ड में बिजली के जरिए जलापूर्ति की जाती है। अन्य वार्डों में अभी बिजली नहीं लगाई जा सकी है विभाग को सभी वार्डों में बिजली लगाने के लिए आवेदन किया जा चुका है। और एक माह के भीतर सभी वार्डों में समरसेबल बोरिंग को विद्युत से जोड़ दिया जाएगा तब या समस्या नहीं रहेगी।
इस संबंध में पूछे जाने पर वार्ड सदस्य और वार्ड के सचिव ने बताया कि फिलहाल चोरी की बिजली से ही जलापूर्ति की जा रही है। मंत्री के कथनी और करनी में अंतर है जो शुल्क निर्धारित किया गया है उस राशि को मांगे जाने पर ग्रामीणों के साथ विवाद हो रहा है। और ग्रामीण नल खोल कर ले जाने की सलाह देते हैं। जब ग्रामीण राशि देंगे ही नहीं तो बिजली बिल का भुगतान किस मद से किया जाएगा यह बहुत बड़ी समस्या बनी हुई है। फिलहाल हम लोग चोरी की बिजली से जलापूर्ति कर रहे हैं। कुछ जनप्रतिनिधि ने बताया कि डेढ़ वर्ष पहले यह योजना शुरू हुई थी। लेकिन बिजली की किल्लत के कारण अब तक जलापूर्ति शुरू नहीं की गई है। और इस दिशा में अभी कोई ठोस पहल नहीं किया जा रहा है लिहाजा यह योजना धरातल पर दम तोड़ रही है।
बाइट 1. शांतनु कुमार। वार्ड सदस्य पति। लाल टीशर्ट मे।
बाइट 2. कामेश कुमार सिंह। वार्ड 3 सचिव। उजला टीशर्ट में।
बाइट 3. श्रवण कुमार। ग्रामीण विकास विभाग मंत्री बिहार सरकार।
पी टू सी 4.
विजुअल 5,6,7,8,9Conclusion:पी टू सी :_राहुल देव सोलंकी। सीतामढ़ी।
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