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सारण के रहने वाले हैं कुख्यात विकास दुबे को पकड़ने वाले SP मनोज सिंह

कुख्यात विकास दुबे ने उज्जैन के महाकाल मंदिर में खुद को सरेंडर कर दिया. जिसके बाद से उज्जैन के एसपी मनोज सिंह चर्चा में आ गए है. मनोज सिंह बिहार के सारण जिले के मांझी प्रखंड अंतर्गत मुबारकपुर के रहने वाले हैं.

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Published : Jul 10, 2020, 1:20 AM IST

Updated : Jul 10, 2020, 2:59 AM IST

सारण
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सारण(मांझी): उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में हुए आठ पुलिसकर्मियों की हत्या मामले में मुख्य आरोपी विकास दुबे ने एमपी के उज्जैन में सरेंडर किया, तो इसकी खुसी बिहार के सारण के लोगों ने भी मनाई. क्योंकि उज्जैन के पुलिस कप्तान सारण जिले के मांझी प्रखंड अंतर्गत मुबारकपुर के रहने वाले हैं. एसपी के कुशल नेतृत्व में पुलिस टीम ने कुख्यात को जेल भेज दिया.

डीएसपी से बने एसपी
मनोज सिंह ने वर्ष 1994 में मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास की और वर्ष 1995 में डीएसपी बने. 15 वर्षों तक वे आधा दर्जन से अधिक अनुमंडलों में डीएसपी रहे. इस दौरान उनकी ईमानदारी साहस और कुशलता से प्रभावित होकर राज्य सरकार ने वर्ष 2010 में इन्दौर का एसपी बनाकर प्रोन्नति दी. कई जिलों में बतौर एसपी वे बेहद लोकप्रिय रहे. कोरोना संक्रमण के बीच शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें उज्जैन का एसपी बनाया. जहां कोरोना काल काल में भी उन्हें बेहतर काम काम किया. उज्जैन मंदिर में विकास दुबे के सरेंडर करने के बाद एक बार फिर उनका नाम चर्चा में आ गया है.

बड़े ही सहज स्वभाव के हैं मनोज सिंह
जानकारी के अनुसार एसपी मनोज सिंह काफी मिलनसार स्वभाव के हैं. वे जब भी मुबारकपुर स्थित घर आते हैं, गांव वालों से तुरंत घुल-मिल जाते है. बाग बगीचा में घूमना, सबसे बातें करना, सत्तू खाना,अष्टयाम कीर्तन में गाना बजाना उनके स्वभाव में शामिल है. वे जहां भी ड्यूटी पर तैनात रहे हैं, वहां सारण जिले के लोगों की खूब सहायता की है. गांव जवार के लोगों से मिलकर वे बहुत प्रसन्न होते हैं.

सारण(मांझी): उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में हुए आठ पुलिसकर्मियों की हत्या मामले में मुख्य आरोपी विकास दुबे ने एमपी के उज्जैन में सरेंडर किया, तो इसकी खुसी बिहार के सारण के लोगों ने भी मनाई. क्योंकि उज्जैन के पुलिस कप्तान सारण जिले के मांझी प्रखंड अंतर्गत मुबारकपुर के रहने वाले हैं. एसपी के कुशल नेतृत्व में पुलिस टीम ने कुख्यात को जेल भेज दिया.

डीएसपी से बने एसपी
मनोज सिंह ने वर्ष 1994 में मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास की और वर्ष 1995 में डीएसपी बने. 15 वर्षों तक वे आधा दर्जन से अधिक अनुमंडलों में डीएसपी रहे. इस दौरान उनकी ईमानदारी साहस और कुशलता से प्रभावित होकर राज्य सरकार ने वर्ष 2010 में इन्दौर का एसपी बनाकर प्रोन्नति दी. कई जिलों में बतौर एसपी वे बेहद लोकप्रिय रहे. कोरोना संक्रमण के बीच शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें उज्जैन का एसपी बनाया. जहां कोरोना काल काल में भी उन्हें बेहतर काम काम किया. उज्जैन मंदिर में विकास दुबे के सरेंडर करने के बाद एक बार फिर उनका नाम चर्चा में आ गया है.

बड़े ही सहज स्वभाव के हैं मनोज सिंह
जानकारी के अनुसार एसपी मनोज सिंह काफी मिलनसार स्वभाव के हैं. वे जब भी मुबारकपुर स्थित घर आते हैं, गांव वालों से तुरंत घुल-मिल जाते है. बाग बगीचा में घूमना, सबसे बातें करना, सत्तू खाना,अष्टयाम कीर्तन में गाना बजाना उनके स्वभाव में शामिल है. वे जहां भी ड्यूटी पर तैनात रहे हैं, वहां सारण जिले के लोगों की खूब सहायता की है. गांव जवार के लोगों से मिलकर वे बहुत प्रसन्न होते हैं.

Last Updated : Jul 10, 2020, 2:59 AM IST
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