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सारणः शुद्ध पेयजल की व्यवस्था नहीं होने के कारण, प्रदूषित पानी पीने को मजबूर हैं लोग

छपरा के दिघवारा रेलवे स्टेशन कालोनी में जब से पानी की टंकी लगी है, तब से इस टंकी की आज तक सफाई नहीं हुई है. जिसके कारण यहां के स्थानीय रेल कर्मचारियों का परिवार और रेल यात्री यहीं प्रदूषित पानी पीने को मजबूर हैं.

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Published : Jan 7, 2020, 7:13 PM IST

सारणः बिहार में जहां एक तरफ सूबे के मुख्यमंत्री जल जीवन हरियाली यात्रा कर लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने की दिशा में प्रयास कर रहे हैं. वहीं, छपरा के दिघवारा रेलवे स्टेशन कालोनी के लोगों को शुद्ध पेयजल नहीं मिल रहा है. लोग प्रदूषित पानी पीने के लिए मजबूर हैं.

शुद्ध पेयजल की नहीं है कोई व्यवस्था
छपरा के दिघवारा रेलवे स्टेशन कालोनी में जब से पानी की टंकी लगी है, तब से इस टंकी की आज तक सफाई नहीं हुई है. जिसके कारण यहां के स्थानीय रेल कर्मचारियों का परिवार और रेल यात्री यहीं प्रदूषित पानी पीने को मजबूर है. प्रदूषित पानी पीने का नतीजा है कि लोगों को कई बीमारियों का शिकार होना पड़ रहा है.

देखें पूरी रिपोर्ट

ये भी पढ़ेः 9 जनवरी से जल-जीवन-हरियाली के 7वें चरण की शुरुआत, 2 दिनों में 4 जिलों का दौरा करेंगे CM नीतीश

प्रदूषित पानी पीने को लोग मजबूर
स्थानीय लोगों का कहना है कि जब से टंकी लगी है तब से इस टंकी की सफाई नहीं हुई है. इस टंकी के अलावा यहां के लोगों के लिए पानी का कोई ओर साधन नहीं है. इस परिस्थिति में यहां के निवासी यहीं प्रदूषित पानी पीने को मजबूर है. वहीं, रेल कर्मचारियों ने कई बार रेल अधिकारियों को इसकी सूचना दी है. इसके बाद भी अभी तक इन्हें शुद्ध पेयजल मुहैया कराने का कोई भी प्रयास अधिकारियों की ओर से नहीं किया गया है. जिसके कारण लोग आज भी प्रदूषित पानी पीने को मजबूर है.

सारणः बिहार में जहां एक तरफ सूबे के मुख्यमंत्री जल जीवन हरियाली यात्रा कर लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने की दिशा में प्रयास कर रहे हैं. वहीं, छपरा के दिघवारा रेलवे स्टेशन कालोनी के लोगों को शुद्ध पेयजल नहीं मिल रहा है. लोग प्रदूषित पानी पीने के लिए मजबूर हैं.

शुद्ध पेयजल की नहीं है कोई व्यवस्था
छपरा के दिघवारा रेलवे स्टेशन कालोनी में जब से पानी की टंकी लगी है, तब से इस टंकी की आज तक सफाई नहीं हुई है. जिसके कारण यहां के स्थानीय रेल कर्मचारियों का परिवार और रेल यात्री यहीं प्रदूषित पानी पीने को मजबूर है. प्रदूषित पानी पीने का नतीजा है कि लोगों को कई बीमारियों का शिकार होना पड़ रहा है.

देखें पूरी रिपोर्ट

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प्रदूषित पानी पीने को लोग मजबूर
स्थानीय लोगों का कहना है कि जब से टंकी लगी है तब से इस टंकी की सफाई नहीं हुई है. इस टंकी के अलावा यहां के लोगों के लिए पानी का कोई ओर साधन नहीं है. इस परिस्थिति में यहां के निवासी यहीं प्रदूषित पानी पीने को मजबूर है. वहीं, रेल कर्मचारियों ने कई बार रेल अधिकारियों को इसकी सूचना दी है. इसके बाद भी अभी तक इन्हें शुद्ध पेयजल मुहैया कराने का कोई भी प्रयास अधिकारियों की ओर से नहीं किया गया है. जिसके कारण लोग आज भी प्रदूषित पानी पीने को मजबूर है.

Intro:शुद्ध पेयजल उपलब्ध नहीं ।छ्परा से पंकज श्रीवास्तव की रिपोर्ट। छ्परा।कहते है जल ही जीवन है।लेकिन शुद्ध पेयजल की जगह अगर आपको अशुद्ध पेयजल उप्लब्ध हो तो यह आपके स्वास्थय के लिये काफी हानिकारक है।वैसे बिहार सरकार जल जीवन और हरियाली के माध्यम से हर व्यक्ति को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने की दिशा मे काफी प्रयास कर रही है।लेकिन ठीक इसके विपरित रेल मत्रालय अपने कर्मचारियो और यात्रिओं को किस तरह का जल उपलब्ध करा रही है।इसका जीता जागता उदाहरण छ्परा के दिघवारा रेलवे स्टेशन की कालोनी का है।जहा जब से टंकी लगी है तब से इन टंकी की आज तक लगने के बाद कभी सफाई नही हुयी है।स्थानीय रेल कर्मचारियों का परिवार और रेल यात्री यही प्रदुषित पानी पीने को मजबुर है।


Body:छ्परा के दिघवारा रेलवे स्टेशन का यह रेलवे कालोनी है।और इन रेलवे क्वाटर की छत पर लगी ये पानी की टंकी सारी हकीकत को खुद बयान कर रही है।की जब से इन टंकीयो को लगाया गया है।तब आज तक इनकी सफाई नही हुयी है।और टंकी के ऊपर लगी काई और गन्दगी युक्त पानी पीने के लिये मजबूर है।और यही पानी वे यात्री भी पीते है जो दिघवारा स्टेशन पर ट्रेन पकड़ने आते है।वही इन टंकीयो के ऊपर लगा ढक्कन भी कब का आधी मे उड़ चुका है।


Conclusion:वही इन टंकीयो की सफाई तो दुर की बात है इन टंकीयो मे ढक्कन नही रहने के कारण सारी गन्दगी इनमे जाती है।और यहा कालोनी मे रहने वाले लोगों को इसके अलावा पीने के पानी को कोई अतिरिक्त साधन भी नही है।इस परिस्थिति मे यहा के निवासी यही प्रदुषित पानी पीने को मजबुर है।जबकी रेल कर्मचारियों ने कई बार रेल अधिकारियो का ध्यान आकृष्ट कराया है लेकिन इन्हे अभी तक शुद्ध पेयजल मुहैया कराने का कोई भी प्रयास रेल अधिकारियो के द्वारा अभी तक नही किया गया है।फलत यहा के सभी रेल कर्मचारियो और उनके परिवार के सदस्यों के साथ साथ यहा आने वाले यात्री भी इसी तरह के पानी पीने को मजबुर है। बाईट अमर कुमार और अन्य स्थानीय लोगों को
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