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टीबी उन्मूलन कार्यक्रम में बड़े पैमाने पर हुई धांधली, निरीक्षण करने आई केंद्रीय टीम ने किया खुलासा

यक्ष्मा के मरीजों को पोषण भत्ता का भुगतान नहीं करना कठोर दण्डनीय अपराध की श्रेणी में आता है. इस मामलें में दोषियों को दो वर्ष तक के कारावास की सजा का प्रावधान है.

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Published : Jul 4, 2019, 9:53 AM IST

टीबी उन्मूलन पायलट प्रोजेक्ट की केंद्रीय टीम

सारण: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मिशन 2024 तक टीबी मुक्त भारत अभियान को पूरा करने का लक्ष्य है. लेकिन यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम की समीक्षा व मॉनिटरिंग का कार्य सारण जिले में फिसड्डी साबित हो रहा है. इसका खुलासा खुद बिहार राज्य यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम की जांच करने आई केंद्रीय टीम ने की है.

केंद्रीय टीम ने की जांच

केंद्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम में शामिल 6 सदस्यीय टीम ने जिले के विभिन्न क्षेत्रों में भ्रमण कर तीन दिनों में एक रिपोर्ट तैयार की है. जिसमें 21 टीबी मरीजों के साथ बातचीत कर विभिन्न बिंदुओं पर जांच की. इसमें जिला यक्ष्मा पदाधिकारी व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों पर व्यापक पैमाने पर धांधली बरतने का आरोप लगाया गया है.

टीबी उन्मूलन पायलट प्रोजेक्ट की केंद्रीय टीम

मेडिकल ऑफिसर ने पोषण भत्ता का भुगतान रोका

लक्ष्य के अनुरूप मरीज़ों को चिन्हित नहीं किया गया हैं. साथ ही सीनियर टीबी सुपरवाइजर को प्रतिमाह पांच सौ रुपये की राशि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के मेडिकल ऑफिसर के द्वारा भुगतान की जाती है जो नहीं किया गया है. जिस कारण केंद्रीय जांच ने जिला यक्ष्मा पदाधिकारी के प्रति कड़ी आपत्ति दर्ज की है.

दो वर्ष तक के कारावास की सजा का प्रावधान

टीम में शामिल बिहार राज्य यक्ष्मा उन्मूलन के कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ केएन सहाय ने बताया कि यक्ष्मा के मरीजों को पोषण भत्ता का भुगतान नहीं करना कठोर दण्डनीय अपराध की श्रेणी में आता है. इस मामलें में दोषियों को दो वर्ष तक के कारावास की सजा का प्रावधान है.

सारण: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मिशन 2024 तक टीबी मुक्त भारत अभियान को पूरा करने का लक्ष्य है. लेकिन यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम की समीक्षा व मॉनिटरिंग का कार्य सारण जिले में फिसड्डी साबित हो रहा है. इसका खुलासा खुद बिहार राज्य यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम की जांच करने आई केंद्रीय टीम ने की है.

केंद्रीय टीम ने की जांच

केंद्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम में शामिल 6 सदस्यीय टीम ने जिले के विभिन्न क्षेत्रों में भ्रमण कर तीन दिनों में एक रिपोर्ट तैयार की है. जिसमें 21 टीबी मरीजों के साथ बातचीत कर विभिन्न बिंदुओं पर जांच की. इसमें जिला यक्ष्मा पदाधिकारी व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों पर व्यापक पैमाने पर धांधली बरतने का आरोप लगाया गया है.

टीबी उन्मूलन पायलट प्रोजेक्ट की केंद्रीय टीम

मेडिकल ऑफिसर ने पोषण भत्ता का भुगतान रोका

लक्ष्य के अनुरूप मरीज़ों को चिन्हित नहीं किया गया हैं. साथ ही सीनियर टीबी सुपरवाइजर को प्रतिमाह पांच सौ रुपये की राशि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के मेडिकल ऑफिसर के द्वारा भुगतान की जाती है जो नहीं किया गया है. जिस कारण केंद्रीय जांच ने जिला यक्ष्मा पदाधिकारी के प्रति कड़ी आपत्ति दर्ज की है.

दो वर्ष तक के कारावास की सजा का प्रावधान

टीम में शामिल बिहार राज्य यक्ष्मा उन्मूलन के कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ केएन सहाय ने बताया कि यक्ष्मा के मरीजों को पोषण भत्ता का भुगतान नहीं करना कठोर दण्डनीय अपराध की श्रेणी में आता है. इस मामलें में दोषियों को दो वर्ष तक के कारावास की सजा का प्रावधान है.

Intro:डे प्लान वाली ख़बर हैं
MOJO KIT NUMBER:-577
SLUG:-TUBERCULOSIS
ETV BHARAT NEWS DESK
F.M:-DHARMENDRA KUMAR RASTOGI/SARAN/BIHAR

Anchor:-यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम की समीक्षा व मोनिटरिंग का कार्य सारण जिले में फिसड्डी साबित हो रहा हैं इसका ख़ुलासा खुद बिहार राज्य यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम की जांच करने आई केंद्रीय टीम ने सारण के जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन व सिविल सर्जन डॉ मधेश्वर झां को सौंपे गए जांच रिपोर्ट में कहा गया हैं।

छः सदस्यीय टीम ने जिले के विभिन्न क्षेत्रों में तीन दिनों के अंदर भ्रमण कर एक रिपोर्ट तैयार की हैं जिसमें स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों व जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ रत्नेश कुमार सिंह व कर्मियों पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया हैं।

जिले के विभिन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों के सुस्त रवैया अपनाने के कारण प्रधानमंत्री के सपनों को साकार करने में लापरवाही बरती गई हैं।


Body:केंद्रीय टीम में शामिल छः सदस्यीय टीम ने सारण जिले के विभिन्न क्षेत्रों में जाकर तीन में 21 टीबी मरीजों के साथ बातचीत कर विभिन्न बिंदुओं पर जांच की हैं जिसमें व्यापक पैमाने पर धांधली बरतने का आरोप जिला यक्ष्मा पदाधिकारी व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों पर लगाया गया हैं।

लक्ष्य के अनुरूप मरीज़ों को चिन्हित नही किया गया हैं साथ ही सीनियर टीबी सुपरवाइजर को मिलने वाली प्रतिमाह पांच सौ रुपये की राशि का भुगतान भी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के मेडिकल ऑफिसर के द्वारा भुगतान नही किया गया हैं। जिस कारण केंद्रीय जांच ने जिला यक्ष्मा पदाधिकारी के प्रति कड़ी आपत्ति दर्ज की हैं।

टीम में शामिल बिहार राज्य यक्ष्मा उन्मूलन के कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ केएन सहाय ने बताया की यक्ष्मा के मरीजों को पोषण भत्ता का भुगतान नही करना कठोर दण्डनीय अपराध की श्रेणी में आता हैं और इस मामलें में दोषियों को दो वर्ष तक के कारावास की सजा का प्रावधान है।

byte:-डॉ मधेश्वर झां, सिविल सर्जन, सारण







Conclusion:देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मिशन 2024 तक टीबी मुक्त भारत अभियान को सारण जिले के यक्ष्मा पदाधिकारी व कर्मियों के द्वारा लापरवाही बरतने के कारण मिशन को ठंढे बस्ते में डालने का काम किया जा रहा है।

प्रधानमंत्री के सपनों को साकार करने के लिए यक्ष्मा उन्मूलन पायलट प्रोजेक्ट की केंद्रीय टीम ने सारण ज़िले में चल रहे अभियान की जांच की और जांच रिपोर्ट सारण के जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन व सिविल सर्जन को सौंपने के बाद वापस लौट गई हैं।

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