सारण: कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए शुरू हुए लॉकडाउन को लगभग दो महीने बीत चुके हैं. इसका व्यापक असर भारत की अर्थव्यवस्था पर पड़ा है. वहीं, आम जनजीवन भी बुरी तरह से बाधित हुआ है. गरीब तबके के लोगों की स्थिति बद से बदतर हो गई है. अब जब सरकार की ओर से लॉकडाउन में रियायत मिली है तो संक्रमण का खतरा इतना बढ़ गया है कि लोग डर से घरों से नहीं निकल रहे हैं. नतीजतन, सारण की सड़कों पर अब भी सन्नाटा पसरा दिख रहा है.
दूसरे राज्यों से आए प्रवासियों के कारण संक्रमण का खतरा दोगुना हो गया है. ऐसे में लोग घरों में कैद रहना ही मुनासिब समझ रहे हैं. वहीं, लॉकडाउन के कारण पहले ही खाने-पीने की समस्या झेलनी पड़ रही है. सबसे अधिक परेशानी तो रोज कमाने-खाने वाले दिहाड़ी मजदूरों को झेलनी पड़ रही है. उनके सामने परिवार पालने का संकट आन पड़ा है.
बदतर हो गए हैं हालात
बता दें कि सरकार ने केवल श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के परिचालन को मंजूरी दी है. ऐसे में स्टेशनों और प्लेटफार्म पर केवल प्रवासी ही नजर आ रहे हैं. आम जीवन रुका हुआ है. ट्रेन बन्द है तो इससे जुड़े सारे रोजगार भी बंद हो गए हैं. जैसे ऑटो रिक्शा, होटल और ढाबा कारोबारियों की स्थिति दयनीय होती जा रही है. जिला प्रशासन की ओर से भी ऐसे लोगों को कोई मदद नहीं पहुंचाई जा रही है.