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मृदुला सिन्हा के निधन से पैतृक गांव में शोक की लहर, ग्रामीणों ने दी श्रद्धांजलि

मृदुला सिन्हा 26 अगस्त 2014 से लेकर 2 नवंबर तक गोवा की राज्यपाल रहीं थीं. वह गोवा की पहली महिला राज्यपाल थीं. मुजफ्फरपुर में जन्मी मृदुला सिन्हा एक विख्यात हिंदी लेखिका भी थीं.

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मृदुला सिन्हा के निधन से छपरा में शोक की लहर
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Published : Nov 20, 2020, 7:50 AM IST

छपरा: बीजेपी नेता और गोवा की पूर्व राज्यपाल मृदुला सिन्हा का बुधवार को निधन हो गया है. मुजफ्फरपुर की रहने वाली मृदुला सिन्हा कुछ दिनों से बीमार थीं. डॉक्टर मृदुला सिन्हा भले ही अब इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन उनकी स्मृति हमेशा मुजफ्फरपुर और उनके गांव के लोगों के जीवन में रहेगी.

पैतृक गांव छपरा में शोक की लहर
मृदुला सिन्हा के निधन की खबर मिलते ही पैतृक गांव छपरा में शोक की लहर दौड़ गई. उनके पैतृक गांव में देर शाम एक शोक सभा का आयोजन किया गया. जिसमें ग्रामीणों ने कैंडल जलाकर 2 मिनट का मौन रखकर अपने गांव की मिट्टी से जुड़ी मृदुला सिन्हा को भावुक होकर याद किया.

कैंडल जलाकर ग्रमीणों ने याद किया

आदर्श से कम नहीं मृदुला सिन्हा
ग्रामीणों ने कहा कि डॉक्टर मृदुला सिन्हा एक छोटे से गांव से निकलकर जो सफर और मुकाम तय किया था वह आज भी गांव के लोगों के लिए किसी आदर्श से कम नहीं है. गोवा की पूर्व राज्यपाल रह चुकी मृदुला सिन्हा का जन्म कांटी प्रखंड अंतर्गत कलवारी छपरा गांव में 1942 में हुआ था.

वहीं औराई प्रखंड अंतर्गत मटिहानी गांव के प्रोफेसर रामकृपाल सिन्हा के साथ उनकी शादी 1959 में हुई थी. मृदुला सिन्हा अपने गांव के साथ-साथ अपने ससुराल में भी काफी लोकप्रिय थीं. यही वजह है कि उनके ससुराल और गांव में उनके निधन से लोग सदमे में हैं.

कई पुरस्कार और सम्मान हासिल
मृदुला सिन्हा को उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान का साहित्य भूषण सम्मान, दीनदयाल उपाध्याय पुरस्कार समेत कई दूसरे सम्मान और पुरस्कार मिल चुके हैं. इनके अलावा कई साहित्यिक मंचों से भी उन्हें सम्मानित किया जा चुका है.

छपरा: बीजेपी नेता और गोवा की पूर्व राज्यपाल मृदुला सिन्हा का बुधवार को निधन हो गया है. मुजफ्फरपुर की रहने वाली मृदुला सिन्हा कुछ दिनों से बीमार थीं. डॉक्टर मृदुला सिन्हा भले ही अब इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन उनकी स्मृति हमेशा मुजफ्फरपुर और उनके गांव के लोगों के जीवन में रहेगी.

पैतृक गांव छपरा में शोक की लहर
मृदुला सिन्हा के निधन की खबर मिलते ही पैतृक गांव छपरा में शोक की लहर दौड़ गई. उनके पैतृक गांव में देर शाम एक शोक सभा का आयोजन किया गया. जिसमें ग्रामीणों ने कैंडल जलाकर 2 मिनट का मौन रखकर अपने गांव की मिट्टी से जुड़ी मृदुला सिन्हा को भावुक होकर याद किया.

कैंडल जलाकर ग्रमीणों ने याद किया

आदर्श से कम नहीं मृदुला सिन्हा
ग्रामीणों ने कहा कि डॉक्टर मृदुला सिन्हा एक छोटे से गांव से निकलकर जो सफर और मुकाम तय किया था वह आज भी गांव के लोगों के लिए किसी आदर्श से कम नहीं है. गोवा की पूर्व राज्यपाल रह चुकी मृदुला सिन्हा का जन्म कांटी प्रखंड अंतर्गत कलवारी छपरा गांव में 1942 में हुआ था.

वहीं औराई प्रखंड अंतर्गत मटिहानी गांव के प्रोफेसर रामकृपाल सिन्हा के साथ उनकी शादी 1959 में हुई थी. मृदुला सिन्हा अपने गांव के साथ-साथ अपने ससुराल में भी काफी लोकप्रिय थीं. यही वजह है कि उनके ससुराल और गांव में उनके निधन से लोग सदमे में हैं.

कई पुरस्कार और सम्मान हासिल
मृदुला सिन्हा को उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान का साहित्य भूषण सम्मान, दीनदयाल उपाध्याय पुरस्कार समेत कई दूसरे सम्मान और पुरस्कार मिल चुके हैं. इनके अलावा कई साहित्यिक मंचों से भी उन्हें सम्मानित किया जा चुका है.

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