छपरा: बारिश के कारण गंगा नदी (Ganga River) के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. इस वजह से सारण (Saran) जिले के निचले इलाकों में बाढ़ (Flood) का पानी भर गया है. जिससे लोगों की मुसीबत बढ़ गई है. वहीं गंगा के जलस्तर में वृद्धि अभी भी जारी है.
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जिले के सदर प्रखंड क्षेत्र में पिछले एक सप्ताह से गंगा के बढ़ते जलस्तर के कारण दियारा और तटवर्ती इलाकों में पानी भरा हुआ है, लोगों के घर डूब गए हैं. जानवरों के चारागाह डूब गए हैं. वहीं पिछले दो दिनों में हुई बारिश और तेज हवा से नदी में उठ रही लहरें बाढ़ पीड़ितों के दर्द को और बढ़ा रही है.
बाढ़ के बीच लोग सुरक्षित स्थान की ओर जा रहे हैं. मवेशियों के लिए चारे की समस्या उत्पन्न हो गई है. बढ़ते जलस्तर के कारण नदी में तेजी से कटाव हो रहा है. जिससे तटवर्ती इलाकों में कई मकान ध्वस्त हो चुके हैं.
गंगा अभी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. बाढ़ के चलते जिले के सदर प्रखंड के रायपुर गांव, कोटवा पट्टी रामपुर, बरहरा महाजी, मूसेपुर का छपरा जिला मुख्यालय से सड़क संपर्क भंग हो गया है. बाढ़ के कारण किसानों की फसल डूब चुकी है. कई इलाकों में कृषि योग्य भूमि पूरी तरह से बाढ़ के पानी में समा गई है. बाढ़ से प्रभावित लोगों ने बताया कि घर में पानी भर गया है. जिसके चलते लोग एनएच 19 पर शरण लेने को मजबूर हैं.
जलस्तर में बढ़ोतरी के कारण डोरीगंज बाजार के धनोरा में पानी घुस गया है. बाजार में पानी घुसते ही वहां भगदड़ की स्थिति उत्पन्न हो गई. कई दुकानदार अपनी दुकान खाली करने की कोशिश कर रहे हैं, दूसरी तरफ बाजार में पानी घुसने की बात सुन लोग भारी संख्या में पहुंचकर खरीदारी करने लगे.
बाढ़ के बीच कोटवा पट्टी रामपुर में स्थिति काफी खराब हो गई है. गंगा का जलस्तर अभी भी बढ़ रहा है, लेकिन सरकारी सहायता नाम मात्र की मिली है. प्रशासन की तरफ से कुछ जगह पर लोगों को तिरपाल बांटे गए हैं, लेकिन उसके बाद भी अभी तक कुछ ठोस व्यवस्था बाढ़ पीड़ितों के लिए नहीं की गई है.
चारों ओर केवल जल ही जल नजर आ रहा है. बाढ़ पीड़ित किसी तरह दिन तो काट ले रहे हैं, लेकिन उनके सामने रात काटना काफी मुश्किल हो रहा है. क्योंकि जंगली जानवरों से लेकर सांप बिच्छू तक बाढ़ के पानी में बह कर बस्ती में पहुच रहे हैं.
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