सारण: जिले के मढ़ौरा स्थित एलआईसी भवन के पास हुई मुठभेड़ में दारोगा मिथिलेश साह और सिपाही फारुख अहमद की मौत हो गई. दोनों की मौत के बाद इलाके में दहशत का माहौल है. वहीं, फॉरेंसिक टीम घटनास्थल पर पहुंचकर सबूत इकट्ठा कर रही है. इस मामले में जिला परिषद और उसके पति समेत सात को नामजद अभियुक्त बनाया गया है.
मंगलवार को एसआईटी और अपराधियों के बीच हुई मुठभेड़ में दो जवानों ने अपनी जान गंवा दी. वहीं, एक जवान बुरी तरह जख्मी हो गया. वहीं, सारण पुलिस लाइन पहुंचे डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी. इस घटना के बाद सारण की कई दुकानें खुद ही बंद हैं. पूरा इलाका शोकाकुल और दहशत में है.
सात को किया गया नामजद
पूरे मामले में छपरा जिला परिषद की अध्यक्ष मीना अरुण और उनके पति अरुण सिंह, भतीजे सुबोध सिंह सहित सात लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया बनाया गया है. जिला परिषद अध्यक्ष के पति अरुण सिंह का आपराधिक इतिहास रहा है. फिलहाल, वो उत्तर प्रदेश के बलिया में हुए दोहरे हत्याकांड के मामले में बंद हैं और बिहार में सत्तारूढ़ जदयू से जुड़े रहे हैं.
कहां है सुशासन की सरकार- RJD
वहीं, राजद ने इस घटना की कड़ी निंदा की है. राजद के जिला प्रवक्ता हरेराम यादव ने कहा कि सारण में कानून का भय खत्म हो चुका है. पुलिस निष्क्रिय है और अपराधी खुलेआम घटना को अंजाम देकर फरार हो जा रहे हैं. इस घटना की जितनी भी भर्त्सना की जाए, वो कम है. उन्होंने पूछा कि अभी सुशासन की सरकार कहां है.