छपरा: बिहार के सारण (Saran) जिले के मांझी प्रखंड मुख्यालय से लगभग तीन किमी उत्तर मांझी बनवार पथ के पास एक खेत में जमीन के भीतर एक प्राचीन कालीन गहरा कुंआ यानी मीनार (Deep well found in farm land) मिला है. जिसे लेकर आसपास के गांवों में अटकलों का दौर शुरू हो गया है. प्राचीन काल में अजीबोगरीब ईंट से निर्मित और लगभग सवा दो फुट के व्यास में निर्मित यह कुंआ है.
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इसकी गहराई कितनी है और यह कितना पुराना है, अभी इसको लेकर तमाम तरह की बातें कही जा रही है. इसे लेकर स्थानीय स्तर पर व्यापक चर्चा हो रही है. वहीं, सोशल मीडिया पर इसका वीडियो भी वायरल होने लगा है. स्थानीय लोगों ने पुरातत्व विभाग से खुदाई करा कर जमीन में दफन इस राज को उजागर करने की मांग की है.
समतल जमीन से महज एक डेढ़ फुट नीचे मिले इस अनूठे कुएं को कई लोग मुगल कालीन इतिहास से जुड़ा बता रहे हैं. जबकि कई लोग इसे अंग्रेजों के जमाने में निर्मित होने की संभावना जता रहे हैं. बावजूद इसके इस कुएं अथवा मीनार को लेकर लोग भ्रम की स्थिति में हैं. इसके निर्माण में बड़े बड़े अनोखे ईंट का प्रयोग किया गया है. ईंट ऊपर से सामान्यतया लाल रंग का है. जबकि उसे तोड़ने पर ईंट के भीतर से गहरे काले रंग की गीली मिट्टी निकल रही है. कुंए के ऊपर ईंट का बना एक बड़ा सा ढक्कन रखा हुआ था. जिसे तोड़ने के बाद नीचे से कीचड़ और पानी निकलने लगा.
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लोगों ने बताया कि परत दर परत अनूठे ईंट से जोड़कर इस कुंए अथवा मीनार का निर्माण किया गया है. कई लोग इस कुएं को ऐतिहासिक मांझी गढ़ के इतिहास से भी जोड़कर देख रहे हैं. स्थानीय लोगों ने करीब दो मीटर गहराई तक कि मिट्टी निकाल कर इसे समझने का प्रयास किया, लेकिन नीचे से निकल रहे पानी की वजह से लोगों ने खुदाई बंद कर दी है. सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद सीओ धनंजय कुमार ने भी उस जगह का निरीक्षण किया और पुरातत्व विभाग को इस मामले से अवगत कराने की जानकारी दी.