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Chapra News: खनुआ नाला पर बने दो दुकानों पर चला बुलडोजर, कई अन्य को नोटिस

छपरा में जलजमाव की समस्या से निजात पाने को लेकर प्रशासन की देखरेख में शहर के मुख्य खनुआ नाले पर बनी दो दुकानों को तोड़ दिया गया है. वहीं शेष बची दुकानों को भी तोड़ने के लिए प्रशासन की ओर से नोटिस जारी किया गया है. पढ़ें पूरी खबर..

छपरा में नाले पर बनी दुकानों पर चला बुलडोजर
छपरा में नाले पर बनी दुकानों पर चला बुलडोजर
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Published : Aug 20, 2021, 10:25 AM IST

छपरा: सारण (Saran) जिला मुख्यालय छपरा (Chapra) में जलजमाव की समस्या (Water Logging Problem) जिला प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बनी हुई है. इससे निजात पाने के लिए प्रशासन की टीम ने शहर के मुख्य खनुआ नाला पर बने दो दुकानों को तोड़ दिया है. वहीं शेष दुकानों को भी तोड़ने के लिए प्रशासन की ओर से नोटिस जारी कर दिया गया है.

ये भी पढ़ें:Chapra News: सड़क निर्माण में कोताही नहीं की जाएगी बर्दाश्त: मंत्री नितिन नवीन

शहर के मुख्य खनुआ नाले में वर्षों से गाद जमा हुआ है. जिसके चलते पानी की निकासी नहीं हो रही है. खनुआ नाले में इतनी मात्रा में गाद जमा है कि उसे निकालना लगभग नामुमकिन है. वहीं जिला प्रशासन की ओर से नाले के उपर दुकानें भी बनवा दी गई थी. जिससे मुख्य नाला और जाम हो गया है.

नाले से पानी निकासी नहीं होने पर बरसात के दिनों में शहर में जलजमाव की समस्या उत्पन्न हो जाती है. इस बात को लेकर स्थानीय लोगों ने कई बार जनप्रतिनिधियों से लेकर मुख्यमंत्री तक शिकायत की, लेकिन इसका कोई भी स्थाई हल नहीं निकला. वहीं जनप्रतिनिधियों की मांग पर इस नाले की सफाई कर उस पर सड़क बनाने की बात कही गई.

इसके लिए इस कार्य को बुडको को सौंपा गया, लेकिन बुडको की ओर से भी इस कार्य में काफी अड़चनों के कारण कार्य धीमा रहा और जलजमाव होता रहा. हालांकि एनजीटी ने खनुआ नाला पर निर्मित 274 दुकानों को तोड़ने का आदेश दिया, लेकिन उसके बाद भी इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई और जलजमाव लगातार होता रहा.

वहीं इस बार दिशा समिति की बैठक में भी जलजमाव एक अहम मुद्दा रहा और क्षेत्रीय प्रतिनिधियों ने स्थानीय सांसद और जिला प्रशासन से इस मामले में कार्रवाई करने की मांग की. विगत दिनों दिशा समिति की बैठक के आलोक में खनुआ नाले पर बने कई दुकानदारों को नोटिस जारी किया गया और गुरुवार को नोटिस के आलोक में कार्रवाई शुरू हुई.

पुलिस की देखरेख में खनुआ नाले पर बने दो दुकानों को तोड़ दिया गया है. शेष बची दुकानों को भी तोड़ने का नोटिस जारी कर दिया गया है. जिलाधिकारी निलेश रामचंद्र देवरे की देखरेख में इस कार्य को कराया गया. वहीं जिन दुकानदारों की दुकानें टूटी हैं उनकी आजीविका का सहारा छिन गया है. अब देखना यह है कि जिला प्रशासन उन दुकानदारों को पुनर्वास करने की क्या योजना बनाती है और उनको कहां दुकानें बनाकर दी जाती है.

ये भी पढ़ें:DRM रामाश्रय पाण्डेय ने छपरा जंक्शन का किया निरीक्षण, कहा-'सुविधाएं जल्द होगी बहाल'

छपरा: सारण (Saran) जिला मुख्यालय छपरा (Chapra) में जलजमाव की समस्या (Water Logging Problem) जिला प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बनी हुई है. इससे निजात पाने के लिए प्रशासन की टीम ने शहर के मुख्य खनुआ नाला पर बने दो दुकानों को तोड़ दिया है. वहीं शेष दुकानों को भी तोड़ने के लिए प्रशासन की ओर से नोटिस जारी कर दिया गया है.

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शहर के मुख्य खनुआ नाले में वर्षों से गाद जमा हुआ है. जिसके चलते पानी की निकासी नहीं हो रही है. खनुआ नाले में इतनी मात्रा में गाद जमा है कि उसे निकालना लगभग नामुमकिन है. वहीं जिला प्रशासन की ओर से नाले के उपर दुकानें भी बनवा दी गई थी. जिससे मुख्य नाला और जाम हो गया है.

नाले से पानी निकासी नहीं होने पर बरसात के दिनों में शहर में जलजमाव की समस्या उत्पन्न हो जाती है. इस बात को लेकर स्थानीय लोगों ने कई बार जनप्रतिनिधियों से लेकर मुख्यमंत्री तक शिकायत की, लेकिन इसका कोई भी स्थाई हल नहीं निकला. वहीं जनप्रतिनिधियों की मांग पर इस नाले की सफाई कर उस पर सड़क बनाने की बात कही गई.

इसके लिए इस कार्य को बुडको को सौंपा गया, लेकिन बुडको की ओर से भी इस कार्य में काफी अड़चनों के कारण कार्य धीमा रहा और जलजमाव होता रहा. हालांकि एनजीटी ने खनुआ नाला पर निर्मित 274 दुकानों को तोड़ने का आदेश दिया, लेकिन उसके बाद भी इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई और जलजमाव लगातार होता रहा.

वहीं इस बार दिशा समिति की बैठक में भी जलजमाव एक अहम मुद्दा रहा और क्षेत्रीय प्रतिनिधियों ने स्थानीय सांसद और जिला प्रशासन से इस मामले में कार्रवाई करने की मांग की. विगत दिनों दिशा समिति की बैठक के आलोक में खनुआ नाले पर बने कई दुकानदारों को नोटिस जारी किया गया और गुरुवार को नोटिस के आलोक में कार्रवाई शुरू हुई.

पुलिस की देखरेख में खनुआ नाले पर बने दो दुकानों को तोड़ दिया गया है. शेष बची दुकानों को भी तोड़ने का नोटिस जारी कर दिया गया है. जिलाधिकारी निलेश रामचंद्र देवरे की देखरेख में इस कार्य को कराया गया. वहीं जिन दुकानदारों की दुकानें टूटी हैं उनकी आजीविका का सहारा छिन गया है. अब देखना यह है कि जिला प्रशासन उन दुकानदारों को पुनर्वास करने की क्या योजना बनाती है और उनको कहां दुकानें बनाकर दी जाती है.

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