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अस्पताल से नदारद हैं स्ट्रेचर और एम्बुलेंस, गोद में मरीज को उठाकर इलाज कराने पहुंचा युवक - government lack

ताजपुर थाना के क्षेत्र के रहने वाले एक व्यक्ति अपनी मां को लेकर नजदीकी अस्पताल पहुंचे, जहां के डॉक्टरों ने उन्हें सदर अस्पताल रेफर कर दिया. उन्हें अस्पताल की ओर से कोई एम्बुलेंस नहीं दिया गया.

मरीज को गोद में उठाकर ले जाते परिजन
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Published : Apr 1, 2019, 3:33 PM IST

समस्तीपुर: बेहतर स्वास्थ्य का दावा करने वाले सदर अस्पताल में स्वास्थ्य व्यवस्था का स्तर सुधरने की बजाए गिरता जा रहा है. पूरे जिले के मरीज यहां इलाज कराने पहुंचते हैं लेकिन यहां उनके लिए व्यवस्था के नाम पर स्ट्रेचर, एम्बुलेंस तक नहीं है मशीनरी तो दूर की बात है.
सोमवार को ताजपुर थाना के क्षेत्र के रहने वाले एक व्यक्ति अपनी मां को लेकर नजदीकी अस्पताल पहुंचे, जहां के डॉक्टरों ने उन्हें सदर अस्पताल रेफर कर दिया. उन्हें अस्पताल की ओर से कोई एम्बुलेंस नहीं दिया गया. वे अपनी मां को गोद में उठाकर अस्पताल के बाहर लाए और टेम्पो में बैठाकर सदर अस्पताल लाए. यहां का आलम भी वही निकला.

मरीज को गोद में उठाकर ले जाते परिजन

सदरअस्पताल में भी उन्हें कोई स्ट्रेचर नहीं मिला. मरीज को लेकर वे यहां भी इधर से उधर भटकते रहे, आखिर यहां भी डॉक्टरों ने समुचित व्यवस्था न होने की बात कही और निजी अस्पताल में जाने की सलाह दी. लेकिन, इस गरीब मरीज को यहां भी एम्बुलेंस नसीब नहीं हो पाया. गोद में उठाकर वे फिर मरीज को वापस बाहर ले आए.

क्या कहा मरीज के बेटा ने
मरीज के पुत्र सरकार की इस कुव्यवस्था से दुखी थे. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जो बेहतर इलाज का दावा किया जाता है, आज उसकी हकीकत सामने आ गई है. जहां डॉक्टर गरीब लोगों के इलाज के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति कर अपना काम निपटा रहे हैं.

अस्पताल सिविल सर्जन ने दिया जांच का आश्वासन
वहीं इस घटना के बारे में जब सिविल सर्जन सियाराम मिश्रा से सवाल पूछा गया तो उन्होंने मामले की जानकारी नहीं होने की बात कही. उन्होंने जांच कर कार्रवाई करने का भरोसा दिया है.

समस्तीपुर: बेहतर स्वास्थ्य का दावा करने वाले सदर अस्पताल में स्वास्थ्य व्यवस्था का स्तर सुधरने की बजाए गिरता जा रहा है. पूरे जिले के मरीज यहां इलाज कराने पहुंचते हैं लेकिन यहां उनके लिए व्यवस्था के नाम पर स्ट्रेचर, एम्बुलेंस तक नहीं है मशीनरी तो दूर की बात है.
सोमवार को ताजपुर थाना के क्षेत्र के रहने वाले एक व्यक्ति अपनी मां को लेकर नजदीकी अस्पताल पहुंचे, जहां के डॉक्टरों ने उन्हें सदर अस्पताल रेफर कर दिया. उन्हें अस्पताल की ओर से कोई एम्बुलेंस नहीं दिया गया. वे अपनी मां को गोद में उठाकर अस्पताल के बाहर लाए और टेम्पो में बैठाकर सदर अस्पताल लाए. यहां का आलम भी वही निकला.

मरीज को गोद में उठाकर ले जाते परिजन

सदरअस्पताल में भी उन्हें कोई स्ट्रेचर नहीं मिला. मरीज को लेकर वे यहां भी इधर से उधर भटकते रहे, आखिर यहां भी डॉक्टरों ने समुचित व्यवस्था न होने की बात कही और निजी अस्पताल में जाने की सलाह दी. लेकिन, इस गरीब मरीज को यहां भी एम्बुलेंस नसीब नहीं हो पाया. गोद में उठाकर वे फिर मरीज को वापस बाहर ले आए.

क्या कहा मरीज के बेटा ने
मरीज के पुत्र सरकार की इस कुव्यवस्था से दुखी थे. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जो बेहतर इलाज का दावा किया जाता है, आज उसकी हकीकत सामने आ गई है. जहां डॉक्टर गरीब लोगों के इलाज के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति कर अपना काम निपटा रहे हैं.

अस्पताल सिविल सर्जन ने दिया जांच का आश्वासन
वहीं इस घटना के बारे में जब सिविल सर्जन सियाराम मिश्रा से सवाल पूछा गया तो उन्होंने मामले की जानकारी नहीं होने की बात कही. उन्होंने जांच कर कार्रवाई करने का भरोसा दिया है.

Intro:समस्तीपुर बेहतर स्वास्थ्य का दावा करने वाले सदर अस्पताल में क्या है स्वास्थ्य व्यवस्था का हाल पूरे जिले के मरीज यहां इलाज कराने पहुंचते हैं लेकिन यहां आने के बाद उनकी क्या दशा होती है उस दर्द दशा के सच्ची तस्वीर देखकर आप रह जाएंगे हैरान और कहेंगे यही है स्वास्थ्य व्यवस्था का सच।


Body:सदर अस्पताल के आपातकालीन वार्ड के सामने अपने मरीज को गोद में उठाकर आपातकालीन वार्ड में ले जाकर डॉक्टर से इलाज करा कर और खुद गोद में उठाकर टेंपो पर लाकर रखने वाला यह मरीज ताजपुर थाना के क्षेत्र के रहने वाले हैं ।और घर मे गिरने से चोट आ गई है वही उनके पुत्र इलाज के लिए ताजपुर ले गए जहां ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर ने बेहतर इलाज के लिए समस्तीपुर सदर अस्पताल रेफर कर दिया। लेकिन इस गरीब मरीज को वहां एंबुलेंस नसीब नहीं हो पाया ।और ये एक टेंपो के सहारे सदर अस्पताल के आपातकालीन वार्ड में इलाज कराने पहुंच गये। यहां स्ट्रेचर की व्यवस्था नहीं रहने के कारण यह खुद अपने मरीज को गोद में उठाकर ले गए जहां ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर ने प्राइवेट नर्सिंग होम में जाकर इलाज कराने की सलाह दे डाली ।उसके बाद यह अपने मरीज को आपातकालीन वार्ड से गोद में ही उठाकर बाहर लेकर टेम्पो पर बैठाया। वहीं मरीज के पुत्र का बताना है की स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जो बेहतर इलाज का दवा किया जाता है। आज उसकी हकीकत सामने आ गई है। जहां गरीब लोगों के इलाज के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति कर अपना काम समाप्त कर लिया जाता है। और आज गरीब मरीज की यह दुर्दशा हो रही है जिसे कोई देखने वाला नहीं है।
बाईट : मरीज के परिजन
बाईट : सियाराम मिश्रा सिविलसर्जन ।



Conclusion:वहीं इस घटना के बारे में सिविल सर्जन सियाराम मिश्रा को सच के बारे में जब बताया गया तो हैरान रह गए । एवम जांच कर कार्रवाई करने का भरोसा दिया है ।अब देखना लाजमी है सिविलसर्जन के आने के बाद क्या आपातकालीन वार्ड का व्यवस्था सुधर पायेगा या बैसाखी के सहारे ही आपातकालीन वार्ड की व्यवस्था चलती रहेगी।
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