समस्तीपुर: राजधानी पटना में तेज रफ्तार का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. आए दिन सड़क हादसों (Samastipur Road Accident) से जुड़ी खबरें सामने आती रहती हैं. कभी यातायात नियमों के उल्लंघन के कारण दो वाहन आमने-सामने टकरा जाते हैं, तो कभी खराब सड़क के कारण वाहन अनियंत्रित होकर दुर्घटना का शिकार हो जाता है. ऐसे में पीड़ित परिवारों को सरकार की ओर से आर्थिक राहत पहुंचाई जाती है. लेकिन प्रशासन की लापरवाही के कारण बीते 14 महीने में महज 10 फीसदी केस का अनुसंधान पूरा हो सका है.
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बिहार के समस्तीपुर जिले की पुलिस सड़क दुर्घटनाओं से सम्बंधित मामलों को सुलझाने में पूरी तरह लापरवाह है. विभागीय आंकड़ों के मुताबिक साल 2020 के आखिरी महीने से अब तक विभिन्न थानों में सड़क हादसों से जुड़े 345 मामले दर्ज किए जा चुके हैं. वहीं इन चौदह महीनों में इन मामलों में महज 10 फीसदी केस का अनुसंधान पूरा हो पाया.
बता दें कि सड़क दुर्घटना के मामले में इन 14 महीनों में महज 37 पीड़ित परिवारों को सरकारी सहायता मिल पायी है. वहीं 308 केस आज भी लंबित हैं. वैसे अनुसंधान में इस देरी को लेकर जिले के नए एसपी ने सभी थाने को जल्द जांच का आदेश दिया है. जिससे पीड़ित परिवारों को सही समय मुआवजा दिया जा सके. गौरतलब है कि जिले के सभी 28 थाना व ओपी का हाल इस मामले एक ही जैसा है. मुख्यालय के मुफस्सिल थाना में सबसे ज्यादा 38 मामले में 33 लंबित हैं तो, नगर थाना में 10 में 8 कांड लंबित. ऐसे में सवाल उठता है कि पीड़ित परिजनों को लाभ पहुंचे.
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