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कैंसर का इलाज बेअसर! 3 महीने बाद भी अस्पताल में दवा उपलब्ध नहीं

अप्रैल में ही कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से निपटने के लिए ओपीडी की शुरुआत की गई थी. साथ ही पीड़ितों को मुफ्त में दवाई देने की भी बात कही गई. लेकिन, तीन महीने बीतने के बाद भी दवाईयां नहीं मिल सकी है.

सदर अस्पताल
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Published : Jul 21, 2019, 3:16 PM IST

समस्तीपुर: जिले के सदर अस्पताल में पूरे तामझाम के बाद कैंसर मरीजों के लिए ओपीडी सेवी शुरू की गई. लेकिन, दवाईयों को लेकर मरीजों को अभी भी ध्क्के खाने पड़ रहे हैं. अस्पताल प्रशासन अब तक कैंसर से संबंधित दवाईयां नहीं खरीद सका है.

samastipur
मरीज

मरीजों को बढ़ रही परेशानी
अप्रैल में ही यहां कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से निपटने के लिए ओपीडी की शुरुआत की गई थी. पीड़ितों के इलाज के लिए मुफ्त में दवाई की भी बात कही गई. लेकिन, विडंबना यह है कि इतना वक्त बीतने के बात भी दवाईयां नहीं आई. इस कारण मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ रही है.

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सियाराम मिश्र, सिविल सर्जन

सूत्रों ने दी जानकारी
अस्पताल के सूत्रों के अनुसार कैंसर पीड़ित मरीजों से जुड़ी लगभग 15 दवाईयों की सूची और स्थानीय स्तर पर उनकी खरीद के लिए राशि उपलब्ध कराई गई है. लेकिन, अभी तक दवाईयां नहीं खरीदी गई. वहीं, इस मामले में सिविल सर्जन गोल-मोल जवाब दिया. सिविल सर्जन सियाराम मिश्र ने कहा कि दवाईयां जल्द ही आ जाएगी. इसके लिए विभाग काम कर रहा है. अस्पताल में कैंसर के डॉक्टर के सवाल पर बताया कि हर महीने की 19 से 21 तारीख के बीच हरियाणा सर्वोदय अस्पताल के कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ डी पेंढारकर आते है. वे यहां रोगियों के लिए विशेष शिविर लगाते हैं.

पेश है रिपोर्ट

सामाजिक कार्यकर्ता का आरोप
इस पूरे मामले में सामाजिक कार्यकर्ता डी एन राय ने तंज कसते हुए कहा कि जिस अस्पताल में कुत्ते के काटने की दवा मौजूद नहीं, वहां कैंसर का इलाज कैसे होगा? यहां छोटी-मोटी बीमारियों के लिए भी मरीजों को दरभंगा और पटना रेफर किया जाता है. इस अस्पताल की स्थिति बेहद ही खराब है.

समस्तीपुर: जिले के सदर अस्पताल में पूरे तामझाम के बाद कैंसर मरीजों के लिए ओपीडी सेवी शुरू की गई. लेकिन, दवाईयों को लेकर मरीजों को अभी भी ध्क्के खाने पड़ रहे हैं. अस्पताल प्रशासन अब तक कैंसर से संबंधित दवाईयां नहीं खरीद सका है.

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मरीज

मरीजों को बढ़ रही परेशानी
अप्रैल में ही यहां कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से निपटने के लिए ओपीडी की शुरुआत की गई थी. पीड़ितों के इलाज के लिए मुफ्त में दवाई की भी बात कही गई. लेकिन, विडंबना यह है कि इतना वक्त बीतने के बात भी दवाईयां नहीं आई. इस कारण मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ रही है.

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सियाराम मिश्र, सिविल सर्जन

सूत्रों ने दी जानकारी
अस्पताल के सूत्रों के अनुसार कैंसर पीड़ित मरीजों से जुड़ी लगभग 15 दवाईयों की सूची और स्थानीय स्तर पर उनकी खरीद के लिए राशि उपलब्ध कराई गई है. लेकिन, अभी तक दवाईयां नहीं खरीदी गई. वहीं, इस मामले में सिविल सर्जन गोल-मोल जवाब दिया. सिविल सर्जन सियाराम मिश्र ने कहा कि दवाईयां जल्द ही आ जाएगी. इसके लिए विभाग काम कर रहा है. अस्पताल में कैंसर के डॉक्टर के सवाल पर बताया कि हर महीने की 19 से 21 तारीख के बीच हरियाणा सर्वोदय अस्पताल के कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ डी पेंढारकर आते है. वे यहां रोगियों के लिए विशेष शिविर लगाते हैं.

पेश है रिपोर्ट

सामाजिक कार्यकर्ता का आरोप
इस पूरे मामले में सामाजिक कार्यकर्ता डी एन राय ने तंज कसते हुए कहा कि जिस अस्पताल में कुत्ते के काटने की दवा मौजूद नहीं, वहां कैंसर का इलाज कैसे होगा? यहां छोटी-मोटी बीमारियों के लिए भी मरीजों को दरभंगा और पटना रेफर किया जाता है. इस अस्पताल की स्थिति बेहद ही खराब है.

Intro:गंभीर से गंभीर बीमारियों को लेकर , जिले का स्वास्थ्य महकमा कितना उदासीन है , इसका एक बड़ा उदाहरण है बन गया कैंसर पीड़ित का यंहा होने वाला इलाज । बड़े तामझाम के बाद यंहा कैंसर मरीजों को लेकर ओपीडी शुरू तो हुई , लेकिन तीन महीने से अधिक वक्त बीतने को है , लेकिन अब तक नही खरीदी गयीं दवाईयां ।


Body:वैसे तो जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में मरीजों के नाम पर चलने वाले योजनाओं की कोई कमी नही , लेकिन विभाग इसको लेकर कितना संजीदा है , यह बंया करता है यंहा कैंसर जैसे बीमारियों का होने वाला इलाज । अप्रेल महीने में ही यंहा इस गंभीर बीमारी के बेहतर इलाज के मकसद से ओपीडी खोला गया । पीड़ित मरीजों को बेहतर इलाज के साथ ही मुफ्त सभी जरूरी दवाईयां उन्हें देना था । लेकिन विडंबना देखिए , लगभग तीन महीने से अधिक का वक्त बीतने को है , आज तक इस अस्पताल में एक भी दवा उपलब्ध नही। बहरहाल दवा के आभाव में मरीजों का समुचित इलाज कैसे किया जा सकता । अस्पताल सूत्रों के अनुसार , कैंसर पीड़ित मरीजों से जुड़ी लगभग 15 दवाओं की सूची व स्थानीय स्तर पर उसके खरीद को लेकर राशि उपलब्ध होने के बाद भी , कई महीनों बाद भी इन दवाओं की खरीद नही की जा सकी है । वैसे इस मामले पर जिले के सिविल सर्जन कुछ भी बोलने से बच रहे , वंही वे इस बीमारी को लेकर अस्पताल में चल रहे कागजी कामो का बखान जरूर कर रहे । वैसे अस्पताल के दावों पर जिले के सामाजिक कार्यकर्ता ने सवाल उठाते हुए कहा की , यंहा तो कुत्ता काटने का इलाज व दवा उपलब्ध नही , कैंसर का यह क्या दवा देंगे ।

बाईट - सियाराम मिश्र , सिविल सर्जन , समस्तीपुर ।
बाईट - डी एन राय , समाजिक कार्यकर्ता ।


Conclusion:वैसे यंहा हर महीने के 19 से 21 तारीख के बीच , हरियाणा सर्वोदय अस्पताल के कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ डी पेंढारकर के नेतृत्व में कैंसर रोगियों के लिए विशेष शिविर भी लगते है । लेकिन दवा के आभाब में उनका इलाज आखिर कैसे संभव ।

अमित कुमार की रिपोर्ट ।
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