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'हम फोन मॉडल के आधार पर किराया नहीं वसूलते हैं', Uber ने अपने ऊपर लगे आरोपों को किया खारिज - UBER RIDE FARE ISSUE

ऊबर ने उन आरोप को खारिज किया है कि, वो लोगों से राइड्स के लिए उनके फोन के आधार पर किराया लेता हैं.

Uber Denies Using Device Model for Fare Calculations in India
ऊबर ने अपने ऊपर लगे आरोपों पर दी सफाई (फोटो - UBER)
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By ETV Bharat Tech Team

Published : Jan 24, 2025, 6:03 PM IST

Updated : Jan 25, 2025, 9:48 AM IST

हैदराबाद: क्या आपने कभी एंड्रॉयड फोन और आईफोन से ओला या ऊबर की राइड बुकिंग प्राइस में अंतर देखा है? ऐसी शिकायत बहुत सारे यूज़र्स ने की है कि एंड्रॉयड फोन के मुकाबले, आईफोन से ओला या ऊबर राइड बुक करने के लिए ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ते हैं. इस मामले में भारत सरकार ने स्वदेशी कंपनी ओला और विदेशी कंपनी ऊबर, दोनों से जवांब मांगा है. अब ऊबर ने इस मामले में अपना बयान दिया है. उनका कहना है कि वो फोन मैन्यूफैक्चरर के आधार पर राइड्स की प्राइस सेट नहीं करते हैं. आइए हम आपको इस ख़बर की डिटेल्स बताते हैं.

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, 23 जनवरी 2025 को भारत के कंज्यूमर अफेयर्स मिनिस्टर प्रल्हाद जोशी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पुराना नाम ट्विटर) पर अपने आधिकारिक अकाउंट से एक पोस्ट किया. उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा कि, कैब सर्विस देने वाली बड़ी कंपनियों ओला और ऊबर के द्वारा, अलग-अलग मोबाइल मॉडल्स (आईफोन या एंड्रॉयड) के आधार पर अलग-अलग कीमत लेने वाले मामले पर डिपार्टमेंट ऑफ कंज्यूमर अफेयर्स ने ओला और ऊबर को नोटिस दिया है और हम उनके जवाब का इंतजार कर रहे हैं.

अब इस ख़बर को लिखे जाने तक ओला या ऊबर ने केंद्र सरकार को आधिकारिक तौर पर बयान दिया है या नहीं, इसकी जानकारी अभी तक नहीं मिली है, लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स में ऊबर का एक जवाब सामने आया है. रायटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ऊबर के एक प्रवक्ता ने इस मामले में कहा है कि, हम सवारी के फोन निर्माता के आधार पर कीमत तय नहीं करते हैं. हम इस मामले में सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन ऑथोरिटी के साथ मिलकर काम करेंगे और किसी भी तरह की गलतफहमी को दूर करेंगे.

काफी लोगों ने की शिकायत

आपको बता दें कि पिछले कई महीनों से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर बहुत सारे लोग, इस बात की शिकायत कर चुके हैं कि उन्हें एक ही वक्त में, एक ही जगह पर जाने के लिए अलग-अलग फोन में अलग-अलग किराया दिखाया जाता है. इस मामले में कई मीडिया रिपोर्ट्स भी सामने आई है, लेकिन अभी तक इस बात का खुलासा नहीं हो पाया है कि क्या इसके पीछे वाकई में कोई टेक्निकल कारण है.

भारत में कैब सर्विस के मामले में सबसे बड़ी कंपनियों में से एक ऊबर है, जो इंटरनेशनली कैब सर्विस प्रोवाइड करती है. भारत के अलावा, उनका सबसे बड़ा मार्केट अमेरिका और कनाडा में है. भारत में ओला और ऊबर जैसी कंपनियां, ऊबर के सबसे बड़े कंप्टीटर्स हैं. ये दोनों भारत की घरेलू कैब सर्विस कंपनी है. हालांकि, ओला ने अभी तक इस मामले में कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. अब देखना होगा कि ये दोनों कंपनियां सरकार को क्या जवाब देती हैं.

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क्या है पूरा मामला?

दरअसल, 23 जनवरी 2025 को भारत के कंज्यूमर अफेयर्स मिनिस्टर प्रल्हाद जोशी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पुराना नाम ट्विटर) पर अपने आधिकारिक अकाउंट से एक पोस्ट किया. उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा कि, कैब सर्विस देने वाली बड़ी कंपनियों ओला और ऊबर के द्वारा, अलग-अलग मोबाइल मॉडल्स (आईफोन या एंड्रॉयड) के आधार पर अलग-अलग कीमत लेने वाले मामले पर डिपार्टमेंट ऑफ कंज्यूमर अफेयर्स ने ओला और ऊबर को नोटिस दिया है और हम उनके जवाब का इंतजार कर रहे हैं.

अब इस ख़बर को लिखे जाने तक ओला या ऊबर ने केंद्र सरकार को आधिकारिक तौर पर बयान दिया है या नहीं, इसकी जानकारी अभी तक नहीं मिली है, लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स में ऊबर का एक जवाब सामने आया है. रायटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ऊबर के एक प्रवक्ता ने इस मामले में कहा है कि, हम सवारी के फोन निर्माता के आधार पर कीमत तय नहीं करते हैं. हम इस मामले में सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन ऑथोरिटी के साथ मिलकर काम करेंगे और किसी भी तरह की गलतफहमी को दूर करेंगे.

काफी लोगों ने की शिकायत

आपको बता दें कि पिछले कई महीनों से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर बहुत सारे लोग, इस बात की शिकायत कर चुके हैं कि उन्हें एक ही वक्त में, एक ही जगह पर जाने के लिए अलग-अलग फोन में अलग-अलग किराया दिखाया जाता है. इस मामले में कई मीडिया रिपोर्ट्स भी सामने आई है, लेकिन अभी तक इस बात का खुलासा नहीं हो पाया है कि क्या इसके पीछे वाकई में कोई टेक्निकल कारण है.

भारत में कैब सर्विस के मामले में सबसे बड़ी कंपनियों में से एक ऊबर है, जो इंटरनेशनली कैब सर्विस प्रोवाइड करती है. भारत के अलावा, उनका सबसे बड़ा मार्केट अमेरिका और कनाडा में है. भारत में ओला और ऊबर जैसी कंपनियां, ऊबर के सबसे बड़े कंप्टीटर्स हैं. ये दोनों भारत की घरेलू कैब सर्विस कंपनी है. हालांकि, ओला ने अभी तक इस मामले में कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. अब देखना होगा कि ये दोनों कंपनियां सरकार को क्या जवाब देती हैं.

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Last Updated : Jan 25, 2025, 9:48 AM IST
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