समस्तीपुरः बिहार में इसी महीने विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. इसे लेकर राज्य में सियासत तेज हो गई है. सभी दल के नेता अपने विधानसभा सीट पर जीत सुनिश्चित करने के लिए जनसंपर्क करने में जुट गए हैं. इसी कड़ी में 133 समस्तीपुर विधानसभा सीट पर चुनाव काफी खास होने वाला है.
जीत हासिल करती आई है आरजेडी
दरअसल प्रदेश व देश के सियासत में खास स्थान रखने वाले कर्पूरी ठाकुर समस्तीपुर विधानसभा सीट से 1989 में कांग्रेस (आई ) के उम्मीदवार चंद्रशेखर वर्मा को शिकस्त देकर विधानसभा पंहुचे थे. इस सीट पर आरजेडी ने बड़े अंतर से जीत हासिल की है, फिर चाहे बात 2010 में जेडीयू बीजेपी गठबंधन के समय की हो या 2015 के विधानसभा चुनाव की.
2010 के चुनाव में हार गए थे रामनाथ ठाकुर
खासबात यह है कि 2000 व 2005 के फरवरी व अक्टूबर में हुए विधानसभा चुनाव में कर्पूरी ठाकुर के बेटे रामनाथ ठाकुर ने आरजेडी को पटखनी दी थी. हालांकि, 2010 के विधानसभा चुनाव में वे आरजेडी के अख्तरुल इस्लाम शाहीन से हार गए. आरजेडी 2020 विधानसभा चुनाव में फिर से इस सीट पर फतह करने का ताल ठोक रही है.
'सीपीआई और सीपीआईएम के जुड़ने से मजबूत हुई पार्टी'
आरजेडी के वरिष्ठ नेता राजेश्वर महतो ने कहा कि पार्टी इस सीट पर जीत दर्ज करती आई है. इस बार भी समस्तीपुर विधानसभा सीट से आरजेडी की जीत तय है. उन्होंने कहा कि सीपीआई और सीपीआईएम के जुड़ने से पार्टी और मजबूत हो गई है.
'फिर नीतीश कुमार को चुनेगी जनता'
वहीं एनडीए भी इस बार समस्तीपुर विधानसभा सीट से जीत का दावा कर रही है. जेडीयू जिला उपाध्यक्ष दिलीप कुमार साह ने कहा कि एनडीए की सरकार ने पढ़ाई, स्वास्थ्य, सड़क आदि सभी क्षेत्र में विकास किया है. इसे देखते हुए जनता एक बार फिर नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री के रूप में चुनेगी.
आरजेडी के गढ़ में सेंधमारी
बता दें कि 2015 में समस्तीपुर विधानसभा सीट पर महागठबंधन के खिलाफ बिहार सरकार की पूर्व मंत्री रेणु कुशवाहा आरजेडी के खिलाफ चुनावी मैदान में थी. ऐसे में सवाल यह उठता है कि आरजेडी के इन मजबूत गढ़ में एनडीए गठबंधन सेंधमारी में सफल हो पाएगा या आरजेडी जीत की हैट्रिक बनायेगी.
कर्पूरी ठाकुर की जन्मभूमि
बहरहाल, बदले सियासी समीकरण के बीच इस बार विधानसभा चुनाव काफी दिलचस्प होने वाला है. साथ ही यह देखना भी कि जननायक कर्पूरी ठाकुर की जन्मभूमि व कर्मभूमि माने जाने वाले इस सीट पर कौन सी दल झंडा फहराती है.