समस्तीपुर: कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर जारी लॉकडाउन में प्रवासी मजदूरों के आने का सिलसिला जारी है. कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर बनाए गए क्वारंटीन सेंटर्स पर सुरक्षाकर्मी की तैनाती की गई है. क्वारंटीन सेंटर में बाहर से आए लोगों को रखा जा रहा. जहां उनके स्वास्थ्य की जांच की जा रही है.
रोसड़ा अनुमंडल के उच्च विद्यालय में बने क्वारंटीन सेंटर में ड्यूटी कर रहे चौकीदार देव पासवान की अचानक तबीयत बिगड़ गई. जिसकी इलाज के दौरान मौत हो गई.
'बेहतर इलाक के अभाव में गई जान'
रोसरा थाना क्षेत्र के एक टेरा गांव के रहने वाले चौकीदार देव पासवान की तबीयत बिगड़ती देख परिजन उन्हें सदर अस्पताल लेकर गए. जहां ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर ने उनका इलाज किया. डॉक्टर का कहना था कि इन्हें ब्लड शुगर की बीमारी है. इसलिए बेहतर इलाज के लिए बाहर लेकर जाएं. लॉकडाउन के कारण निजी अस्पताल बंद होने से परिजन उन्हें डीएमसीएच और पीएमसीएच ले गए. जहां भर्ती नहीं लिया गया.
किसी तरह एक निजी नर्सिंग होम में उन्हें एडमिट किया गया. जहां डायलिसिस करने के क्रम में कोरोना वॉरियर्स देव पासवान की मौत हो गई. लोगों का कहना है कि बेहतर इलाज नहीं होने से उनकी मौत हो गई.
इलाके में पसरा सन्नाटा
मौत की सूचना के बाद गांव में मातमी सन्नाटा छा गया है. परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है. घटना की जानकारी मिलते ही आसपास क्षेत्र के सैकड़ों लोग एकत्रित हो गए. जिसके कारण लॉकडाउन की धज्जियां उड़ी. लोगों में संक्रमण फैलने का डर तक नहीं दिखा. मृतक कोरोना वॉरियर्स के सम्मान में कई दलों के कार्यकर्ता शोक संवेदना व्यक्त करने पहुंचे.