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तीन दिनों के अंदर 150 साल पुरानी ऐतिहासिक धूप घड़ी की ब्लेड हुई बरामद - Rohtas World Fame Sun Watch Recovered

रोहतास में धूप घड़ी की ब्लेड की बरामदगी हो गई है. इसको लेकर एसपी शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर खुलासा करेंगे. इस ऐतिहासिक धूप घड़ी के ब्लेड की चोरी होने (sunshine clock stolen in Rohtas ) के बाद से ही स्थानीय लोगों में आक्रोश था. पुलिस ने एक टीम गठित कर बरमादगी कर ली है. पढ़ें रिपोर्ट..

रोहतास में धूप घड़ी की ब्लेड बरामद
रोहतास में धूप घड़ी की ब्लेड बरामद
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Published : Feb 11, 2022, 11:12 PM IST

रोहतास: बिहार के रोहतास जिले के डेहरी ऑन सोन से इस वक्त की बड़ी खबर सामने आ रही है. दरअसल, तीन दिनों पहले चोरी हुई धूप घड़ी की ब्लेड की बरामदगी हो गई है. बीती रात ऐतिहासिक धूप घड़ी की ब्लेड (Rohtas World Fame Sun Watch Recovered) को पुलिस द्वारा बरामद किए जाने की सूचना मिली है. बरामदगी कहां से हुई है, फिलहाल पुलिस कुछ बताने को तैयार नहीं है. इसको लेकर एसपी जल्द ही खुलासा करेंगे.

यह भी पढ़ें- ईटीवी भारत पर खबर प्रकाशित होने पर भी नहीं जागा रोहतास प्रशासन, हुई 'धूप घड़ी' की चोरी

बता दें कि डेहरी इलाके के एनीकट से 150 साल पुरानी ऐतिहासिक धरोहर धूप घड़ी की ब्लेड (150 years old sun clock in Rohtash) तीन दिनों पहले चोरी हुई थी. स्थानीय लोगों में ऐतिहासिक धरोहर तथा डेहरी के शान के गायब होने से पुलिस प्रशासन सहित जनप्रतिनिधियों के प्रति खासा उबाल भी देखने को मिल रहा था. वहीं लोगों ने पुलिस प्रशासन सहित सिंचाई विभाग पर लापरवाही व अनदेखी के गंभीर आरोप लगाए थे.

घटना के बाद रोहतास के एसपी आशीष भारती ने पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए एसआईटी का गठन भी किया था. जल्द ही धूप घड़ी के ब्लेड को बरामद होने का दावा भी किया था, जिसमें डॉग स्क्वॉयड की मदद लेकर पूरे इलाके में सर्च अभियान चलाया गया था. पूरे मामले पर रोहतास के एसपी से आशीष भारती ने बताया कि कल प्रेस ब्रीफिंग के जरिए पूरे मामले का खुलासा किया जाएगा. स्थानीय लोगों ने बताया कि धूप घड़ी की ब्लेड की बरामदगी होने के बाद अब पहले की तरङ घड़ी काम करेगी या नहीं, यह बड़ा सवाल है.

आपको बताएं कि शहर के जिस इलाके से चोरी हुई थी, वह इलाका अति सुरक्षित माना जाता है, यहां डीआईजी, एसपी, एएसपी सहित तमाम आला पुलिस अधिकारियों के कार्यालय और आवास है. इसके बावजूद चोरों ने धूप घड़ी को क्षतिग्रस्त कर उसे चुरा लिया था. बता दें कि 'सन वॉच' का परिसर भी पहले से टूटा हुआ है. स्थानीय प्रशासन ने इसका रखरखाव नहीं किया. जिसका नतीजा यह हुआ कि चोरों ने इस धूप घड़ी को चुराकर डेहरी की एक पहचान को खत्म कर दिया. स्थानीय लोग इस करतूत से काफी मायूस थे.

स्थानीय लोगों के मुताबिक, धूप घड़ी की स्थापना सन 1871 ई. में ब्रिटिश हुकूमत के द्वारा की गई थी. यह धूप घड़ी ऐतिहासिक है और 150 साल पुरानी (150 years old sun clock in Rohtash) है. बताया जाता है कि सोन नहर प्रणाली को विकसित करने के दौरान डेहरी में एक यांत्रिक कार्यशाला का संचालन किया था, जिसमें काम करने वाले कामगारों के लिए धूप घड़ी बनाई गई (Sun watch installed by british for laborers) थी. यह धूप घड़ी प्रत्येक आधा घंटा के अंतराल पर सही समय दिखाती थी, सूरज की पहली किरण से लेकर सूर्यास्त के अंतिम किरण तक इस घड़ी का उपयोग किया जाता था.

यह भी पढ़ें- ऐतिहासिक धूप घड़ी चोरी के बाद खुली पुलिस की नींद, SIT गठित कर बोले SP- जल्द करेंगे रिकवरी

यह भी पढ़ें- रोहतास में 150 साल पुरानी धूप घड़ी की प्लेट उठा ले गए चोर, ब्रिटिश काल में हुआ था निर्माण

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रोहतास: बिहार के रोहतास जिले के डेहरी ऑन सोन से इस वक्त की बड़ी खबर सामने आ रही है. दरअसल, तीन दिनों पहले चोरी हुई धूप घड़ी की ब्लेड की बरामदगी हो गई है. बीती रात ऐतिहासिक धूप घड़ी की ब्लेड (Rohtas World Fame Sun Watch Recovered) को पुलिस द्वारा बरामद किए जाने की सूचना मिली है. बरामदगी कहां से हुई है, फिलहाल पुलिस कुछ बताने को तैयार नहीं है. इसको लेकर एसपी जल्द ही खुलासा करेंगे.

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बता दें कि डेहरी इलाके के एनीकट से 150 साल पुरानी ऐतिहासिक धरोहर धूप घड़ी की ब्लेड (150 years old sun clock in Rohtash) तीन दिनों पहले चोरी हुई थी. स्थानीय लोगों में ऐतिहासिक धरोहर तथा डेहरी के शान के गायब होने से पुलिस प्रशासन सहित जनप्रतिनिधियों के प्रति खासा उबाल भी देखने को मिल रहा था. वहीं लोगों ने पुलिस प्रशासन सहित सिंचाई विभाग पर लापरवाही व अनदेखी के गंभीर आरोप लगाए थे.

घटना के बाद रोहतास के एसपी आशीष भारती ने पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए एसआईटी का गठन भी किया था. जल्द ही धूप घड़ी के ब्लेड को बरामद होने का दावा भी किया था, जिसमें डॉग स्क्वॉयड की मदद लेकर पूरे इलाके में सर्च अभियान चलाया गया था. पूरे मामले पर रोहतास के एसपी से आशीष भारती ने बताया कि कल प्रेस ब्रीफिंग के जरिए पूरे मामले का खुलासा किया जाएगा. स्थानीय लोगों ने बताया कि धूप घड़ी की ब्लेड की बरामदगी होने के बाद अब पहले की तरङ घड़ी काम करेगी या नहीं, यह बड़ा सवाल है.

आपको बताएं कि शहर के जिस इलाके से चोरी हुई थी, वह इलाका अति सुरक्षित माना जाता है, यहां डीआईजी, एसपी, एएसपी सहित तमाम आला पुलिस अधिकारियों के कार्यालय और आवास है. इसके बावजूद चोरों ने धूप घड़ी को क्षतिग्रस्त कर उसे चुरा लिया था. बता दें कि 'सन वॉच' का परिसर भी पहले से टूटा हुआ है. स्थानीय प्रशासन ने इसका रखरखाव नहीं किया. जिसका नतीजा यह हुआ कि चोरों ने इस धूप घड़ी को चुराकर डेहरी की एक पहचान को खत्म कर दिया. स्थानीय लोग इस करतूत से काफी मायूस थे.

स्थानीय लोगों के मुताबिक, धूप घड़ी की स्थापना सन 1871 ई. में ब्रिटिश हुकूमत के द्वारा की गई थी. यह धूप घड़ी ऐतिहासिक है और 150 साल पुरानी (150 years old sun clock in Rohtash) है. बताया जाता है कि सोन नहर प्रणाली को विकसित करने के दौरान डेहरी में एक यांत्रिक कार्यशाला का संचालन किया था, जिसमें काम करने वाले कामगारों के लिए धूप घड़ी बनाई गई (Sun watch installed by british for laborers) थी. यह धूप घड़ी प्रत्येक आधा घंटा के अंतराल पर सही समय दिखाती थी, सूरज की पहली किरण से लेकर सूर्यास्त के अंतिम किरण तक इस घड़ी का उपयोग किया जाता था.

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