रोहतास: बिहार में छठे चरण के प्राथमिक शिक्षक नियोजन के तहत रोहतास समेत कई जिलों में शिक्षक अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र (Primary Teachers Get Appointment Letter In Rohtas ) मिलना शुरू हो गया है. ऐसे में जब प्रखंड कार्यालयों से नियुक्ति पत्र जारी हो रहा है तो यह कहीं ना कहीं सुकून देने वाली खबर है. डिहरी प्रखंड (Appointment Letter To Newly Appointed Teachers In Dehri Block) कार्यालय परिसर में अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में जब स्थानीय युवकों को नौकरी की चिट्ठी दी गई, तो वे लोग भावुक हो गए.
नियुक्ति पत्र मिलने के बाद नवनियुक्त शिक्षकों ने अपनी खुशी का इजहार करते हुए कहा कि आज हमारा लंबा इंतजार खत्म हो गया है. किसी को अपने पिता का सपना पूरा होता दिखा, तो कोई अपनी जिंदगी को एक मुकाम हासिल करना बताया, क्योंकि एक शिक्षक ही समाज का निर्माता होता है. नियुक्ति पत्र हाथ मे लिए नवनियुक्त शिक्षिका पूजा यादव कहती है कि, शुरू से ही उनका मोटीव रहा कि बच्चों के लिए कुछ करे. साथ ही उनके पिता का सपना था कि वह बड़ी होकर शिक्षक बने आज उनके पिता का सपना उन्होंने पूरा कर दिया है.
"मैंने अपने पापा का सपना पूरा किया है. मेरे पापा मुझे टीचर के रूप में देखना चाहते थे. मैंने अपनी पढ़ाई राजस्थान से की है. डेहरी प्रखंड में मुझे नियुक्ति मिली है. बहुत समय के बाद मुझे ये खुशी मिली है. मैं अपनी सेवाएं बहुत अच्छे से प्रदान करूंगी. मैं अपने छात्रों को भी इसी रूप में देखना चाहती हूं."- पूजा यादव, नवनियुक्त शिक्षिका
वहीं नवनियुक्त शिक्षिका प्रिया कुमारी कहती हैं कि, महिलाएं कमजोर नहीं होती हैं और सिर्फ उन्हें मोटिवेशन की जरूरत होती है. वह चाहती हैं कि वह भी बच्चों को मोटिवेट करें, ताकि बच्चे जिस भी क्षेत्र में जाना चाहते हैं उस क्षेत्र में जाने के लिए तत्पर रहें और उनके माता-पिता भी उन्हें भेजने से परहेज ना करें.
"महिलाएं कमजोर नहीं होती हैं बस उन्हें मोटिवेशन की जरूरत होती है. मेरी कोशिश होगी कि अपने विद्यार्थियों का मनोबल बढ़ा सकूं ताकि वो जिस भी क्षेत्र में जाना चाहें उसमें जाने के लिए तत्पर रहें."- प्रिया कुमारी, नवनियुक्त शिक्षिका
वहीं नवनियुक्त शिक्षक अमित कुमार कहते हैं कि, कड़ी संघर्ष के बाद उन्हें नियुक्ति पत्र मिला है. वह प्राइवेट स्कूल में बच्चों को पढ़ाते थे लेकिन अब उन्हें नौकरी मिल गई है. बच्चों को मन से तो पढ़ाएंगे. ऐसे मे शिक्षक नियोजन में चयनित हुए इन नवनियुक्त शिक्षकों की खुशियां देखते ही बनती है.
"इस नियुक्ति पत्र को पाने के लिए हमने काफी संघर्ष किया है. दो साल तक लड़ाई लड़ी है. बिहार सरकार की इस कोशिश के लिए हम धन्यवाद बोलना चाहते हैं. बिना देरी के पत्र जारी करने के लिए हम सब सरकार के आभारी हैं."- अमित कुमार, नवनियुक्त शिक्षक
प्रखंड प्रमुख संजीव कुमार कहते हैं कि, बच्चों का भविष्य सुधारने की जिम्मेदारी शिक्षकों पर ही होती है. उम्मीद है कि यह बच्चों के लिए बेहतर से बेहतर कर पाएंगे. बहरहाल सरकारी नौकरी के प्रति बिहार मे युवक-युवतियों का आकर्षण किसी से छिपा हुआ नहीं है. ऐसे में सरकारी कार्यालय में बुलाकर सम्मान के साथ नियुक्ति पत्र सभी को दिया गया जो इनके लिए बड़ी और सुकुन देने वाली बात है.
"शिक्षकों को पत्र दिया गया है. जल्द ही सभी अपना योगदान देंगे. सरकारी स्कूल में बच्चे कम आते हैं. फ्री में लोग अपने बच्चों को यहां पढ़ा सकते हैं. अभिभावकों से मेरी अपील है कि इस पर ध्यान दें."- संजीव मोहन, प्रखंड प्रमुख, डेहरी
बता दें कि, 15 फरवरी को बिहार के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी (Education Minister Vijay Kumar Choudhary) ने घोषणा करते हुए कहा था कि, 23 फरवरी से विभिन्न नियोजन इकाइयों के द्वारा चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दिया जाएगा. नियुक्ति पत्र मिलने के बाद ही वे योगदान कर सकते हैं. इसके लिए उन्हें 30 दिन का वक्त मिलेगा. उन्होंने यह भी कहा था कि, 562 अभ्यर्थियों के सर्टिफिकेट फर्जी पाए गए हैं जबकि 300 से ज्यादा अभ्यर्थियों के सर्टिफिकेट संदिग्ध पाए गए हैं जिनकी जांच चल रही है.
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