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लापरवाही : जिंदगी और मौत से लड़ रही मरीज को घंटों करना पड़ा डॉक्टर का इंतजार

जिला मुख्यालय के सदर अस्पताल में डॉक्टरों की बड़ी लापरवाही सामने आई है. जहां इलाज के परिजनों को घंटों डॉक्टर का इंतजार करना पड़ा. इमरजेंसी वार्ड में समय पर ड्यूटी ना आना डॉक्टरों की आम बात हो गई है.

रोहतास
डॉक्टरों की लापरवाही
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Published : Nov 13, 2020, 1:51 PM IST

रोहतास: जिला मुख्यालय के सदर अस्पताल में डॉक्टरों की बड़ी लापरवाही सामने आई है. जहां जिंदगी और मौत से लड़ रही एक लड़की को सदर अस्पताल में इलाज के लिए घंटों डॉक्टर का इंतजार करना पड़ा.

डॉक्टरों की लापरवाही से मरीज बेहाल

इमरजेंसी वार्ड में समय पर ड्यूटी ना आना डॉक्टरों की आम बात हो गई है. कुछ ऐसा ही नजारा सासाराम के सदर अस्पताल में भी देखने को मिला. जहां एक परिवार अपने 16 वर्षीय बीमार लड़की को लेकर इलाज के लिए सदर अस्पताल पहुंचा था.

अस्पताल पहुंचने के बाद ना तो उसे डॉक्टर मिले और ना ही उसे इलाज करने वाला कोई स्वास्थ्य कर्मी मिला. काफी देर तक परिवार वाले डॉक्टरों के लिए दर दर भटकते रहें.

डॉक्टरों की लापरवाही

इलाज के लिए दर-दर भटकते रहें परिजन

परिजनों ने आरोप लगाते हुए बताया कि उनकी बच्ची काफी सीरियस हालात में है. जहां निजी अस्पताल के डॉक्टरों ने सदर अस्पताल ले जाने के लिए सलाह दिया. जिसके बाद जिंदगी और मौत से जूझ रही लड़की को परिवार वालों ने इलाज के लिए सासाराम के सदर अस्पताल ले गए

जाहिर है समय पर अगर डॉक्टर सदर अस्पताल में मौजूद रहते तो बच्ची को फौरन इलाज मिल सकता था. लेकिन सदर अस्पताल के डॉक्टरों की लापरवाही लोगों के लिए जान का दुश्मन बन रहा है. ऐसे में ना तो सिविल सर्जन इस पर ठोस कार्रवाई करते हैं और ना ही जिलाधिकारी ऐसे डॉक्टरों पर शिकंजा कसते नजर आ रहे हैं.

रोहतास: जिला मुख्यालय के सदर अस्पताल में डॉक्टरों की बड़ी लापरवाही सामने आई है. जहां जिंदगी और मौत से लड़ रही एक लड़की को सदर अस्पताल में इलाज के लिए घंटों डॉक्टर का इंतजार करना पड़ा.

डॉक्टरों की लापरवाही से मरीज बेहाल

इमरजेंसी वार्ड में समय पर ड्यूटी ना आना डॉक्टरों की आम बात हो गई है. कुछ ऐसा ही नजारा सासाराम के सदर अस्पताल में भी देखने को मिला. जहां एक परिवार अपने 16 वर्षीय बीमार लड़की को लेकर इलाज के लिए सदर अस्पताल पहुंचा था.

अस्पताल पहुंचने के बाद ना तो उसे डॉक्टर मिले और ना ही उसे इलाज करने वाला कोई स्वास्थ्य कर्मी मिला. काफी देर तक परिवार वाले डॉक्टरों के लिए दर दर भटकते रहें.

डॉक्टरों की लापरवाही

इलाज के लिए दर-दर भटकते रहें परिजन

परिजनों ने आरोप लगाते हुए बताया कि उनकी बच्ची काफी सीरियस हालात में है. जहां निजी अस्पताल के डॉक्टरों ने सदर अस्पताल ले जाने के लिए सलाह दिया. जिसके बाद जिंदगी और मौत से जूझ रही लड़की को परिवार वालों ने इलाज के लिए सासाराम के सदर अस्पताल ले गए

जाहिर है समय पर अगर डॉक्टर सदर अस्पताल में मौजूद रहते तो बच्ची को फौरन इलाज मिल सकता था. लेकिन सदर अस्पताल के डॉक्टरों की लापरवाही लोगों के लिए जान का दुश्मन बन रहा है. ऐसे में ना तो सिविल सर्जन इस पर ठोस कार्रवाई करते हैं और ना ही जिलाधिकारी ऐसे डॉक्टरों पर शिकंजा कसते नजर आ रहे हैं.

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