रोहतासः बिहार में लोकतंत्र का महापर्व शुरू हो चुका है. इसके साथ ही सभी दल के प्रत्याशी और विधायक अपने क्षेत्र में लोगों तक अपनी पहुंच बनाने में जुट गए हैं. जिले के करगहर विधानसभा क्षेत्र के भैरव टोला गांव के लोगों ने वोट बहिष्कार का फैसला किया है. इस विधानसभा क्षेत्र से वर्तमान विधायक और जदयू के उम्मीदवार वशिष्ठ सिंह चुनावी मैदान में है.
मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं ग्रामीण
शिवसागर प्रखंड के भैरव टोला गांव के ग्रामीणों ने वर्तमान विधायक और जदयू से उम्मीदवार वशिष्ठ सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. भैरव टोला गांव के लोग आजादी के बाद अबतक मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं. यहां के लोगों को पक्की सड़क तक नसीब नहीं हो पाई है.
ग्रामीणों में आक्रोश
विधायक वशिष्ठ सिंह ने चुनाव से पहले इस गांव की कच्ची सड़क के पक्कीकरण करने के लिए शिलान्यास तो कर दिया, लेकिन अबतक इसका निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ है. इससे ग्रामीणों का गुस्सा सातवें आसमान पर है. गांव के लोगों ने इस बार करगहर विधायक को चुनाव में सबक सिखाने की ठान ली है.
बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में पूरा गांव वोट का बहिष्कार करेगा. गांव की कच्ची सड़क बरसात में कीचड़ में तब्दील हो जाती है. इससे न तो गांव में वाहन पहुंच पाता है और न ही लोग पैदल इस सड़क पर चल सकते हैं. महिलाओं को खास परेशानियों का सामना करना पड़ता है.- ग्रामीण
मरीज को अस्पताल ले जाने में परेशानी
ग्रामीणों ने बताया कि सबसे ज्यादा परेशानी तब होती है जब किसी मरीज को अस्पताल ले जाने के लिए एंबुलेंस गांव में नहीं पहुंच पाती है. चारपाई पर चार पांच लोग मिलकर बीमार को गांव के बाहर तक ले जाते हैं.
मुश्किल भरा हो सकता है चुनावी सफर
बता दें कि इस बार वर्तमान विधायक वशिष्ठ सिंह के लिए चुनावी सफर काफी मुश्किल भरा होने वाला है क्योंकि इस बार लोजपा ने जदयू के खिलाफ अपने उम्मीदवारों को उतारकर खेल बिगाड़ दिया है. वहीं ग्रामीणों में भी विधायक को लेकर काफी आक्रोश है. बहरहाल करगहर विधायक वशिष्ठ सिंह के विकास के दावों की सारी पोल इस गांव की तस्वीर खोल रही है.