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खंगाली जा रही है शिक्षकों की कुंडली, रोहतास में फर्जी डिग्री वाले 30 बर्खास्त

बर्खास्त किए गए शिक्षकों की बहाली वर्ष 2015 में माध्यमिक शिक्षक के रूप में जिला परिषद नियोजन इकाई ने की थी. आरोप है कि शिक्षकों ने जिस संस्थान का प्रशिक्षण प्रमाण पत्र संलग्न किया था वह सरकार द्वारा अमान्य घोषित है.

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Published : Jul 28, 2019, 11:55 PM IST

सासाराम: बिहार सरकार जहां एक ओर शिक्षकों की कुंडली खंगाल रही है. वहीं, दूसरी ओर फर्जी डिग्री पर नौकरी करने वाले शिक्षकों का भी भंडाफोड़ हो रहा है. रोहतास में अब तक 214 फर्जी शिक्षकों को बर्खास्त किया गया है. वहीं, 34 शिक्षक अभी भी लाइन में लगे हैं. ये ऐसे शिक्षक हैं जो जिले के कई हाई स्कूलों में पोस्टेड हैं.

फर्जी डिग्री पर नौकरी करने वाले ऐसे 30 से ज्यादा नियोजित शिक्षकों पर जिला शिक्षा पदाधिकारी ने कार्रवाई की अनुशंसा की है. विभाग की इस कार्रवाई से शिक्षकों में हड़कंप मचा है. दरअसल, इनपर आरोप है कि ये बीएड की फर्जी डिग्री लेकर पिछले कई सालों से नौकरी कर रहे हैं. जिला शिक्षा पदाधिकारी ने पिछले दिनों इस ऐसे फर्जी शिक्षकों की बर्खास्तगी और वेतन मद में भुगतान की गई राशि को वापस करने के लिए नियोजन इकाई की अनुशंसा करते हुए विकास आयुक्त को लिखा है.

जानकारी देते जिला शिक्षा पदाधिकारी

कार्रवाई को लग गए कई साल
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के रायपुर स्थित( यूटीएस ) यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस संस्थान की डिग्री पर शिक्षकों की नियुक्ति हुई थी. जिला परिषद द्वारा गठित शिक्षक नियोजन इकाई ने ज्यादातर फर्जी डिग्री धारियों को ही नियुक्त किया था. सबसे बड़ी बात है कि विभाग को इन फर्जी डिग्रियों की जांच करने में ही कई साल लग गए.

2015 में हुई थी बहाली
बताते चलें कि इन शिक्षकों की बहाली साल 2015 में माध्यमिक शिक्षक के रूप में जिला परिषद नियोजन इकाई ने की थी. आरोप है कि शिक्षकों ने जिस संस्थान का प्रशिक्षण प्रमाण पत्र संलग्न किया था वह सरकार द्वारा अमान्य घोषित है. जिला शिक्षा पदाधिकारी प्रेम चंद ने बताया की जिले में और भी ऐसे फर्जी डिग्रीधारी शिक्षक हैं, जिन पर जल्द ही कार्रवाई की जाएगी.

सासाराम: बिहार सरकार जहां एक ओर शिक्षकों की कुंडली खंगाल रही है. वहीं, दूसरी ओर फर्जी डिग्री पर नौकरी करने वाले शिक्षकों का भी भंडाफोड़ हो रहा है. रोहतास में अब तक 214 फर्जी शिक्षकों को बर्खास्त किया गया है. वहीं, 34 शिक्षक अभी भी लाइन में लगे हैं. ये ऐसे शिक्षक हैं जो जिले के कई हाई स्कूलों में पोस्टेड हैं.

फर्जी डिग्री पर नौकरी करने वाले ऐसे 30 से ज्यादा नियोजित शिक्षकों पर जिला शिक्षा पदाधिकारी ने कार्रवाई की अनुशंसा की है. विभाग की इस कार्रवाई से शिक्षकों में हड़कंप मचा है. दरअसल, इनपर आरोप है कि ये बीएड की फर्जी डिग्री लेकर पिछले कई सालों से नौकरी कर रहे हैं. जिला शिक्षा पदाधिकारी ने पिछले दिनों इस ऐसे फर्जी शिक्षकों की बर्खास्तगी और वेतन मद में भुगतान की गई राशि को वापस करने के लिए नियोजन इकाई की अनुशंसा करते हुए विकास आयुक्त को लिखा है.

जानकारी देते जिला शिक्षा पदाधिकारी

कार्रवाई को लग गए कई साल
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के रायपुर स्थित( यूटीएस ) यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस संस्थान की डिग्री पर शिक्षकों की नियुक्ति हुई थी. जिला परिषद द्वारा गठित शिक्षक नियोजन इकाई ने ज्यादातर फर्जी डिग्री धारियों को ही नियुक्त किया था. सबसे बड़ी बात है कि विभाग को इन फर्जी डिग्रियों की जांच करने में ही कई साल लग गए.

2015 में हुई थी बहाली
बताते चलें कि इन शिक्षकों की बहाली साल 2015 में माध्यमिक शिक्षक के रूप में जिला परिषद नियोजन इकाई ने की थी. आरोप है कि शिक्षकों ने जिस संस्थान का प्रशिक्षण प्रमाण पत्र संलग्न किया था वह सरकार द्वारा अमान्य घोषित है. जिला शिक्षा पदाधिकारी प्रेम चंद ने बताया की जिले में और भी ऐसे फर्जी डिग्रीधारी शिक्षक हैं, जिन पर जल्द ही कार्रवाई की जाएगी.

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फर्जी डिग्री पर नौकरी करने वाले शिक्षकों की अब खैर नहीं रोहतास में अब तक 214 फर्जी शिक्षकों जहां बर्खास्त कर दिया गया है वहीं 34 अभी भी लाइन में है यह सभी वैसे शिक्षक हैं जो जिले के विभिन्न हाई स्कूल में पोस्टेड है फर्जी डिग्री पर नौकरी करने वाले वैसे 30 से ज्यादा नियोजित शिक्षकों पर जिला शिक्षा पदाधिकारी ने कार्यवाई की अनुशंसा की है बिभाग की इस कार्यवाई से शिक्षको में हड़कंप मचा है






Body:दरअसल इन लोगों पर आरोप है कि यह शिक्षक B.Ed की फर्जी डिग्री लेकर पिछले कई सालों से नौकरी कर रहे हैं जिला शिक्षा पदाधिकारी ने पिछले दिनों इस ऐसे फर्जी शिक्षकों की बर्खास्तगी तथा वेतन मद में भुगतान की गई राशि को वापस करने के लिए नियोजन इकाई की अनुशंसा करते हुए विकास आयुक्त को लिखा है

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के रायपुर स्थित( यू टी एस ) यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस संस्थान के डिग्री पर शिक्षकों की नियुक्ति हुई थी जिला परिषद द्वारा गठित शिक्षक नियोजन इकाई ने ज्यादातर फर्जी डिग्री धारियों को ही नियुक्त किया था सबसे बड़ी बात है कि विभाग को इन फर्जी डिग्रियों की जांच करने में ही कई साल लग गए



Conclusion:बताते चले कि इन शिक्षकों की बहाली वर्ष 2015 में माध्यमिक शिक्षक के रूप में जिला परिषद नियोजन इकाई ने की थी आरोप है कि शिक्षकों ने जिस संस्थान का प्रशिक्षण प्रमाण पत्र संलग्न किया था वह सरकार द्वारा अमान्य घोषित है जिला शिक्षा प्रेम चंद ने बताया की जिले में और भी ऐसे फ़र्जी डिग्रीधारी शिक्षक है जिन पर जल्द ही कार्रवाई की जाएगी

बाइट प्रेमचंद जिला शिक्षा पदाधिकारी
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