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पूर्णिया में शुरुआती बारिश में ही शहर के कई इलाकों में जलजमाव, खुली नगर निगम की पोल

पूर्णिया मे हर साल ही मॉनसून के समय लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इस साल शुरुआती बारिश में ही पूरे शहर में जलजमाव की स्थिति हो गई है.

पूर्णिया
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Published : Jul 1, 2020, 10:16 AM IST

Updated : Jul 2, 2020, 8:08 AM IST

पूर्णिया: जिले में मॉनसून की शुरुआती बारिश ने ही नगर निगम की तैयारियों की पोल खोलकर रख दी है. भारी बारिश की वजह से नगर निगम की स्थिति बदतर हो गई है. रिहायशी इलाकों में भी सड़कों पर पानी भर गया है. ऐसे में निगम की अधूरी तैयारियों ने लोगों की परेशानियों को दोगुना कर दिया है.

पूर्णिया शहर में गलियों से लेकर सड़कों तक जलजमाव का नजारा है. बीते शुक्रवार से रुक-रुककर हो रही बारिश से शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में जलजमाव की समस्या पैदा हो गई है. लोग बाहर निकलने से साफ कतरा रहे हैं. वहीं निगम की तैयारी के सभी दावे फेल साबित हुई हैं. आलम ऐसा है कि भीषण जलजमाव की वजह से घरों के अंदर तक नाले का पानी घुस गया है.

देखें रिपोर्ट

लोगों को होती है परेशानी
बाजारों में भी पानी भर गया है, जिससे लोगों को घरों से बाहर निकलने में भारी परेशानी हो रही है. शहर की लाइन बाजार रोड पर घुटने भर पानी लग गया है. वहीं, एसडीओ आवास और कई बड़े विभागों के पास पॉश इलाकों में भी पानी भर गया है. माधोपारा, मधुबनी, आदिवासी टोला, रामबाग, सिपाही टोला, शास्त्रीनगर जैसे दर्जनों इलाकों में जलजमाव की समस्या है. यहां सड़क और नाला निर्माण का कार्य सालों से अधर में लटका हुआ है. बारिश के वजह जलजमाव ने यहां भीषण समस्या पैदा कर दी है.

'तीन महीना पानी में रहना पड़ता है'
जलजमाव से परेशान लोगों ने बताया कि हर साल नगर निगम बारिश से निपटने की तैयारियों के दावे करता है. लेकिन मॉनसून की दस्तक के साथ ही उसके सारे दावे फटे ढोल साबित होते हैं. नवरत्न हाता में रहने वाले स्थानीय बताते हैं कि इस पॉश इलाके में भारी जलजमाव का एक बड़ी वजह 2 साल पहले शुरू हुआ नाला निर्माण कार्य है, जो अब तक अधर में लटका हुआ है. आदिवासी टोला इलाके में रहने वाले स्थानीय कहते हैं कि उन्हें हर साल ही मॉनसून के समय भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. यहां लगभग 3 महीने तक जलजमाव का सामना करना पड़ता है. वहीं, इस संबंध में जब नगर निगम आयुक्त विजय कुमार सिंह से जवाब मांगा गया, तो उन्होंने तैयारियों का हवाला देते हुए कुछ भी कहने से साफ इंकार कर दिया.

पूर्णिया: जिले में मॉनसून की शुरुआती बारिश ने ही नगर निगम की तैयारियों की पोल खोलकर रख दी है. भारी बारिश की वजह से नगर निगम की स्थिति बदतर हो गई है. रिहायशी इलाकों में भी सड़कों पर पानी भर गया है. ऐसे में निगम की अधूरी तैयारियों ने लोगों की परेशानियों को दोगुना कर दिया है.

पूर्णिया शहर में गलियों से लेकर सड़कों तक जलजमाव का नजारा है. बीते शुक्रवार से रुक-रुककर हो रही बारिश से शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में जलजमाव की समस्या पैदा हो गई है. लोग बाहर निकलने से साफ कतरा रहे हैं. वहीं निगम की तैयारी के सभी दावे फेल साबित हुई हैं. आलम ऐसा है कि भीषण जलजमाव की वजह से घरों के अंदर तक नाले का पानी घुस गया है.

देखें रिपोर्ट

लोगों को होती है परेशानी
बाजारों में भी पानी भर गया है, जिससे लोगों को घरों से बाहर निकलने में भारी परेशानी हो रही है. शहर की लाइन बाजार रोड पर घुटने भर पानी लग गया है. वहीं, एसडीओ आवास और कई बड़े विभागों के पास पॉश इलाकों में भी पानी भर गया है. माधोपारा, मधुबनी, आदिवासी टोला, रामबाग, सिपाही टोला, शास्त्रीनगर जैसे दर्जनों इलाकों में जलजमाव की समस्या है. यहां सड़क और नाला निर्माण का कार्य सालों से अधर में लटका हुआ है. बारिश के वजह जलजमाव ने यहां भीषण समस्या पैदा कर दी है.

'तीन महीना पानी में रहना पड़ता है'
जलजमाव से परेशान लोगों ने बताया कि हर साल नगर निगम बारिश से निपटने की तैयारियों के दावे करता है. लेकिन मॉनसून की दस्तक के साथ ही उसके सारे दावे फटे ढोल साबित होते हैं. नवरत्न हाता में रहने वाले स्थानीय बताते हैं कि इस पॉश इलाके में भारी जलजमाव का एक बड़ी वजह 2 साल पहले शुरू हुआ नाला निर्माण कार्य है, जो अब तक अधर में लटका हुआ है. आदिवासी टोला इलाके में रहने वाले स्थानीय कहते हैं कि उन्हें हर साल ही मॉनसून के समय भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. यहां लगभग 3 महीने तक जलजमाव का सामना करना पड़ता है. वहीं, इस संबंध में जब नगर निगम आयुक्त विजय कुमार सिंह से जवाब मांगा गया, तो उन्होंने तैयारियों का हवाला देते हुए कुछ भी कहने से साफ इंकार कर दिया.

Last Updated : Jul 2, 2020, 8:08 AM IST
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