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Independence day 2020: बिहार के इस शहर में 14-15 अगस्त की मध्यरात्रि को फहराया गया तिरंगा

14 अगस्त की मध्य रात में लोग ऐतिहासिक झंडा चौक पर एकत्रित हुए. सन 1947 से चली आ रही परंपरा को कायम रखते हुए स्वतंत्रता सेनानी रामेश्वर प्रसाद सिंह के पोतेविपुल प्रसाद सिंह ने ठीक 12:01 पर झंडा फहराया.

14th August
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Published : Aug 15, 2020, 4:34 AM IST

Updated : Aug 15, 2020, 7:45 AM IST

पूर्णिया: जहां पूरा देश स्वतंत्रता दिवस की सुबह झंडा फहराता है. वहीं, बिहार में एक शहर ऐसा भी है जहां सुबह का इंतजार नहीं होता, यहां 14 अगस्त की रात में ही झंडा फहराया जाता है.

बिहार के पूर्णिया में 14 अगस्त 1947 से चली आ रही परंपरा को कायम रखते हुए लोगों ने ऐतिहासिक झंडा चौक पर मध्य रात्रि को ठीक 12:01 मिनट पर झंडोतोलन कर आजादी का 74 वां वर्षगांठ मनाया. इस खास मौके पर लोगों ने एक-दूसरे को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दी. साथ ही मौजूद लोगों ने इस दौरान भारत माता के जयकारे लगाए.

Independence day
विजय खेमका, विधायक

कम संख्या में मौजूद रहे लोग
कोविड 19 को देखते हुए इस साल स्वतंत्रता सेनानी रामेश्वर प्रसाद सिंह के परिवार के अलावा बेहद कम संख्या में लोगों की मौजूदगी रही. रंग-बिरंगे झालर व नन्हे बच्चों की झांकियां व जलेबियां समारोह से नदारद रहीं. हालांकि राष्ट्रगान व भारत माता की जय के गूंजते जयकारों ने लोगों में भरपूर उत्साह भर दिया.

12:01 मिनट पर फहराया झंडा
14-15 अगस्त की मध्यरात्रि की दूधिया रोशनी में लोग ऐतिहासिक झंडा चौक पर एकत्रित हुए. सन 1947 से चली आ रही परंपरा को कायम रखते हुए स्वतंत्रता सेनानी रामेश्वर प्रसाद सिंह के पोते
विपुल प्रसाद सिंह ने ठीक 12:01 पर झंडा फहराया. इस दौरान विपुल के परिवारिक सदस्य भी इस पल के साक्षी बने. वहीं, इस दौरान जुटे अन्य लोगों के बीच सदर विधायक विजय खेमका , समाजसेवी दिलीप कुमार दीपक, फ्लैग मैन अनिल कुमार चौधरी समेत कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे.

देखें रिपोर्ट

1947 से चली आ रही है परंपरा
स्थानीय विधायक विजय खेमका ने कहा कि बाघा-बॉर्डर के बाद पूर्णिया में सबसे पहले आजादी का जश्न मनाया जाता है. यह परंपरा 1947 से चली आ रही है. जिसे बरकरार रखते हुए 14-15 अगस्त की मध्य रात्रि में ठीक 12:01 पर झंडोत्तोलन किया जाता है. इस बाबत रामेश्वर प्रसाद सिंह के पोता स्वतंत्रा सेनानी रामेश्वर प्रसाद सिंह ने पूर्णिया के झंडा चौक पर तिरंगा फहराया था. तब से लेकर अब तक वह परंपरा जारी है.

पूर्णिया: जहां पूरा देश स्वतंत्रता दिवस की सुबह झंडा फहराता है. वहीं, बिहार में एक शहर ऐसा भी है जहां सुबह का इंतजार नहीं होता, यहां 14 अगस्त की रात में ही झंडा फहराया जाता है.

बिहार के पूर्णिया में 14 अगस्त 1947 से चली आ रही परंपरा को कायम रखते हुए लोगों ने ऐतिहासिक झंडा चौक पर मध्य रात्रि को ठीक 12:01 मिनट पर झंडोतोलन कर आजादी का 74 वां वर्षगांठ मनाया. इस खास मौके पर लोगों ने एक-दूसरे को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दी. साथ ही मौजूद लोगों ने इस दौरान भारत माता के जयकारे लगाए.

Independence day
विजय खेमका, विधायक

कम संख्या में मौजूद रहे लोग
कोविड 19 को देखते हुए इस साल स्वतंत्रता सेनानी रामेश्वर प्रसाद सिंह के परिवार के अलावा बेहद कम संख्या में लोगों की मौजूदगी रही. रंग-बिरंगे झालर व नन्हे बच्चों की झांकियां व जलेबियां समारोह से नदारद रहीं. हालांकि राष्ट्रगान व भारत माता की जय के गूंजते जयकारों ने लोगों में भरपूर उत्साह भर दिया.

12:01 मिनट पर फहराया झंडा
14-15 अगस्त की मध्यरात्रि की दूधिया रोशनी में लोग ऐतिहासिक झंडा चौक पर एकत्रित हुए. सन 1947 से चली आ रही परंपरा को कायम रखते हुए स्वतंत्रता सेनानी रामेश्वर प्रसाद सिंह के पोते
विपुल प्रसाद सिंह ने ठीक 12:01 पर झंडा फहराया. इस दौरान विपुल के परिवारिक सदस्य भी इस पल के साक्षी बने. वहीं, इस दौरान जुटे अन्य लोगों के बीच सदर विधायक विजय खेमका , समाजसेवी दिलीप कुमार दीपक, फ्लैग मैन अनिल कुमार चौधरी समेत कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे.

देखें रिपोर्ट

1947 से चली आ रही है परंपरा
स्थानीय विधायक विजय खेमका ने कहा कि बाघा-बॉर्डर के बाद पूर्णिया में सबसे पहले आजादी का जश्न मनाया जाता है. यह परंपरा 1947 से चली आ रही है. जिसे बरकरार रखते हुए 14-15 अगस्त की मध्य रात्रि में ठीक 12:01 पर झंडोत्तोलन किया जाता है. इस बाबत रामेश्वर प्रसाद सिंह के पोता स्वतंत्रा सेनानी रामेश्वर प्रसाद सिंह ने पूर्णिया के झंडा चौक पर तिरंगा फहराया था. तब से लेकर अब तक वह परंपरा जारी है.

Last Updated : Aug 15, 2020, 7:45 AM IST
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