पूर्णिया: जिले के बायसी अनुमंडल में इस बार परमान नदी का पानी कई पंचायत सहित शहरों में भी घुस आया है. लोगों का घर से निकलना भी दूभर है. बाढ़ के सैलाब को पार करने के लिए लोगों को नाव की सुविधा भी नहीं मिल रही. जिसके कारण लोगों को थर्मोकोल और केले के थम से नाव बनाकर इस्तेमाल करना पड़ रहा है.
थर्मोकोल के नाव पर सैलाब पार करते लोग
जब ईटीवी भारत की टीम नाव की पड़ताल पर निकली तो अनुमंडल कार्यालय के सामने लोगों को थर्मोकोल के बने नाव पर सैलाब पार करते देखा. नाव निर्माता ने बताया कि उनके घर में पानी घुसा हुआ है. 2 दिनों से बिस्कुट खाकर जिंदा है. प्रशासन द्वारा कोई नाव की सुविधा नहीं मिली. अंत में उसने बाजार से 500 रुपये का थर्मोकोल खरीदकर खुद से ही नाव बनाया.
प्रशासन की ओर से एक भी नाव की व्यवस्था नहीं
लोगों ने बताया कि नाव को लेकर बाढ़ से पहले हीं जिला प्रशासन की ओर से दावा किया गया था. बरसात व नेपाल की ओर से जारी अलर्ट को देखते हुए लोगों ने इस बार अधिक नाव की मांग की थी. बावजूद इसके एक भी नाव की व्यवस्था नहीं की गई.