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Cyber Crime: जेल में बंद कैदियों के परिजनों से साइबर ठगी, जानें फ्रॉड का नया तरीका

अब जेल में बंद कैदियों के परिजनों को साइबर अपराधियों ने टारगेट करना शुरू कर दिया है. मामला पूर्णिया सेंट्रल जेल का है. कई परिजनों को साइबर अपराधियों ने फोन कर कैदी की तबीयत खराब होने की जानकारी दी और पैसों की मांग की. एक कैदी के परिजन ने 9000 रुपये दे भी दिए. मामले को लेकर जेल प्रशासन ने नोटिस चस्पा कर सतर्कता बरतने की अपील की है.

Cyber fraud from relatives of prisoners in Purnea
Cyber fraud from relatives of prisoners in Purnea
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Published : Jun 12, 2023, 3:47 PM IST

जेल में बंद कैदियों के परिजनों से साइबर ठगी

पूर्णिया: अब तक आपने साइबर क्राइम के कई मामले देखे होंगे. इसपर लगाम लगाने के लिए शुक्रवार को बिहार में 44 साइबर थाने खोले गए लेकिन पूर्णिया में साइबर अपराधियों को इसका भी डर नहीं. साइबर फ्रॉड द्वारा परिजन को बताया जाता है कि जेल में बंद उनके परिजन की स्थिति काफी नाजुक है, जिसे इलाज के लिए बाहर ले जाया जाना है. साइबर अपराधियों के इस नए कारनामे से बंदी के परिजन और पुलिस दोनों परेशान है.

पढ़ें- Cyber Police Station: बिहार में खोले गए 44 साइबर थाने, जानें कैसे करें शिकायत, महिलाओं को यह सुविधा...

जेल में बंद कैदियों के परिजनों से साइबर ठगी: साइबर अपराधी परिजनों को बताते हैं कि इलाज में काफी रुपए खर्च होंगे. साथ ही साइबर अपराधी अपना अकाउंट नंबर परिजनों को देकर रूपये डालने के लिए राजी कर लेते हैं, जिससे जेल में बंद उनके परिजन का इलाज ठीक ढंग से किया जा सके. एक तरफ मामले की शिकायत कैदी के परिजनों ने जेल अधीक्षक से करते हुए साइबर थाने में मामला दर्ज कराया है वहीं, दूसरी तरफ जेल में कैदी से मिलने पहुंचे परिजनों ने मामले की जांच की मांग की है.

हमें पता चला है कि कुछ कैदी के परिजनों के साथ साइबर क्राइम हो रहा है. रिश्तेदार से कॉल करके पैसों की डिमांड की जाती है. जेल अधीक्षक ने एक नोटिस भी जेल गेट पर लगाया है. साइबर क्राइम की बढ़ती घटना से सभी दहशत में हैं. जांच होनी चाहिए.-चंदन कुमार, कैदी के परिजन

"हमें पता चला कि नौ हजार की ठगी हुई है. पुलिस को सूचना देना चाहिए ताकि ऐसी घटनाओं से बचा सके. लोगों को सतर्क रहना चाहिए."- कैदी के परिजन

"नौ हजार बोल रहा है भेजने के लिए. हम आकर क्यों नहीं परिजन से मिलेंगे, इसलिए मिलने के लिए जेल आए हैं.'- उर्मिला देवी, कैदी की परिजन

कई कैदी के परिजनों को किया गया फोन : ऐसा ही एक मामला सामने आने के बाद कैदी के परिजनों ने आनन-फानन में पूर्णिया के जेल अधीक्षक राजीव कुमार मिश्रा को फोन किया और कैदी के स्वास्थ्य के बारे में पूछा. अधीक्षक ने बताया कि ये गलत जानकारी है. उसके बाद परिजनों को मिलने के लिए बुलाया गया और घटना की सारी जानकारी ली गई.

जेल प्रशासन की सतर्कता बरतने की अपील: धीरे-धीरे बात सामने आई कि पूर्णिया के सेंट्रल जेल में बंद लगभग 24 कैदियों के परिजन को इस तरह का फोन गया था, जिसके बाद जेल प्रशासन हरकत में आया है. जेल गेट पर एक नोटिस चस्पा किया गया है. बता दें कि पिछले 3 दिन पूर्व पूर्णिया में साईं बाग थाना का उद्घाटन किया गया और लोगों को इस बात की जानकारी दी गई थी कि कैसे साइबर अपराधियों से बचा सकता है.

जेल प्रशासन ने जारी किया नोटिस: जेल प्रशासन की ओर से मामले को गंभीरता से लेते हुए एक सूचना भी जारी कर दी गई है. इस आवश्यक सूचना में लिखा है कि आप सभी आगंतुको / बंदी परिजनों को सूचित किया जाता है कि यदि कोई भी व्यक्ति Phone/Mobile तथा अन्य किसी माध्यम से आप से संबंधित बंदी के बीमार या घायल होने की सूचना दिया जाता है और इलाज के लिए रूपयों की मांग की जाती है तो वो आप के साथ धोखा और ठगी कर रहा है.

जेल प्रशासन से संपर्क करने की अपील: इसपर ध्यान न देते हुए इसकी शिकायत आप अपने नजदीकी थाना में करें एवं ठगी का शिकार होने के पूर्व जेल से संपर्क करें.एक बंदी के परिजन द्वारा आवेदन के माध्यम से सूचित किया गया है कि Phone No- 9412617663 से संपर्क कर जेल में संसीमित मेरे संबंधी की तबीयत खराब होने की सूचना दी गई. उसके इलाज के लिए 9000 रुपये की मांग की गई जो मेरे द्वारा उसी नम्बर पर भुगतान कर दिया गया. ज्ञातव्य हो कि कारा प्रशासन की ओर से किसी भी बंदी की जांच और इलाज के लिए किसी भी तरह की राशि नहीं ली जाती है.

"शनिवार रात को हमें एक कैदी के परिजन ने फोन करके बताया कि कैदी कि तबीयत बहुत खराब है और फोन पर पैसा मांगा जा रहा है. हमने बोला कि ऐसी कोई जानकारी हमें नहीं है. फिर हमने पता किया तो मामला झूठा निकला. अगले दिन फेक कॉल की कई शिकायत सामने आई."- राजीव कुमार मिश्रा, जेल अधीक्षक

जेल में बंद कैदियों के परिजनों से साइबर ठगी

पूर्णिया: अब तक आपने साइबर क्राइम के कई मामले देखे होंगे. इसपर लगाम लगाने के लिए शुक्रवार को बिहार में 44 साइबर थाने खोले गए लेकिन पूर्णिया में साइबर अपराधियों को इसका भी डर नहीं. साइबर फ्रॉड द्वारा परिजन को बताया जाता है कि जेल में बंद उनके परिजन की स्थिति काफी नाजुक है, जिसे इलाज के लिए बाहर ले जाया जाना है. साइबर अपराधियों के इस नए कारनामे से बंदी के परिजन और पुलिस दोनों परेशान है.

पढ़ें- Cyber Police Station: बिहार में खोले गए 44 साइबर थाने, जानें कैसे करें शिकायत, महिलाओं को यह सुविधा...

जेल में बंद कैदियों के परिजनों से साइबर ठगी: साइबर अपराधी परिजनों को बताते हैं कि इलाज में काफी रुपए खर्च होंगे. साथ ही साइबर अपराधी अपना अकाउंट नंबर परिजनों को देकर रूपये डालने के लिए राजी कर लेते हैं, जिससे जेल में बंद उनके परिजन का इलाज ठीक ढंग से किया जा सके. एक तरफ मामले की शिकायत कैदी के परिजनों ने जेल अधीक्षक से करते हुए साइबर थाने में मामला दर्ज कराया है वहीं, दूसरी तरफ जेल में कैदी से मिलने पहुंचे परिजनों ने मामले की जांच की मांग की है.

हमें पता चला है कि कुछ कैदी के परिजनों के साथ साइबर क्राइम हो रहा है. रिश्तेदार से कॉल करके पैसों की डिमांड की जाती है. जेल अधीक्षक ने एक नोटिस भी जेल गेट पर लगाया है. साइबर क्राइम की बढ़ती घटना से सभी दहशत में हैं. जांच होनी चाहिए.-चंदन कुमार, कैदी के परिजन

"हमें पता चला कि नौ हजार की ठगी हुई है. पुलिस को सूचना देना चाहिए ताकि ऐसी घटनाओं से बचा सके. लोगों को सतर्क रहना चाहिए."- कैदी के परिजन

"नौ हजार बोल रहा है भेजने के लिए. हम आकर क्यों नहीं परिजन से मिलेंगे, इसलिए मिलने के लिए जेल आए हैं.'- उर्मिला देवी, कैदी की परिजन

कई कैदी के परिजनों को किया गया फोन : ऐसा ही एक मामला सामने आने के बाद कैदी के परिजनों ने आनन-फानन में पूर्णिया के जेल अधीक्षक राजीव कुमार मिश्रा को फोन किया और कैदी के स्वास्थ्य के बारे में पूछा. अधीक्षक ने बताया कि ये गलत जानकारी है. उसके बाद परिजनों को मिलने के लिए बुलाया गया और घटना की सारी जानकारी ली गई.

जेल प्रशासन की सतर्कता बरतने की अपील: धीरे-धीरे बात सामने आई कि पूर्णिया के सेंट्रल जेल में बंद लगभग 24 कैदियों के परिजन को इस तरह का फोन गया था, जिसके बाद जेल प्रशासन हरकत में आया है. जेल गेट पर एक नोटिस चस्पा किया गया है. बता दें कि पिछले 3 दिन पूर्व पूर्णिया में साईं बाग थाना का उद्घाटन किया गया और लोगों को इस बात की जानकारी दी गई थी कि कैसे साइबर अपराधियों से बचा सकता है.

जेल प्रशासन ने जारी किया नोटिस: जेल प्रशासन की ओर से मामले को गंभीरता से लेते हुए एक सूचना भी जारी कर दी गई है. इस आवश्यक सूचना में लिखा है कि आप सभी आगंतुको / बंदी परिजनों को सूचित किया जाता है कि यदि कोई भी व्यक्ति Phone/Mobile तथा अन्य किसी माध्यम से आप से संबंधित बंदी के बीमार या घायल होने की सूचना दिया जाता है और इलाज के लिए रूपयों की मांग की जाती है तो वो आप के साथ धोखा और ठगी कर रहा है.

जेल प्रशासन से संपर्क करने की अपील: इसपर ध्यान न देते हुए इसकी शिकायत आप अपने नजदीकी थाना में करें एवं ठगी का शिकार होने के पूर्व जेल से संपर्क करें.एक बंदी के परिजन द्वारा आवेदन के माध्यम से सूचित किया गया है कि Phone No- 9412617663 से संपर्क कर जेल में संसीमित मेरे संबंधी की तबीयत खराब होने की सूचना दी गई. उसके इलाज के लिए 9000 रुपये की मांग की गई जो मेरे द्वारा उसी नम्बर पर भुगतान कर दिया गया. ज्ञातव्य हो कि कारा प्रशासन की ओर से किसी भी बंदी की जांच और इलाज के लिए किसी भी तरह की राशि नहीं ली जाती है.

"शनिवार रात को हमें एक कैदी के परिजन ने फोन करके बताया कि कैदी कि तबीयत बहुत खराब है और फोन पर पैसा मांगा जा रहा है. हमने बोला कि ऐसी कोई जानकारी हमें नहीं है. फिर हमने पता किया तो मामला झूठा निकला. अगले दिन फेक कॉल की कई शिकायत सामने आई."- राजीव कुमार मिश्रा, जेल अधीक्षक

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