पटना: राजधानी पटना के संजय गांधी जैविक उद्यान में इंडोनेशिया से तीन जेब्रा लाने की तैयारी चल रही है. इसके बदले में पटना जू से एक नर गैंडा दिया जाएगा. इस बात की जानकारी पटना जू के निदेशक डॉ सत्यजीत कुमार ने दी है. डायरेक्टर डॉ सत्यजीत की माने तो इंडोनेशिया के चिड़ियाघर से इसकी स्वीकृति मिल गई है. अब बिहार सरकार के वन एवं पर्यावरण के पास फाइल पर अंतिम मुहर लगना बाकी है. उन्होंने जल्द ही स्वीकृत होने की उम्मीद जतायी है.
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पटना जू में एक मादा जेब्राः बता दें कि चिड़ियाघरों में कोई भी दूसरे जानवर को जब कहीं और से मंगाया जाता है तो उसके बदले उस चिड़ियाघर को अपने यहां से कुछ जानवर भेजे जाते हैं, जिसे अदला-बदली कार्यक्रम कहा जाता है. गौरतलब हो कि पटना जू में अभी मात्र एक मादा जेब्रा ही है. इससे पहले मैसूर जू से 10 फरवरी 2023 को एक जोड़ा जेब्रा लाया गया था, जिसमें 1 जेब्रा की कुछ दिनों बाद ही मार्च में मौत हो गई थी. इसके बाद से मात्र एक मादा जेब्रा ही पटना जू में है. पशु चिकित्सकों की मानें तो मादा जेब्रा को नर जेब्रा का साथ मिलना जरूरी है, नहीं तो इसके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है.
अफ्रीकी देशों से वन्य प्राणियों को लाने की तैयारीः पटना जू में जेब्रा की संख्या को बढ़ाने के लिए इंडोनेशिया से तीन जेब्रा जिसमें दो नर और एक मादा को लाने की तैयारी है. इसके साथ ही पटना जू प्रबंधन जून में जानवरों की संख्या को बढ़ाने के लिए अफ्रीकी देशों से 30 से अधिक किस्म के वन्य प्राणियों को लाने की तैयारी में भी लगा हुआ है. बता दें कि हाल ही में पटना जू में काला तेंदुआ को असम के गुवाहाटी जू से लाया गया है और इसके बदले पटना जू ने एक जिराफ गुवाहाटी जू को दिया है. वर्तमान में पटना जू में 800 से अधिक किस्म के जीव जंतु मौजूद हैं. सफेद बाघ पटना जू का आकर्षण का केंद्र है.
गैंडा के कंजर्वेशन के लिए प्रसिद्धः पटना का संजय गांधी जैविक उद्यान गैंडा के कंजर्वेशन के लिए प्रसिद्ध है. सेंट्रल जू अथॉरिटी के मुताबिक गैंडा के कंजर्वेशन ब्रीडिंग प्रोग्राम को लेकर पटना जू स्पेशल सेंटर है. यहां का माहौल गैंडा के लिए अनुकूल है. गैंडा का प्रजनन दर भी अच्छा है. मोर्टालिटी रेट भी काफी कम है. बीते कुछ वर्षों में पटना जू से 50 से भी अधिक गैंडा देश के विभिन्न चिड़िया घरों और विदेश भेजे गए हैं. इसके बदले उन जगहों से दूसरे जानवर पटना जू लाए गए हैं.