पटनाः साल 2015 में नीतीश कुमार की सरकार राज्य में पूर्ण शराबबंदी का कानून लेकर आई थी. लेकिन शराबबंदी के बाद इसका साइड इफेक्ट कफ सिरप के रूप में सड़कों पर देखने को मिल रहा है.
राजधानी पटना में कई इलाकों में नशे के लिए शराब के विकल्प तैयार किये जा रहे हैं. होली के मौके पर सड़कों पर सैकड़ों की संख्या में कफ सिरप की खाली बोतलें फेंकी हुई बरामद की गई. बता दें कि जबसे शराबबंदी बिहार में लागू हुई है, तभी से युवा वर्ग इसके विकल्प की तलाश में जुटे रहते हैं. कभी गांजा, स्मैक तो कभी इस तरह की कफ सिरप की बोतलें भारी मात्रा में जप्त किये जाते हैं.
अलग-अलग नशे का उपयोग
कहा जाता है बिहार में शराबबंदी के बाद नशे का एक बड़ा बाजार तैयार हो गया है. इस बाजार में अवैध शराब, नकली शराब, चरस, गांजा और कई प्रतिबंधित दवाओं की बड़ी संख्या में खरीदार तैयार हो गए हैं. हालांकि समय-समय पर इसको रोकने के लिए सरकार द्वारा कई कदम उठाए जा रहे हैं.