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शराबबंदी के बाद इस नशे का शिकार हो रहे हैं युवा, सैकड़ों की संख्या में बोतल बरामद

राजधानी पटना में कई इलाकों में नशे के लिए शराब के विकल्प तैयार किये जा रहे हैं. होली के मौके पर सड़कों पर सैकड़ों की संख्या में कफ सिरप की खाली बोतलें फेंकी हुई बरामद की गई. बता दें कि जबसे शराबबंदी बिहार में लागू हुई है,

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Published : Mar 22, 2019, 2:55 PM IST

खफ सिरप कि बोतलें

पटनाः साल 2015 में नीतीश कुमार की सरकार राज्य में पूर्ण शराबबंदी का कानून लेकर आई थी. लेकिन शराबबंदी के बाद इसका साइड इफेक्ट कफ सिरप के रूप में सड़कों पर देखने को मिल रहा है.

राजधानी पटना में कई इलाकों में नशे के लिए शराब के विकल्प तैयार किये जा रहे हैं. होली के मौके पर सड़कों पर सैकड़ों की संख्या में कफ सिरप की खाली बोतलें फेंकी हुई बरामद की गई. बता दें कि जबसे शराबबंदी बिहार में लागू हुई है, तभी से युवा वर्ग इसके विकल्प की तलाश में जुटे रहते हैं. कभी गांजा, स्मैक तो कभी इस तरह की कफ सिरप की बोतलें भारी मात्रा में जप्त किये जाते हैं.

खफ सिरप कि बोतल से करते हैं नशा

अलग-अलग नशे का उपयोग

कहा जाता है बिहार में शराबबंदी के बाद नशे का एक बड़ा बाजार तैयार हो गया है. इस बाजार में अवैध शराब, नकली शराब, चरस, गांजा और कई प्रतिबंधित दवाओं की बड़ी संख्या में खरीदार तैयार हो गए हैं. हालांकि समय-समय पर इसको रोकने के लिए सरकार द्वारा कई कदम उठाए जा रहे हैं.

पटनाः साल 2015 में नीतीश कुमार की सरकार राज्य में पूर्ण शराबबंदी का कानून लेकर आई थी. लेकिन शराबबंदी के बाद इसका साइड इफेक्ट कफ सिरप के रूप में सड़कों पर देखने को मिल रहा है.

राजधानी पटना में कई इलाकों में नशे के लिए शराब के विकल्प तैयार किये जा रहे हैं. होली के मौके पर सड़कों पर सैकड़ों की संख्या में कफ सिरप की खाली बोतलें फेंकी हुई बरामद की गई. बता दें कि जबसे शराबबंदी बिहार में लागू हुई है, तभी से युवा वर्ग इसके विकल्प की तलाश में जुटे रहते हैं. कभी गांजा, स्मैक तो कभी इस तरह की कफ सिरप की बोतलें भारी मात्रा में जप्त किये जाते हैं.

खफ सिरप कि बोतल से करते हैं नशा

अलग-अलग नशे का उपयोग

कहा जाता है बिहार में शराबबंदी के बाद नशे का एक बड़ा बाजार तैयार हो गया है. इस बाजार में अवैध शराब, नकली शराब, चरस, गांजा और कई प्रतिबंधित दवाओं की बड़ी संख्या में खरीदार तैयार हो गए हैं. हालांकि समय-समय पर इसको रोकने के लिए सरकार द्वारा कई कदम उठाए जा रहे हैं.

Intro: 3 सालों से बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू है। शराबबंदी का साइड इफेक्ट दिख रहा है बिहार की सड़कों पर । राजधानी पटना में कई इलाकों में नशे के लिए शराब के विकल्प तैयार हो गए हैं। होली का मौका है और राजधानी की सड़कों पर सैकड़ों की संख्या में कफ सिरप की खाली बोतलें फेंकी हुई है । यावत ले गवाह है कि आज भी बिहार नशे की चपेट से बाहर नहीं निकल पा रहा है। 2015 में नीतीश कुमार की तीसरी बार सरकार बनने के बाद राज्य में पूर्ण शराबबंदी कानून लाया गया । जिसके बाद शराब की खरीद - बिक्री और पीने तक पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया। कई कड़े प्रावधान और कानून लागू किए गए ।


Body:जबसे शराबबंदी बिहार में लागू हुई है,खासतौर पर युवा वर्ग इसके विकल्प की तलाश में जुटे रहते हैं । कभी गांजा, स्मैक तो कभी इस तरह की कफ सिरप की बोतलें भारी मात्रा में जप्त किये जप्त किये जाते हैं ।


Conclusion:कहा जा8ता है बिहार में शराबबंदी के बाद नशे का एक बड़ा बाजार तैयार हो गया है। इस बाजार में अवैध शराब, नकली शराब, चरस, गंजा और कई प्रतिबंधित दवाओं का बड़ी संख्या में खरीदार तैयार हो गए हैं।
हालांकि समय- समय पर इसको रोकने के लिए सरकार द्वारा कई कदम जरूर उठाए जाते हैं। बावजूद इसके वर्तमान बिहार में युवा पीढ़ी नए - नए विकल्प की तलाश में हमेशा लगे रहते हैं। जिससे होली के मौके पर सैकड़ों की संख्या में कफ सिरफ की खाली बोतले पाया जा रहा है , इससे साफ है कि बिहार में शराबबंदी का साइड इफेक्ट जबरदस्त रूप में फैल रहा है।
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