पटना: विप्रो ने पटना विश्वविद्यालय के छात्रों के लिए 4 साल का इंटीग्रेटेड लर्निंग प्रोग्राम लॉन्च किया है. इसके साथ ही छात्रों को विप्रो की तरफ से अच्छी खासी स्टाइपेंड राशि भी दी जाएगी. इंटीग्रेटेड लर्निंग प्रोग्राम के लिए विश्वविद्यालय के वही छात्र हिस्सा ले सकते हैं जो 2021 के बीसीए या बीएससी की फाइनल परीक्षा में शामिल हो रहे हैं और उनका रिजल्ट इसी साल निकलने वाला है.
यह भी पढ़ें- पटना: पैक्स चुनाव को लेकर मतदान केंद्र के लिए रवाना हुए मतदानकर्मी
छात्रों के लिए अच्छी खबर
इस इंटीग्रेटेड लर्निंग प्रोग्राम के चयन प्रक्रिया में शामिल होने के लिए छात्रों का स्नातक में 60% अंक या 6 सीजीपीए होना अनिवार्य है. यह 4 साल का स्तर का एडवांस डिग्री कोर्स है. और इस कोर्स के लिए छात्रों को ऑनलाइन एसेसमेंट टेस्ट, टेक्निकल इंटरव्यू और एचआर इंटरव्यू देना होगा. जो भी छात्र इस कोर्स के लिए चयनित होंगे उन छात्रों को विप्रो की तरफ से पहले साल में प्रतिमाह 15000 रुपये स्टाइपेंड मिलेगा. वहीं दूसरे साल में 17000 रुपये , तीसरे साल में 19000 रुपये और चौथे साल में 23000 रुपये प्रतिमाह स्टाइपेंड के तौर पर छात्रों को मिलेगा.
विप्रो की पहल
विप्रो की इस पहल की चौतरफा सराहना हो रही है. इस प्रकार के कोर्सेज की नई शिक्षा नीति में चर्चा चल रही है. जबकि इस प्रकार के इंटीग्रेटेड लर्निंग प्रोग्राम की चर्चा बहुत लेट शुरू हुई है. सभी का मानना है कि इसे बहुत पहले शुरू हो जाना चाहिए था.
यह भी पढ़ें- 10 वर्षों में भी नहीं बना ताजपुर-बख्तियारपुर पुल, हैदराबाद की एजेंसी से काम छीनने की तैयारी
विप्रो की तरफ से यह बहुत ही सराहनीय पहल है. इस पहल की जितनी सराहना की जाए कम है. इस इंटीग्रेटेड लर्निंग प्रोग्राम के माध्यम से बहुत सारे बच्चों को लाभ मिलेगा खासकर बीसीए और बीएससी के छात्रों को. इन छात्रों को वोकेशनल कोर्सेज खासकर जॉब सर्चिंग एरियाज में काफी मदद मिलने वाली है. - डॉ एनके झा, पटना विश्वविद्यालय के डीन
छात्रों को स्टाइपेंड
पढ़ाई के साथ साथ विप्रो द्वारा शुरू किए गए इस इंटीग्रेटेड लर्निंग प्रोग्राम में छात्रों को स्टाइपेंड राशि भी दी जा रही है. यह बहुत ही शानदार पहल है क्योंकि इससे छात्रों को अर्निंग फ्रॉम लर्निंग होगी.
अर्निंग फ्रॉम लर्निंग
उच्च स्तरीय पढ़ाई के दौरान छात्रों को पैसे कमाने की चिंता खूब सताती है क्योंकि विश्वविद्यालय में अधिकांश छात्र गरीब और मध्यमवर्गीय समाज से होते हैं. ऐसे में छात्र अब कमाई की चिंता करने के बजाए अच्छे ज्ञान और कौशल को प्राप्त करने पर अधिक ध्यान केंद्रित कर सकेंगे.
इस प्रोग्राम के माध्यम से विश्वविद्यालय के जो मेधावी छात्र हैं और गरीब व मध्यम वर्गीय परिवार से आते हैं उन्हें काफी लाभ मिलेगा.निश्चित तौर पर इंटीग्रेटेड लर्निंग प्रोग्राम एक अच्छी पहल है.