पटना : उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव आज दिल्ली गए हैं. पटना एयरपोर्ट पर पत्रकारों के एक सवाल की जवाब में उन्होंने कहा कि जिस तरह का खबर चलायी जा रही है कि नीतीश कुमार फिर से भाजपा में जा रहे हैं? उसके बारे में मुख्यमंत्री जी ने सब कुछ बात दिया है. तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी साजिश के तहत ऐसा करवा रही है. इस तरह का प्रचार प्रसार करने में भाजपा के लोग माहिर हैं. कहीं न कहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की छवि को धूमिल करने की कोशिश की जा रही है.
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'महागठबंधन में सब सही' : वहीं जब उनसे सवाल किया गया इंडिया गठबंधन को लेकर भी कहा जा रहा है कि इसमें भी टूट हो सकती है? तो उन्होंने कहा कि ऐसा कुछ नहीं होने वाला. बिहार से हम लोगों ने यह मिशन शुरू किया है और अब पूरे देश में विपक्षी दल एक जुट हो गए हैं. हमारे गठबंधन में सब कुछ सही है और आगे भी यह मिशन जारी है. निश्चित तौर पर विपक्षी दलों की एकजुटता को लेकर जो काम करना है, वह काम हो रहा है. सब कुछ आगे बढ़ रहा है
''ऐसा कुछ होने वाला नहीं है हम लोग ने एक साथ जो प्रण लिए थे, उसी पर हम लोग कम कर रहे हैं. पिछले साल 9 अगस्त को हम लोग साथ हुए थे. उसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में पूरे देश में विपक्षी दलों को एकजुट करने का काम शुरू हुआ. अब इंडिया गठबंधन बना है. तब से भाजपा में बेचैनी हो गयी है.''- तेजस्वी यादव, डिप्टी सीएम
'टूट तो एनडीए रही है' : एआईडीएमके एनडीए गठबंधन से अलग हुआ है. दक्षिण भारत में वह मजबूत पार्टी है. वहां पर कांग्रेस के साथ सभी लोग जा रहे हैं. आप देखते जाइए किस तरह से धीरे-धीरे एनडीए का कुनबा खत्म हो रहा है. उन्होंने कहा कि पिछले दिनों एनडीए की बैठक हुई. प्रधानमंत्री बहुत कुछ बोले, लेकिन गठबंधन के नेता कुछ नहीं बोले. क्या कुछ सामने आया कोई जानता भी नहीं है.
''जिस तरह से बिहार में जदयू एनडीए से अलग हुआ उसके बाद महाराष्ट्र में शिवसेना अलग हुई और अब एआईडीएमके अलग हो गई है. इसको देखकर कहा जा सकता है कि धीरे-धीरे अब एन डी ए का कुनबा टूटता जा रहा है. इसका अगर मुख्य कारण है तो वह इन दो नेताओं की तानाशाही है. जो तानाशाह की तरह गठबंधन से दल अलग हो रहे हैं.''- तेजस्वी यादव, डिप्टी सीएम
'विरोध विचारधारा का व्यक्ति से नहीं' : वहीं जब उनसे सवाल किया गया कि आज पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती के अवसर पर आप भी वहां गए थे तो उन्होंने कहा कि कोई किसी का विचारधारा का विरोध करता है व्यक्ति का नहीं. जो लोग गांधी जी का विरोध करते हैं क्या उनके प्रतिमा पर जाकर माल्यार्पण नहीं करते हैं? ऐसा कुछ नहीं है. हम शुरू से ही ऐसे आदमी है कि किसी के विचारधारा से हमारा विरोध होता है ना कि किसी व्यक्ति विशेष से होता है. यह भाजपा के लोगों का काम है कि वह व्यक्ति विशेष से भी विरोध करती है.