मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महाविकास अघाड़ी की करारी हार के बाद अब ईवीएम मशीनों पर सवालिया निशान खड़ा हो रहा है. महाविकास अघाड़ी के नेताओं ने महायुति की जीत के लिए ईवीएम को जिम्मेदार ठहराया है. सांसद संजय राउत ने कई निर्वाचन क्षेत्रों में ईवीएम में खराबी का हवाला देते हुए दोबारा चुनाव कराने की मांग की है. दूसरी ओर, दहिसर विधानसभा क्षेत्र से मनसे उम्मीदवार राजेश येरुणकर ने ईवीएम पर संदेह जताया है कि, उन्हें अपने घर से भी वोट नहीं मिले.
राजेश येरुणकर ने आरोप लगाते हुए कहा कि, विधानसभा चुनाव के लिए हुए मतदान में कई जगहों पर डाले गए वोट और ईवीएम का मिलान नहीं हुआ. राज्य के कुल 288 निर्वाचन क्षेत्रों में से 95 निर्वाचन क्षेत्रों में 20 नवंबर को चुनाव के दिन ईवीएम में हुए मतदान और 23 नवंबर को उन्हीं ईवीएम से हुए वास्तविक मतदान में बड़ा अंतर था. राज्य के कुल 76 निर्वाचन क्षेत्रों में ईवीएम में कम वोट पाए गए. जबकि 19 निर्वाचन क्षेत्रों में ज्यादा वोट पाए गए और 193 निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान और गिनती के दौरान ईवीएम में मिले वोटों में कोई अंतर नहीं था. बता दें कि, दहिसर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा की मनीषा चौधरी ने जीत हासिल की.
वहीं, मनसे उम्मीदवार राजेश येरुनकर को 5456 वोट मिले. येरुनकर ने कहा कि, वे जहां रहते हैं, वहां स्थित एक बूथ पर केवल दो वोट मिले. इस बारे में बात करते हुए दहिसर विधानसभा क्षेत्र से मनसे उम्मीदवार राजेश येरुनकर ने तीन सवाल उठाए हैं. पहला, ईवीएम मशीनों में तीन सील होती हैं. दूसरा जब मशीन की चार्जिंग चेक की गई तो कुछ मशीनें 99 फीसदी, कुछ 70 फीसदी और कुछ 60 फीसदी ही चार्ज हो रही थीं. जब मशीन इतने लंबे समय से चल रही है तो चार्जिंग 99 फीसदी कैसे रह सकती है? यह भी एक सवाल है.
राजेश येरुनकर ने तीसरा सवाल उठाते हुए कहा कि, 'मैं यहां का स्थानीय निवासी हूं, और मेरे घर में चार वोट हैं- मैं, मेरी पत्नी, मेरी बेटी और मेरी मां... ऐसे में मुझे सिर्फ दो वोट मिले.' उन्होंने सवाल किया कि, ऐसा कैसे हो सकता है कि उनकी मां या पत्नी या बेटी ने उन्हें वोट नहीं दिया? उन्होंने ईवीएम पर सवाल उठाते हुए कहा कि, उनके पार्टी कार्यकर्ताओं के वोट कहां गए?
61 फीसदी लोग ईवीएम को पसंद करते हैं
फिलहाल भारत में किसी भी चुनाव के बाद विपक्षी दलों की ओर से ईवीएम मशीनों को लेकर संदेह जताया जाता रहा है. इसी वजह से जुलाई 2024 में YouGov-Mint-CPR मिलेनियल सर्वे कराया गया था. इस सर्वे में कांग्रेस और भाजपा समर्थकों को शामिल किया गया था. वहीं इस सर्वे में किसी भी राजनीतिक दल से नहीं जुड़े लोगों की राय भी मांगी गई थी. इस सर्वे में 61 प्रतिशत लोगों ने कहा कि मतदान के लिए ईवीएम का इस्तेमाल होना चाहिए. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इसमें कोई छेड़छाड़ नहीं की जा सकती. जबकि 39 प्रतिशत लोगों ने बैलेट पेपर को प्राथमिकता दी है और ईवीएम की जगह बैलेट पेपर प्रणाली शुरू करने की मांग की है.
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