पटना: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने मंगलवार को लोकसभा में केंद्रीय बजट पेश किया. बजट में कॉर्पोरेट सेक्टर समेत कई सेक्टरों में छूट दी गई है. बजट पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने बजट को सकारात्मक एवं स्वागतयोग्य बताया है. उन्होंने कहा कि बजट पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि पिछले 2 वर्षों से देश का विकास कोरोना के कारण प्रभावित रहा है. इन विषम परिस्थितियों से निकलने के लिए केंद्र सरकार द्वारा बजट के माध्यम से देश के विकास की गति को बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं, जो सराहनीय हैं. आइये जानते हैं कि आम बजट से बिहार को क्या मिला.
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राजकोषीय प्रबंधन के मुद्दे पर राज्यों को एक बड़ी राहत की घोषणा की गयी है. वित्त मंत्री ने राज्यों को 1.00 लाख करोड़ रुपया ब्याज मुक्त ऋण 50 वर्षों के लिए उपलब्ध कराने की घोषणा की है. ऐसे में बिहार को ब्याज मुक्त ऋण करीब आठ हजार करोड़ रुपये प्राप्त होंगे. वही करीब 82 हज़ार करोड़ रुपये केंद्रीय कर में हिस्सेदारी के रूप में मिलेंगे. इसी के साथ, केंद्र सरकार द्वारा मंगलवार को पेश वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट में बिहार समेत सभी राज्यों के लिए अतिरिक्त राशि देने व्यवस्था की गयी है. इसका फायदा भी राज्य को मिलेगा.
बात करें, नयी वंदे भारत ट्रेनों की तो वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से पेश बजट में अगले तीन साल में 400 नयी वंदे भारत ट्रेनों का विकास व निर्माण किये जाने की घोषणा की गयी है. इसका फायदा भी पटना को मिलेगा. साथ ही, केंद्रीय बजट में पिछले साल के मुकाबले मेट्रो परियोजनाओं के लिए अधिक राशि का आवंटन होने से पटना मेट्रो के काम की रफ्तार भी तेज होने की उम्मीद जगी है. वहीं, बजट में जैविक कॉरिडोर को और भी विकसित करने की बात कही गई. बता दे कि राज्य सरकार द्वारा अपने संसाधनों से गंगा के दोनों किनारों के 13 जिलों में जैविक कॉरिडोर (Biological Corridor) विकसित किया जा रहा है.
बिहार में पिछले पांच-छह वर्षों के दौरान खेती के स्वरूप में तेजी से तब्दीली आ रही है. सेहत के प्रति सतर्कता का नतीजा है कि जैविक खेती की ओर रुझान साल दर साल तेजी से बढ़ रहा है. पिछले कुछ साल के आंकड़ों पर गौर करें तो यह वृद्धि करीब छह सौ फीसद है. हालांकि इसके पीछे सरकार की जैविक प्रोत्साहन नीति भी है. राज्य सरकार जैविक खेती करने वाले किसानों को प्रति एकड़ 11,500 रुपये का अनुदान दे रही है.
बता दें कि पटना, नालंदा, बक्सर, भोजपुर, वैशाली, सारण, समस्तीपुर, बेगूसराय, मुंगेर, लखीसराय, खगडिय़ा, कटिहार और भागलपुर जिलों में समूह बनाकर किसान बड़े स्तर पर जैविक खेती कर रहे हैं. उन्हें प्रति एकड़ 11 हजार 500 रुपये का अनुदान दिया जा रहा है.
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