पटना: विश्व हिंदू परिषद के प्रमुख पद्मश्री डॉ आरएन सिंह (VHP chief Dr RN Singh) ने मंगलवार को ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने जिस प्रकार से अपने घोषणापत्र में बजरंग दल को बैन करने का वादा किया है. यह पूरी तरह से तुष्टिकरण की राजनीति से प्रेरित कदम है. कांग्रेस का यह कदम ठीक उसी प्रकार है जिस प्रकार रावण ने हनुमान जी के पूंछ में आग लगाई थी और उसे इसका अंदाजा नहीं था कि इससे उसकी लंका ही जलेगी. कांग्रेस ने ठीक वहीं काम किया है.इसका परिणाम कांग्रेस को भुगतना होगा.
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कांग्रेस को नुकसान का अंदाजा नहींः आरएन सिंह ने कहा कि कांग्रेस को इसका अंदाजा नहीं है कि उसके इस कदम से उसे कितना बड़ा नुकसान होने जा रहा है. उन्होंने कहा कि बजरंग दल हिंदू संस्कृति को मानने वाले लोगों का संगठन है, जो सेवा, सुरक्षा और संस्कार के लिए काम करता है. बजरंग दल जैसे संगठन का पीएफआई जैसे संगठन से कुछ राजनीतिक दलों ने तुलना की है. यह बहुत ही शर्मनाक बात है और इससे हिंदू समाज बहुत आहत है. विश्व हिंदू परिषद इसकी कड़ी भर्त्सना करता है और इसी के विरोध में उन लोगों ने आज मंगलवार को पूरे देश में ओंकार जाप करने के साथ-साथ श्री राम नाम का जप किया है और फिर हनुमान चालीसा का पाठ किया है. इसके माध्यम से वह लोग राजनीतिक दलों को बता रहे हैं कि उनका सामाजिक प्रभाव क्या है.
"कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने जिस प्रकार से अपने घोषणापत्र में बजरंग दल को बैन करने का वादा किया है. यह पूरी तरह से तुष्टिकरण की राजनीति से प्रेरित कदम है. कांग्रेस का यह कदम ठीक उसी प्रकार है जिस प्रकार रावण ने हनुमान जी के पूंछ में आग लगाई थी और उसे इसका अंदाजा नहीं था कि इससे उसकी लंका ही जलेगी. कांग्रेस ने ठीक वहीं काम किया है.इसका परिणाम कांग्रेस को भुगतना होगा" - डाॅ आरएन सिंह, प्रमुख, विहिप
किसी दूसरे धर्म पर सवाल खड़ा करने की नेताओं में हिम्मत नहींः बागेश्वर धाम के पुजारी पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के बिहार दौरे का कुछ दलों द्वारा बिहार में विरोध किए जाने के सवाल पर डॉ आरएन सिंह ने कहा कि वह सीना ठोक कर कहते हैं कि इन राजनेताओं में जो हिंदू धर्म पर सवाल खड़े कर रहे हैं अगर उनमें कलेजा है या हिम्मत है तो कुरान और बाइबिल के संबंध में एक लाइन खिलाफ बोल कर देख ले. वह दावे के साथ कह सकते हैं कि ऐसे नेता जो हिंदू धर्म पर सवाल खड़े कर रहे हैं. वह ऐसा नहीं करेंगे. लेकिन यही हमारे रामचरितमानस के बारे में, हमारे बजरंगबली के बारे में, हमारे बजरंग दल के बारे में, हिंदू और सनातन संस्कृति के कथावाचकों के बारे में अनाप-शनाप टिप्पणियां करेंगे. उन्हें यह जानकारी होनी चाहिए कि वह जिस देश में रहते हैं. उस देश का नाम हिंदुस्तान है.
'हिंदू धर्म ही राष्ट्रीयता की बात करता है':पद्मश्री डॉ आरएन सिंह ने कहा कि हमारे यहां सबसे बड़ी खामी है कि सभी लोग अधिकार की बात करते है. संविधान से मिले अधिकारों की बात करते हैं, लेकिन कोई कर्तव्य की बात नहीं करता. हमारा सामाजिक और राष्ट्रीय कर्तव्य क्या है इस पर कोई बात नहीं करता ना ही कोई कार्य करता है. उन्होंने कहा कि यह हिंदू धर्म ही है कि जो राष्ट्रीयता की बात करती है और जो मुसलमान है वह उम्मा की बात करते हैं यानी राष्ट्र नहीं सिर्फ अल्लाह और सभी राष्ट्र मुस्लिम राष्ट्र.
जापान और इजराइल राष्ट्रीयता के कारण उठ खड़े हुएः आरएन सिंह ने कहा कि राष्ट्रीयता कितना बड़ा फर्क रखता है तीन उदाहरण से देखें तो जापान के ऊपर एटम बम गिर गया, विश्व के नक्शे से मिटाने की कोशिश की गई लेकिन राष्ट्रीयता के कारण एक बार फिर से सशक्त देश बनकर खड़ा हुआ. इजराइल को देखे तो 100 वर्षों से विश्व के नक्शे से गायब राष्ट्र अचानक उठ खड़ा होता है और अपनी राष्ट्रीयता के पहचान की बदौलत इजराइल आज दुनिया के सामने मजबूती से खड़ा है. उन्होंने कहा कि वहीं अगर अफगानिस्तान की बात करें तो वहां राष्ट्रीयता नहीं है और देखिए किस प्रकार दुनिया के नक्शे से अफगानिस्तान गायब हो गया है. जहां राष्ट्रीयता की बात नहीं होती, वहां कुछ नहीं हो सकता. कुछ विकास नहीं होगा. सभी हिंदू समाज राष्ट्रीयता की बात करते हैं, इसलिए देश के विकास की बातें करते हैं.
सेक्युरलिज्म से देश का नुकसान होगाः डॉ आरएन सिंह ने कहा कि लेकिन जो लोग तुष्टीकरण करते हैं और सेकुलरिज्म के कीड़ा से चलते हैं. उनको इस बात का ज्ञान होना चाहिए कि जिस प्रकार कोरोना के समय कोरोना मरीज को कोरोना का कीड़ा मार रहा था. वह यह नहीं जानता था कि डेड बॉडी जलने के साथ वह भी उसमें साथ में जल जाएगा. यही हाल सेक्युलरिज्म के कीड़ा से चलने वाले नेताओं का है. उन्हें अंदाजा नहीं है कि इस सेक्युलरिज्म के कीड़ा से जब देश का नुकसान होगा तो वह लोग भी नहीं बचेंगे और उनका और उनके परिवारों का भी नुकसान होगा.