पटना: भागलपुर का चयन स्मार्ट सिटी में किया जा चुका है. शहर तो स्मार्ट नहीं हुआ पर घोटाले जरूर हुए. स्थानीय विधायक अजीत शर्मा ने भागलपुर को स्मार्ट सिटी बनाने के नाम पर करोड़ों रुपए का बंदरबांट का आरोप लगाया है. बिहार विधानसभा में अजीत शर्मा ने कहा कि स्मार्ट सिटी के नाम पर बड़े पैमाने पर भागलपुर में घोटाला हो रहा है.
विधानसभा में भी उठा मुद्दा
भागलपुर शहर को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए साल 2016 में चयन किया गया था. स्मार्ट सिटी बनाने के नाम पर करोड़ों रुपए पानी की तरह बहाए जा रहे हैं. लेकिन धरातल पर कुछ दिखाई नहीं दे रहा है. मॉनसून सत्र के सातवें दिन कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा ने इस मामले को विधानसभा में जोर-शोर से उठाया.
उच्चस्तरीय जांच की मांग
कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा ने कहा कि एजेंसियों को पैसा दिया जा चुका है और काम एक भी नहीं हुआ है. ना ही शहर में वाई-फाई लगे हैं और ना ही दूसरे कोई काम पूरे हुए हैं,. स्मार्ट सिटी के नाम पर एजेंसियां पैसों का बंदरबांट कर रही हैं. मामले पर अजीत शर्मा ने उच्चस्तरीय जांच की मांग की है. नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा ने सदन की कार्रवाई खत्म होने के बाद कहा कि भागलपुर मामले की जांच कराई जाएगी.