हैदराबाद/कांकेर: छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में सुरक्षा बलों ने कुख्यात नक्सली नेता बालमुरी नारायण राव उर्फ प्रभाकर को गिरफ्तार कर लिया है. 57 वर्षीय नक्सली नेता रसद आपूर्ति का प्रभारी और टॉप माओवादी नेताओं का करीबी सहयोगी बताया जाता है. छत्तीसगढ़ सरकार ने इसके सिर पर 25 लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था.
खबर के मुताबिक, अन्य राज्यों ने राव के सिर पर इनाम घोषित कर रखा था. तेलंगाना के वर्तमान जगतियाल जिले के बीरपुर मंडल केंद्र का रहने वाला, नारायण राव चार दशकों से अधिक समय से पुलिस से बच रहा था. वह वर्तमान में माओवादी केंद्रीय और प्रांतीय समितियों का एक प्रमुख सदस्य, दंडकारण्यम स्पेशल जोनल कमेटी (डीकेएसजेडसी) के लिए आपूर्ति का प्रभारी और माओवादी मोबाइल पॉलिटिकल स्कूल का प्रमुख है.
माओवादी आंदोलन में राव की भागीदारी साल 1984 से है. इन वर्षों में उसने माओवादी संगठन के भीतर अलग-अलग महत्वपूर्ण पदों पर रहते हुए मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तत्कालीन आंध्र प्रदेश सहित कई राज्यों में काम किया है.
परिवार का माओवादी नेतृत्व से संबंध
नारायण राव बीरपुर गांव के ही माओवादी पार्टी सेंट्रल कमेटी के पूर्व सचिव गणपति का भाई है. माओवादी आंदोलन के साथ उसके परिवार का भी जुड़ाव रहा है. उसकी पत्नी राजे कांगे, को छत्तीसगढ़ में रावघाट क्षेत्र समिति का प्रभारी बताया जाता है.
नारायण राव बीरपुर गांव के ही माओवादी पार्टी सेंट्रल कमेटी के पूर्व सचिव गणपति का भाई है. बालमुरी नारायण राव के खिलाफ कई राज्यों में आपराधिक मामले दर्ज हैं. पुलिस की योजना उसे मंगलवार को छत्तीसगढ़ की अदालत में पेश करने की है.
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