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बेरोजगारी के मुद्दे पर NDA को तेजस्वी ने दिया टेंशन, उड़ी नेताओं की नींद

बिहार में पिछले 10 साल में सरकारी नौकरियां लगातार घटती गई हैं. उदाहरण के तौर पर बिहार कर्मचारी चयन आयोग ने साल 2014 में 13.5 हजार ग्रुप सी के पदों पर बहाली के लिए विज्ञापन निकाला था. 6 साल बाद भी यह प्रक्रिया आज तक पूरी नहीं हो पाई है.

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Published : Sep 29, 2020, 3:51 PM IST

पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है. इसके साथ ही चुनावी मुद्दे और वादों के घोषणाएं का दौर भी शुरू हो चुका है. किसी भी चुनाव में मुद्दे की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है. इस बार मुख्य विपक्षी दल आरजेडी ने नीतीश सरकार को बेरोजगारी के मुद्दे पर घेरा है. इससे एनडीए के नेता असहज महसूस कर रहे हैं.

उड़ गई एनडीए नेताओं की नींद
तेजस्वी यादव ने घोषणा की है कि सरकार बनी तो पहली कैबिनेट में 10 लाख नौकरियां देने की कार्यवाई की जाएगी. यह नौकरियां पूरी तरह स्थाई होंगी. तेजस्वी की इस घोषणा ने बीजेपी और जदयू नेताओं की रातों की नींद उड़ा दी है.

देखें रिपोर्ट

बेरोजगारी का मुद्दा ढकने की कोशिश
बीजेपी ने जब आत्मनिर्भर बिहार स्लोगन लांच किया तो इसके पीछे बेरोजगारी का मुद्दा ढकने की पूरी कोशिश थी, लेकिन यह कटु सत्य है कि बिहार में पिछले 10 साल में सरकारी नौकरियां लगातार घटती गई हैं. उदाहरण के तौर पर बिहार कर्मचारी चयन आयोग ने साल 2014 में 13.5 हजार ग्रुप सी के पदों पर बहाली के लिए विज्ञापन निकाला था. 6 साल बाद भी यह प्रक्रिया आज तक पूरी नहीं हो पाई है.

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तेजस्वी यादव

संविदा कर्मियों की मांग
दूसरा उदाहरण बिहार के करीब 90 हजार स्कूलों में बहाल किए गए शिक्षकों का है. बिहार में लाखों शिक्षकों की बहाली नियोजन पर हुई उनकी लगातार मांग के बावजूद सरकार ने उनको स्थाई नहीं किया. दूसरी तरफ बिहार के विभिन्न विभागों में लाखों पद खाली पड़े हैं. जिसपर संविदा पर लोग काम कर रहे हैं और ये संविदा कर्मी आए दिन अपनी नौकरी स्थाई करने या अन्य मांगों को लेकर प्रदर्शन करते रहते हैं.

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आरजेडी का पोर्टल

बिहार में खाली पड़े हैं 10 लाख से ज्यादा पद
तेजस्वी यादव ने यह दावा किया है कि बिहार में 10 लाख से ज्यादा पद खाली पड़े हैं, जिन्हें भरने की प्रक्रिया वह अपनी पहली कैबिनेट बैठक में शुरू करेंगे. तेजस्वी यादव का दावा है कि केंद्र सरकार ने नई नियुक्तियों पर रोक लगा दी है. उन्होंने कहा कि बिहार में कोई भी बहाली प्रक्रिया सही तरीके से और सही समय पर पूरी नहीं हो पाई है.

कहां कितने पद हैं खाली-

  • स्वास्थ विभाग में 2.5 लाख
  • पुलिस विभाग में 50 हजार
  • शिक्षा विभाग में 3 लाख
  • जूनियर इंजीनियर- करीब 75 हजार
  • अन्य विभागों में विभिन्न पदों पर- करीब 2 लाख

आरजेडी की बेरोजगारी वेबसाइट
तेजस्वी यादव ने कहा कि उन्होंने बेरोजगारी के लिए जो वेबसाइट लॉन्च किया है उसपर करीब साढे़ 22 लाख लोगों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया है. तेजस्वी के दावे को धोखा बताते हुए भाजपा नेता प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि जो व्यक्ति खुद ज्यादा पढ़ नहीं पाया वह क्या हकीकत को समझेगा.

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प्रेम रंजन पटेल

भाजपा का आत्मनिर्भर बिहार
भाजपा नेता प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि आत्मनिर्भर बिहार के जरिए हम लोगों को नौकरियां देने वाला बनाना चाहते हैं और इसे लेकर एनडीए सरकार लगातार काम कर रही है. इसके नतीजे आने वाले समय में देखने को मिलेंगे. पिछले 15 साल में बिहार में सरकारी नौकरियों की संख्या कम होने और 10 लाख से ज्यादा लोगों के संविदा पर काम करने को लेकर उन्होंने कुछ नहीं कहा.

पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है. इसके साथ ही चुनावी मुद्दे और वादों के घोषणाएं का दौर भी शुरू हो चुका है. किसी भी चुनाव में मुद्दे की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है. इस बार मुख्य विपक्षी दल आरजेडी ने नीतीश सरकार को बेरोजगारी के मुद्दे पर घेरा है. इससे एनडीए के नेता असहज महसूस कर रहे हैं.

उड़ गई एनडीए नेताओं की नींद
तेजस्वी यादव ने घोषणा की है कि सरकार बनी तो पहली कैबिनेट में 10 लाख नौकरियां देने की कार्यवाई की जाएगी. यह नौकरियां पूरी तरह स्थाई होंगी. तेजस्वी की इस घोषणा ने बीजेपी और जदयू नेताओं की रातों की नींद उड़ा दी है.

देखें रिपोर्ट

बेरोजगारी का मुद्दा ढकने की कोशिश
बीजेपी ने जब आत्मनिर्भर बिहार स्लोगन लांच किया तो इसके पीछे बेरोजगारी का मुद्दा ढकने की पूरी कोशिश थी, लेकिन यह कटु सत्य है कि बिहार में पिछले 10 साल में सरकारी नौकरियां लगातार घटती गई हैं. उदाहरण के तौर पर बिहार कर्मचारी चयन आयोग ने साल 2014 में 13.5 हजार ग्रुप सी के पदों पर बहाली के लिए विज्ञापन निकाला था. 6 साल बाद भी यह प्रक्रिया आज तक पूरी नहीं हो पाई है.

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तेजस्वी यादव

संविदा कर्मियों की मांग
दूसरा उदाहरण बिहार के करीब 90 हजार स्कूलों में बहाल किए गए शिक्षकों का है. बिहार में लाखों शिक्षकों की बहाली नियोजन पर हुई उनकी लगातार मांग के बावजूद सरकार ने उनको स्थाई नहीं किया. दूसरी तरफ बिहार के विभिन्न विभागों में लाखों पद खाली पड़े हैं. जिसपर संविदा पर लोग काम कर रहे हैं और ये संविदा कर्मी आए दिन अपनी नौकरी स्थाई करने या अन्य मांगों को लेकर प्रदर्शन करते रहते हैं.

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आरजेडी का पोर्टल

बिहार में खाली पड़े हैं 10 लाख से ज्यादा पद
तेजस्वी यादव ने यह दावा किया है कि बिहार में 10 लाख से ज्यादा पद खाली पड़े हैं, जिन्हें भरने की प्रक्रिया वह अपनी पहली कैबिनेट बैठक में शुरू करेंगे. तेजस्वी यादव का दावा है कि केंद्र सरकार ने नई नियुक्तियों पर रोक लगा दी है. उन्होंने कहा कि बिहार में कोई भी बहाली प्रक्रिया सही तरीके से और सही समय पर पूरी नहीं हो पाई है.

कहां कितने पद हैं खाली-

  • स्वास्थ विभाग में 2.5 लाख
  • पुलिस विभाग में 50 हजार
  • शिक्षा विभाग में 3 लाख
  • जूनियर इंजीनियर- करीब 75 हजार
  • अन्य विभागों में विभिन्न पदों पर- करीब 2 लाख

आरजेडी की बेरोजगारी वेबसाइट
तेजस्वी यादव ने कहा कि उन्होंने बेरोजगारी के लिए जो वेबसाइट लॉन्च किया है उसपर करीब साढे़ 22 लाख लोगों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया है. तेजस्वी के दावे को धोखा बताते हुए भाजपा नेता प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि जो व्यक्ति खुद ज्यादा पढ़ नहीं पाया वह क्या हकीकत को समझेगा.

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प्रेम रंजन पटेल

भाजपा का आत्मनिर्भर बिहार
भाजपा नेता प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि आत्मनिर्भर बिहार के जरिए हम लोगों को नौकरियां देने वाला बनाना चाहते हैं और इसे लेकर एनडीए सरकार लगातार काम कर रही है. इसके नतीजे आने वाले समय में देखने को मिलेंगे. पिछले 15 साल में बिहार में सरकारी नौकरियों की संख्या कम होने और 10 लाख से ज्यादा लोगों के संविदा पर काम करने को लेकर उन्होंने कुछ नहीं कहा.

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