पटनाः बिहार के मसौढ़ी में ताजिया जुलूस निकाला गया. पूरे देश में हजरत पैगंबर मोहम्मद के वारिश इमाम हुसैन की शहादत पर मोहर्रम मनाया जा रहा है. उनकी शहादत के सम्मान में लोग ताजिया बनाकर ताजिया जुलूस निकालते हैं. या हुसैन के नारों से उन्हें याद किया जाता है. राजधानी पटना से सटे मसौढ़ी में सुबह से ही मुस्लिम मोहल्ले में ताजिया जुलूस निकाला जा रहा है. ताजिया जुलूस में कोई आगरा का ताजमहल तो कोई जामा मस्जिद तो कोई मक्का मदीना की आकृति पेश किया.
यह भी पढ़ेंः Moharram 2023 : मोहर्रम पर मसौढ़ी में दिखी गंगा जमुनी तहजीब की झलक, ताजिया जुलूस में उमड़ी भारी भीड़
या हुसैन के नारों के साथ अखाड़ा निकालाः हर मुस्लिम मोहल्ले में या हुसैन के नारों के साथ अखाड़ा निकाला गया. पूरे मसौढ़ी शहर में 9 मुस्लिम मोहल्ले से ताजिया जुलूस निकाला गया है. पूरे अनुमंडल की बात करें तो 48 जगहों पर पुलिस पदाधिकारी के साथ दंडाधिकारी की प्रतिनियुक्ति की गई है. पुलिस हर जगह पर निगरानी कर रही है. लोगों से शांति पूर्वक मोहर्रम मनाने की अपील कर रही है. ईटीवी भारत से खास बातचीत में एएसपी प्रिती कुमारी ने मोहर्रम शांतिपूर्वक मनाने की अपील की. उन्होंने कहा कि युद्ध किसी का हल नहीं होता है, इसलिए मोहर्रम शांति का पैगाम भी देता है.
"मोहर्रम शांति का प्रतीक है. युद्ध किसी का हल नहीं होता, इसलिए मोहर्रम शांति का पैगाम देता है. लोगों को शांतिपूर्वक मोहर्रम में शामिल होना चाहिए और भाईचारे के साथ इसमे मनाना चाहिए. मसौढ़ी भाईचारे का मिशाल देते आया है." -शुभम आर्य, एएसपी, मसौढ़ी
मोहर्रम शहादत का सम्मानः एसडीएम ने कहा है कि मोहर्रम शहादत का सम्मान है, उसे सम्मान पूर्वक मनाना चाहिए. विधि व्यवस्था के संधारण को लेकर जिला प्रशासन के आदेश पर पुलिस पदाधिकारी और मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई है. मसौढ़ी शहर में ताजिया काफी आकर्षक का केंद्र बना हुआ है, जिसमें ताजमहल और जामा मस्जिद बनाया गया है, जो काफी आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. मुख्य रूप से पुरानी बाजार, दाउदपुर, कैलूचक, तारेगना, काशमीर गंज, मलिकाना और हुसैनाबाद में ताजिया जुलूस निकाला गया है.