पटना: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सियासी खींचतान जारी है. नेता बयानों से एक दूसरे को घेरने का प्रयास कर रहे हैं. भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने नीतीश कुमार के उस बयान पर कि उन्हें पद की लालसा नहीं है वो केंद्र में बदलाव चाहते हैं, कई सवाल खड़े किये हैं. पूछा है कि क्या नीतीश कुमार केंद्र में वे दिन लौटाना चाहते हैं, जब देवगौड़ा-गुजराल जैसे कमजोर प्रधानमंत्री होते थे. सरकारें छह से सात महीनों में बदल जाती थी.
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"यदि हिम्मत हो, तो नीतीश कुमार ऐलान करें कि यदि उनके मन की सरकार बनी तो वे जन-धन खाता, वन रैंक-वन पेंशन, गरीबों को मुफ्त राशन और आयुष्मान भारत जैसी योजनाएं बंद करा देंगे. नीतीश कुमार दरअसल अपनी कुर्सी में बड़ा बदलाव चाहते हैं और उसकी सम्भावना खत्म हो चुकी है."- सुशील मोदी, राज्यसभा सदस्य
बहाल कर दी जाएगी अनुच्छेद 370ः सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार को यदि कोई नाराजगी नहीं है और वो ना ही विपक्षी मंच के संयोजक बनना चाहते हैं, सिर्फ बदलाव चाहते हैं, तो उन्हें जनता को बताना चाहिए कि क्या-क्या बदलाव चाहते हैं. उन्होंने कहा कि क्या वे चाहते हैं कि जम्मू-कश्मीर में फिर से धारा-370 प्रभावी कर दी जाए. अलगाववादी नेताओं को रिहा कर उन्हें वार्ता के लिए बुलाया जाए और बिरयानी खिलायी जाए.
तीन तलाक पर रोक कानून वापस होगाः मोदी ने कहा कि क्या विपक्षी दिल्ली में ऐसी सरकार चाहता है, जो सर्जिकल स्ट्राइक न कर सके. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने तो धारा-370, सर्जिकल स्ट्राइक, नोट बंदी और जीएसटी के मुद्दे पर केंद्र सरकार का समर्थन किया था. अब क्या वे अपने फैसले को गलत मानते हैं. मोदी ने कहा कि क्या नीतीश कुमार किसान सम्मान निधि की शुरुआत, फौरी तीन तलाक पर रोक और सामान्य वर्ग के युवाओं को 10 फीसद आरक्षण (ईडब्लूएस कोटा) जैसे ऐतिहासिक फैसले भी बदल देना चाहते हैं.