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24 घंटे से धरना पर बैठे छात्र, कॉलेज प्रशासन ने किया नजरबंद - कुलपति गिरीश चौधरी

छात्रों का आरोप है कि धरना पर बैठे सभी छात्रों को मंगलवार शाम से ही नजरबंद कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि पाटलिपुत्र विवि संवेदनहीन हो चुका है. कॉलेज परिसर में हमारे लिए बेडशीट तक नहीं लाने दिया जा रहा है.

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Published : Sep 25, 2019, 10:13 PM IST

पटना: पाटलिपुत्र विवि में पिछले 24 घंटों से छात्र धरने पर बैठे हैं. जानकारी के मुताबिक धरने पर बैठे छात्रों को नजरबंद कर दिया गया है. मेन गेट में ताला लगा दिया गया है. साथ ही ना किसी छात्र को बाहर जाने दिया जा रहा है और ना ही किसी को उनसे मिलने दिया जा रहा है.

छात्रों का आरोप
छात्रों का आरोप है कि धरना पर बैठे सभी छात्रों को मंगलवार शाम से ही नजरबंद कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि पाटलिपुत्र विवि संवेदनहीन हो चुका है. कॉलेज परिसर में हमारे लिए बेड शीट तक नहीं लाने दिया जा रहा है. छात्र नेता ने कहा कि कई बार खाने का सामान लाने से रोका गया है. उन्होंने कहा कि वह धरना पर बैठे हैं, न कि भूख हड़ताल पर. बातचीत करने के लिए कोई तैयार नहीं है. उन्होंने कहा कि करीब 700 छात्रों का भविष्य अधर में लटका है.

पटना से ईटीवी भारत की रिपोर्ट

क्या कहते हैं कुलपति?
वहीं, इस पूरे मामले में पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के कुलपति गिरीश चौधरी ने साफ कहा है कि यह धरना नियम संगत नहीं है और नीतिगत नहीं है. यह मामला पहले से ही कोर्ट में लंबित है और जो मामला कोर्ट में लंबित होते हैं उस मामले में कोई भी दखलंदाजी नहीं कर सकता है. उन्होंने धरना पर बैठे छात्रों को समझाने की कोशिश की. लेकिन कोई मानने को तैयार नहीं है.

  • बेतिया सामूहिक दुष्कर्म मामले में बड़ा खुलासा, महिला आयोग ने कहा- नहीं हुआ था गैंगरेप https://t.co/2pkPz5JuGf

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'अपनी मर्जी से करवाए एडमिशन'
कुलपति गिरीश चौधरी ने कहा कि नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी की ओर से संयुक्त प्रवेश परीक्षा ली गई थी. काउंसलिंग के दौरान जिन कॉलेजों में छात्रों को चयन किया गया था, उन कॉलेजों में एडमिशन नहीं करा कर दूसरे कॉलेजों में अपनी मर्जी से एडमिशन करवा लिए. जिस वजह से नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी की जांच में अयोग्य हो गये हैं.

  • दुष्कर्म के आरोपी RJD विधायक के आवास पर चस्पा नोटिस, तलाश में जुटी पुलिस https://t.co/2S1Sy492vJ

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क्या है मामला?
नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी के अंतर्गत छात्रों का पंजीयन विभिन्न कॉलेजों में हो चुका है. इसके बावजूद सत्र 2018- 20 के बीएड छात्रों को प्रथम वर्ष की परीक्षा से वंचित किया गया है. जिसको लेकर छात्र संगठन की ओर से पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय परिसर में मंगलवार 11 बजे से ही धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं.

पटना: पाटलिपुत्र विवि में पिछले 24 घंटों से छात्र धरने पर बैठे हैं. जानकारी के मुताबिक धरने पर बैठे छात्रों को नजरबंद कर दिया गया है. मेन गेट में ताला लगा दिया गया है. साथ ही ना किसी छात्र को बाहर जाने दिया जा रहा है और ना ही किसी को उनसे मिलने दिया जा रहा है.

छात्रों का आरोप
छात्रों का आरोप है कि धरना पर बैठे सभी छात्रों को मंगलवार शाम से ही नजरबंद कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि पाटलिपुत्र विवि संवेदनहीन हो चुका है. कॉलेज परिसर में हमारे लिए बेड शीट तक नहीं लाने दिया जा रहा है. छात्र नेता ने कहा कि कई बार खाने का सामान लाने से रोका गया है. उन्होंने कहा कि वह धरना पर बैठे हैं, न कि भूख हड़ताल पर. बातचीत करने के लिए कोई तैयार नहीं है. उन्होंने कहा कि करीब 700 छात्रों का भविष्य अधर में लटका है.

पटना से ईटीवी भारत की रिपोर्ट

क्या कहते हैं कुलपति?
वहीं, इस पूरे मामले में पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के कुलपति गिरीश चौधरी ने साफ कहा है कि यह धरना नियम संगत नहीं है और नीतिगत नहीं है. यह मामला पहले से ही कोर्ट में लंबित है और जो मामला कोर्ट में लंबित होते हैं उस मामले में कोई भी दखलंदाजी नहीं कर सकता है. उन्होंने धरना पर बैठे छात्रों को समझाने की कोशिश की. लेकिन कोई मानने को तैयार नहीं है.

  • बेतिया सामूहिक दुष्कर्म मामले में बड़ा खुलासा, महिला आयोग ने कहा- नहीं हुआ था गैंगरेप https://t.co/2pkPz5JuGf

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'अपनी मर्जी से करवाए एडमिशन'
कुलपति गिरीश चौधरी ने कहा कि नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी की ओर से संयुक्त प्रवेश परीक्षा ली गई थी. काउंसलिंग के दौरान जिन कॉलेजों में छात्रों को चयन किया गया था, उन कॉलेजों में एडमिशन नहीं करा कर दूसरे कॉलेजों में अपनी मर्जी से एडमिशन करवा लिए. जिस वजह से नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी की जांच में अयोग्य हो गये हैं.

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क्या है मामला?
नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी के अंतर्गत छात्रों का पंजीयन विभिन्न कॉलेजों में हो चुका है. इसके बावजूद सत्र 2018- 20 के बीएड छात्रों को प्रथम वर्ष की परीक्षा से वंचित किया गया है. जिसको लेकर छात्र संगठन की ओर से पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय परिसर में मंगलवार 11 बजे से ही धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं.

Intro:EXCLUSIVE
पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के परिसर में पिछले 24 घंटे से बैठे धरना पर एआईएसएफ छात्र संगठन के लोगों को विश्वविद्यालय प्रशासन ने किया नजरबंद,
पुलिस छावनी में तब्दील पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय
तकरीबन 700 छात्रों का बीएड परीक्षा से किया गयाहै, वंचित
पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के कुलपति ने साफ कहा है यह धरना नीति संगत और नियम संगत नहीं है पहले से ही मामला कोर्ट में लंबित हैं हम कुछ नहीं कर सकते


Body: पिछले 24 घंटे से अधीक एआईएसएफ के छात्र संगठन धरने का होने जा रहा है, बावजूद अभी तक कोई भी वार्ता का नतीजा नहीं निकल पाया है, भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है, छात्रों का आरोप है कि धरना पर बैठे सभी छात्रों को नजरबंद कर दिया गया है, गेट में ताला लगा दिया गया है, न किसी को आने दिया जा रहा है न जाने दिया जा रहा है और ना ही किसी को मिलने दिया जा रहा है
दरअसल मामला B.Ed के संयुक्त प्रवेश परीक्षा से उत्तीर्ण एवं पंजीयन के बावजूद छात्र-छात्राओं को बीएड परीक्षा से वंचित किए जाने से आक्रोशित छात्र छात्राएं का है जो लगातार कल से धरना पर बैठे हैं मामला वर्ष 2018- 20 के B.Ed विद्यार्थियों द्वारा 2018 में नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित संयुक्त प्रवेश परीक्षा के बाद कॉलेजों में अध्ययन करने के बाद पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय से पंजीयन कराया गया था बावजूद उन्हें परीक्षा से वंचित किया जा रहा है, जिसको लेकर छात्र संगठन द्वारा पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय परिसर में कल 11:00 बजे से ही धरना प्रदर्शन कर रहे हैं ,छात्रों का आरोप है कि कि धरना पर बैठे सभी छात्रों को कल शाम से ही नजरबंद कर दिया गया है, विश्वविद्यालय परिसर के गेट में ताला लगा दिया गया है छात्र नेता सुशील कुमार ने कहा है कि राज्य भवन से बातचीत कर कुलपति इस मामले पर पहल करें वहीं इस पूरे मामले में पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के कुलपति गिरीश चौधरी ने साफ कहा है यह धरना नियम संगत नहीं है और नीतिगत नहीं है क्योंकि यह मामला पहले से ही कोर्ट में लंबित है और जो मामला कोर्ट में लंबित होते हैं उस मामले में कोई भी दखलंदाजी नहीं कर सकता है ,चाहे वह राज्यभवन भी क्यों ना हो और कल से जो धरना पर बैठे हुए लोग हैं उन्हें कई बार समझाने की कोशिश की गई है लेकिन वह मानने को तैयार नहीं है धरने पर बैठे सभी छात्र-छात्राओं की समस्या का निदान कोर्ट से हो सकता है, क्योंकि कोर्ट से ही इन सभी छात्रों का पंजीयन को रिजेक्ट कर दिया गया है, कुलपति गिरीश चौधरी ने कहा कि नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी द्वारा संयुक्त प्रवेश परीक्षा ली गई थी, काउंसलिंग के दौरान जिन कॉलेजों में जिन जिन छात्रों को चयन किया गया था, उन कॉलेजों में एडमिशन नहीं करा कर दूसरे कॉलेजों में अपनी मर्जी से एडमिशन करवा लिए, जिस वजह से नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी की जांच में अयोग्य हो गये है


Conclusion:पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के कुलपति ने ईटीवी से खास बातचीत में साफ कहा है कि धरना पर बैठे सभी छात्र छात्राएं की जो मांग है वह नियम संगत नहीं है, इन लोगों ने पहले ही कोर्ट में आवेदन दिया है हालांकि कोर्ट ने भी पहले सुनवाई में आवेदन रिजेक्ट कर दिया है, वही नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी द्वारा दिए गए संयुक्त प्रवेश परीक्षा और काउंसलिंग के बाद जैन कॉलेज में नामांकन नहीं होने के कारण सबों को अयोग्य घोषित कर दिया गया है, वहीं जिन जिन कॉलेजों में सभी छात्रों ने एडमिशन लिया था वैसे कॉलेजों का भी रजिस्ट्रेशन खत्म कर दिया गया है ऐसे में सारा मामला कोर्ट से जुड़ा है वही छात्र नेता सुशील कुमार ने कहा है कि इसमें सरकार की पहल होनी चाहिए कुलपति राज्य भवन से इस बारे में वार्ता करें और सरकार इसमें हस्तक्षेप करें तभी तकरीबन 700 छात्रों का भविष्य अधर में लटका है बाहर हाल तकरीबन 700 छात्रों का आंदोलन और पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय कुलपति के बीच हो रही लगातार विफल हो रही है ऐसे में अब देखना यह होगा कि सरकार इन छात्रों के भविष्य को देखते हुए बीच का रास्ता निकालता है



बाईट:-सुशील कुमार, छात्र नेता, एआइएसएफ
बाईट:- प्रो.गिरिश चौधरी,कुलपती, पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय
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