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'मेरे संसदीय क्षेत्र में पड़ा है सूखा, MP से नहीं मिल रहा पानी, केंद्र सरकार करे हस्तक्षेप'

लोकसभा में राम कृपाल यादव ने कहा कि इन्द्रपुरी बराज में पानी की कमी के कारण मेरे संसदीय क्षेत्र के किसानों को न के बराबर पानी मिल रहा है. इसके कारण धान की रोपनी नहीं हो पा रही है, जिससे किसानों में निराशा और रोष का भाव है.

राम कृपाल यादव
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Published : Jul 26, 2019, 11:46 PM IST

Updated : Jul 27, 2019, 7:14 AM IST

नई दिल्ली: बिहार के पाटलिपुत्र से बीजेपी सांसद राम कृपाल यादव ने लोकसभा में मध्यप्रदेश सरकार द्वारा बाणसागर बांध से बिहार को कम पानी छोड़े जाने का मामला उठाया. उन्होंने सदन के माध्यम से केन्द्र सरकार से तत्काल इस मामले में हस्तक्षेप कर बिहार को पर्याप्त पानी देने की व्यवस्था सुनिश्चित करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि बिहार में जहां एक ओर बाढ़ से तबाही है. वहीं, दूसरी ओर सुखाड़ भी है.

मांग करते राम कृपाल यादव

पूर्व केंद्रीय मंत्री राम कृपाल यादव ने कहा कि पटना, अरवल, गया, औरंगाबाद, रोहतास, कैमूर, बक्सर और भोजपुर इन 8 जिलों की सिंचाई व्यवस्था इन्द्रपुरी बराज से निकली पूर्वी और पश्चिमी सोन नहर प्रणाली पर पूरी तरह से निर्भर है. उक्त आठ जिलों को धान का कटोरा भी कहा जाता है. सोन नदी के इन्द्रपुरी बराज, बिहार पर जलश्राव की अत्यधिक कमी और वर्षा नहीं होने के कारण इन इलाकों में सूखे की स्थिति उत्पन्न हो गई है. इससे खरीफ सीजन- 2019 में किसानों को धान की रोपनी करने में अत्यधिक कठिनाई हो रही है.

केंद्र सरकार करे हस्तक्षेप
राम कृपाल यादव ने कहा कि सिंचाई हेतु पानी की अत्यधिक कमी को देखते हुए बिहार सरकार ने मध्य प्रदेश सरकार से वाणसागर बांध परियोजना से 10 हजार क्यूसेक तथा उत्तर प्रदेश सरकार से रिहन्द बांध परियोजना से 9 हजार क्यूसेक पानी उपलब्ध कराने का अनुरोध पत्र भेजा है. उत्तर प्रदेश सरकार, बिहार सरकार द्वारा मांग की गई पानी की मात्रा के लगभग पानी छोड़ रही है. वहीं, मध्य प्रदेश सरकार आधे से भी कम मात्रा में पानी छोड़ रही है.

मेरे संसदीय क्षेत्र इसी पर आश्रित- राम कृपाल
राम कृपाल ने कहा, 'मेरे संसदीय क्षेत्र पाटलीपुत्र के पालीगंज, दुल्हिन बाजार, बिक्रम, बिहटा, नौबतपुर ब्लॉकों और अन्य इलाकों में सोन नहर प्रणाली और पटना मुख्य नहर से सिंचाई होती है. यह इलाका सोन नहर प्रणाली का अंतिम छोर है. इन्द्रपुरी बराज में पानी की कमी के कारण मेरे संसदीय क्षेत्र के किसानों को न के बराबर पानी मिल रहा है. इसके कारण धान की रोपनी नहीं हो पा रही है, जिससे किसानों में निराशा और रोष का भाव है.'

नई दिल्ली: बिहार के पाटलिपुत्र से बीजेपी सांसद राम कृपाल यादव ने लोकसभा में मध्यप्रदेश सरकार द्वारा बाणसागर बांध से बिहार को कम पानी छोड़े जाने का मामला उठाया. उन्होंने सदन के माध्यम से केन्द्र सरकार से तत्काल इस मामले में हस्तक्षेप कर बिहार को पर्याप्त पानी देने की व्यवस्था सुनिश्चित करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि बिहार में जहां एक ओर बाढ़ से तबाही है. वहीं, दूसरी ओर सुखाड़ भी है.

मांग करते राम कृपाल यादव

पूर्व केंद्रीय मंत्री राम कृपाल यादव ने कहा कि पटना, अरवल, गया, औरंगाबाद, रोहतास, कैमूर, बक्सर और भोजपुर इन 8 जिलों की सिंचाई व्यवस्था इन्द्रपुरी बराज से निकली पूर्वी और पश्चिमी सोन नहर प्रणाली पर पूरी तरह से निर्भर है. उक्त आठ जिलों को धान का कटोरा भी कहा जाता है. सोन नदी के इन्द्रपुरी बराज, बिहार पर जलश्राव की अत्यधिक कमी और वर्षा नहीं होने के कारण इन इलाकों में सूखे की स्थिति उत्पन्न हो गई है. इससे खरीफ सीजन- 2019 में किसानों को धान की रोपनी करने में अत्यधिक कठिनाई हो रही है.

केंद्र सरकार करे हस्तक्षेप
राम कृपाल यादव ने कहा कि सिंचाई हेतु पानी की अत्यधिक कमी को देखते हुए बिहार सरकार ने मध्य प्रदेश सरकार से वाणसागर बांध परियोजना से 10 हजार क्यूसेक तथा उत्तर प्रदेश सरकार से रिहन्द बांध परियोजना से 9 हजार क्यूसेक पानी उपलब्ध कराने का अनुरोध पत्र भेजा है. उत्तर प्रदेश सरकार, बिहार सरकार द्वारा मांग की गई पानी की मात्रा के लगभग पानी छोड़ रही है. वहीं, मध्य प्रदेश सरकार आधे से भी कम मात्रा में पानी छोड़ रही है.

मेरे संसदीय क्षेत्र इसी पर आश्रित- राम कृपाल
राम कृपाल ने कहा, 'मेरे संसदीय क्षेत्र पाटलीपुत्र के पालीगंज, दुल्हिन बाजार, बिक्रम, बिहटा, नौबतपुर ब्लॉकों और अन्य इलाकों में सोन नहर प्रणाली और पटना मुख्य नहर से सिंचाई होती है. यह इलाका सोन नहर प्रणाली का अंतिम छोर है. इन्द्रपुरी बराज में पानी की कमी के कारण मेरे संसदीय क्षेत्र के किसानों को न के बराबर पानी मिल रहा है. इसके कारण धान की रोपनी नहीं हो पा रही है, जिससे किसानों में निराशा और रोष का भाव है.'

पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं बिहार के पाटलिपुत्र से बीजेप सांसद राम कृपाल यादव ने लोकसभा में मध्यप्रदेश सरकार द्वारा बाणसागर बांध से बिहार को कम पानी छोड़े जाने का मामला उठाया. उन्होंने सदन के माध्यम से केन्द्र सरकार से तत्काल इस मामले में हस्तक्षेप कर बिहार को पर्याप्त पानी देने की व्यवस्था सुनिश्चित करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि पटना, अरवल, गया, औरंगाबाद, रोहतास, कैमूर, बक्सर, भोजपुर यानि 8 जिलों की सिंचाई व्यवस्था इन्द्रपूरी बराज से निकली पूर्वी और पश्चिमी सोन नहर प्रणाली पर पूरी तरह से निर्भर है. उक्त आठ जिलों का धान का कटोरा भी कहा जाता है. सोन नदी के इन्द्रपूरी बराज, बिहार पर जलश्राव की अत्यधिक कमी और वर्षा नहीं होने के कारण इन ईलाकों में सूखे की स्थिति उत्पन्न हो गई है, जिससे खरीफ सीजन 2019 में किसानों द्वारा धान की रोपनी करने में अत्यधिक कठिनाई हो रही है. सिंचाई हेतु पानी की अत्यधिक कमी को देखते हुए बिहार सरकार ने मध्य प्रदेश सरकार से वाणसागर बांध परियोजना से 10 हजार क्युसेक तथा उत्तर प्रदेश सरकार से रिहन्द बांध परियोजना से 9 हजार क्यूसेक पानी उपलब्ध कराने अनुरोध पत्र भेजा है. उत्तर प्रदेश सरकार बिहार सरकार द्वारा मांगी गई पानी की मात्रा के लगभग पानी छोड़ रही है वहीं मध्य प्रदेश सरकार आधे से भी कम मात्रा में पानी छोड़ रही है. मेरे संसदीय क्षेत्र पाटलीपुत्र के पालीगंज, दुल्हिन बाजार, बिक्रम, बिहटा, नौबतपुर ब्लॉकों एवं अन्य ईलाकों में सोन नहर प्रणाली के पटना मुख्य नहर से सिंचाई होती है. यह इलाका सोन नहर प्रणाली का अंतिम छोर है. इन्द्रपूरी बराज में पानी की कमी के कारण मेरे संसदीय क्षेत्र के किसानों को न के बराबर पानी मिल रहा है. जिसके कारण धान की रोपनी नहीं हो पा रही है जिससे किसानों में निराशा एवं रोष का भाव है.
Last Updated : Jul 27, 2019, 7:14 AM IST
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