पटना: राज्य के 12 जिलों में बाढ़ के कारण स्थिति गंभीर है. विधानसभा के सत्र में प्रत्येक दिन विपक्ष सरकार को घेर रहा है. वहीं, सरकार की तरफ से राहत और बचाव कार्य को लेकर जबाव भी दिये जा रहे हैं. इस बाढ़ के कारण 25 लाख की आबादी प्रभावित है, तो अब तक 65 लोगों की डूबने से मौत हो चुकी है. लेकिन हर साल आने वाले इस बाढ़ को लेकर सरकार कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है, कि किस तरह से इस विभीषिका से बचा जाए.
बिहार सरकार के आपदा प्रबंधन मंत्री लक्ष्मेश्वर राय बाढ़ की विभीषिका से बचने के सवाल पर बचते नजर आए. उन्होंने माना कि नेपाल से जरूरत से ज्यादा पानी छोड़े जाने के कारण ही बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हुई है. उन्होंने कहा कि बाढ़ आने के बाद राहत और बचाव कार्य किये जा रहे है. बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम भेज दी गई है. बाढ़ पीड़ितों के बीच स्वास्थ्य कैंप लगाया गया है. उनके खाने के लिए सामुदायिक रसोई का निर्माण कराया गया है. वहीं, इस बाढ़ की स्थिति पर सीएम नीतीश कुमार खुद मानिटरिंग कर रहे हैं.
'बाढ़ पीड़ितों को बेसहारा नहीं छोड़ने वाली सरकार'
आपदा प्रबंधन मंत्री ने नेपाल से पानी छोड़े जाने को लेकर कहा कि जब तक नेपाल सरकार से इस मामले पर सार्थक बातचीत नहीं होती है. तब तक इस स्थिति पर नियंत्रण पाना मुश्किल है. वहीं, उन्होंने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि विपक्ष को सरकार के द्वारा चलाये जा रहे राहत और बचाव कार्य से कोई मतलब ही नहीं है. लेकिन नीतीश सरकार एक भी बाढ़ पीड़ित को बेसहारा नहीं छोड़ने वाली है.