पटनाः बिहार विधानसभा के पूर्व सदस्य दिवंगत नहीं, दिगवंत होते हैं. यह हम नहीं, बल्कि बिहार विधानसभा के अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा (Speaker Vijay Kumar Sinha) कह रहे हैं. मामला विधानसभा के मानसून सत्र का है. शोक संदेश पढ़ते हुए अध्यक्ष साहब पूर्व सदस्यों को दिवंगत नहीं, 'दिगवंत' पढ़ते रहे. पूरी शोक सभा में किसी ने उन्हें रोकने-टोकने की कोशिश नहीं की.
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बिहार विधान मंडल का मानसून सत्र चल रहा है. सदन की कार्यवाही जैसे ही शुरू हुई, कुछ ही देर में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) खड़े हो गए. वे शोक प्रस्ताव रखना चाह रहे थे. लेकिन अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने मना कर दिया. तभी पीछे से विपक्षी दल के चार नेता सीट से खड़े हो गए. इतने में अध्यक्ष महोदय तमतमा गए. ऊंगली दिखाते हुए बोले, 'सुनिए माननीय सदस्य, बिना अनुमति के सीट से कोई खड़े ना हों.'
उसी वक्त अध्यक्ष महोदय ने सम्मान तक का पाठ पढ़ा दिया. उन्होंने कहा, 'एक तरफ हम लोग संकल्प लेते हैं, सम्मान की बात करते हैं. दूसरी तरफ सभी माननीय सदस्यों द्वारा इस आसन (अध्यक्ष की कुर्सी) को सम्मान और विश्वास व्यक्त किया गया है. इस आसन की गरिमा गिराने वाले एक सिंगल सदस्य या दो चार सदस्य को आसन स्वीकार नहीं करेगा.'
अब देखने वाली बात यह है कि एक तरफ विधानसभा अध्यक्ष सम्मान का पाठ पढ़ा रहे थे, आसन की गरिमा बरकरार रखने की बात कह रहे थे. वहीं दूसरी तरफ इस दुनिया को रुखसत कह गए पूर्व सदस्यों को दिवंगत नहीं 'दिगवंत' बता रहे थे.
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