पटना: देशव्यापी चौथे चरण के लॉकडाउन के दौरान देश के विभिन्न राज्यों से हजारों की संख्या में प्रवासी मजदूर अपने अपने गांव पहुंचे रहे हैं. जिससे ग्रामीणों में दहशत का माहौल व्याप्त है. इसी क्रम में लगातार पलायन कर रहे मजदूरों को देखते हुए दुल्हिन बाजार प्रखंड अंतर्गत दो क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया है. जिसमें लगभग चार सौ प्रवासी मजदूर एडमिट हैं. वहीं, प्रतिदिन मेडिकल टीम स्कैनिंग कर सभी प्रवासी मजदूरों का जांच किया जा रहा है.
बता दें कि तीन दिन पूर्व बंशीधारी उच्च विद्यालय भरतपुरा क्वारंटाइन सेंटर में छह मजदूर कोरोना संदिग्धों के पाए जाने के बाद उन्हें पटना जांच के लिए भेज गया था. साथ ही आज फिर मेडिकल टीम ने सभी प्रवासी मजदूरों का जांच किया गया. उसके बाद तीन प्रवासी मजदूर जो महाराष्ट्र, गुजरात से वापस गांव लौटे हैं. उनको क्वारंटाइन सेंटर में एडमिट कर प्रतिदिन मेडिकल टीम स्वास्थ्य जांच कर आवश्यक दवा उपलब्ध करा रही है.
'घर जाने के पहले करा रहे इलाज'
भरतपुरा क्वारंटाइन सेंटर में मौजूद प्रवासी मजदूर मुकेश ने बताया कि गुजरात में आठ सालों से वह मशीन चलाने का काम करता हूं. अचानक लॉकडाउन लागू हो जाने के बाद से मशीन का सब काम बंद हो गया. जिसके कारण वहां रहना मुश्किल हो रहा था. इसलिए अपने प्रदेश लौट आए हैं. वहीं, घर जाने के पहले हम लोग अस्पताल में अपनी जांच करा रहे हैं.
'200 की जांच में 3 मजदूर संदिग्ध'
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र दुल्हिन बाजार स्थित क्वारंटाइन सेंटर में जांच टीम में सदस्य डॉक्टर आनंद ने बताया कि आज भरतपुरा क्वारंटाइन सेंटर में लगभग दो सौ मजदूरों की जांच में तीन प्रवासी मजदूरों को कोरोना का संदिग्ध पाया गया है. उन्होंने बताया कि सेंटर प्रबंधक को तीनों संदिग्ध मजदूरों को अलग रूम में मेडिकल टीम के निगरानी में रखने की हिदायत दे दी गई है. उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र और गुजरात से आने वाले मजदूरों में ज्यादातर संक्रमण का लक्षण पाया जा रहा है.