पटना: कोरोना संक्रमण (Corona Infection) के कारण लोग काफी परेशान हैं. मंदिर बंद होने से पटना के ऐतिहासिक महावीर मंदिर (Mahavir Mandir) के आसपास दुकान चलाने वाले लोग भी अब काफी दिक्कत का सामना कर रहे हैं. बिहार में अनलॉक 2 (Unlock in Bihar) चल रहा है. लेकिन धार्मिक संस्थाए अभी भी बंद हैं. ऐसे में मंदिरों के कमाई के साथ-साथ आस पास के दुकानदारों की कमाई अभी भी ठप है.
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दुकानदारों पर मंदी की मार
शहर के मशहूर पटना जंक्शन (Patna Junction) स्थित हनुमान मंदिर के आस-पास की गतिविधियां भी कोविड-19 के कारण बंद होने से कई दुकानदारों को मंदी की मार झेलनी पड़ रही है.
बता दें कि पटना के ऐतिहासिक हनुमान मंदिर में रोजाना लगभग हजारों की संख्या में दर्शनार्थी पहुंचते हैं. लेकिन मंदिर बंद होने के कारण लोगों का आना-जाना बंद है. जिसके कारण मंदिर के आसपास के दुकानदारों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है.
धार्मिक स्थल अभी भी बंद
बिहार में कोरोना के मामले कम होते ही बिहार सरकार ने लोगों को छूट दे दी है. अनलॉक की प्रक्रिया चल रही है. लेकिन कई लोग जो मंदिर पर आश्रित हैं, वो धार्मिक स्थल बंद होने से पूरी तरह से टूट चुके हैं. फूल औ मिठाई की दुकान सहित अन्य काम करने वाले भी मंदिर के बंद होने से मंदी की मार झेल रहे हैं.
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ऑटो वालों की भी होती थी कमाई
हनुमान मंदिर श्रद्धालुओं के लिए खुले रहने से ऑटो वालों की भी कमाई खूब होती है. कोविड-19 के कारण हनुमान मंदिर को प्रतिदिन लगभग नैवेद्यम लड्डू से 5 लाख तक की कमाई होती थी, वह आज पूरी तरह से ठप हो गई है. ऐसे में मंदिर में काम करने वाले लोगों को पैसा देना भी काफी मुश्किल हुआ है. बैंक से पैसा कर्ज लेकर स्टाफ को दिया गया है.
करोड़ों रुपये का नुकसान
इतना ही नही मंदिर के आय का स्रोत पूरी तरह से बंद है. पंडितों का आय नैवेद्यम लड्डू और चढ़ावा से होता था. लेकिन मंदिर बंद होने से पूरी कमाई बंद है. यानी हर महीने करोड़ों रुपये का नुकसान महावीर मंदिर को उठाना पड़ रहा है. यहां तक कि महावीर मंदिर की कमाई से 5 अस्पताल चलते हैं.
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कर्ज लेकर स्टाफ को दिया गया पैसा
ऐसे में अस्पतालों का खर्च 5 करोड़ महीने का है. जिसमें महावीर कैंसर संस्थान अपना खुद का पैसा निकाल लेता है. लेकिन और हॉस्पिटल को महावीर मंदिर की कमाई से ही चलाया जाता है. किशोर कुणाल ने बताया कि फिक्स्ड डिपॉजिट को नहीं तोड़ा गया. क्योंकि वह विराट रामायण मंदिर के निर्माण के लिए रखा गया है. बैंक से कर्ज लेकर स्टाफ को पैसा दिया गया है.
रोजगार पर पड़ा असर
फूल का व्यवसाय करने वाले व्यापारियों ने कहा कि मंदिर बंद होने से खासा प्रभाव हम लोगों पर पड़ा है. लगन का दिन है, लेकिन फिर भी कुछ खास बिक्री नहीं हो पा रही है. मंदिर खुला रहता था तो, हम लोगों की रोजी-रोटी सही तरीके से चल जाती थी. लेकिन अब काफी दिक्कत से रोजी-रोटी चल रही है.
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लड्डू दुकानदारों ने बताया कि हम लोगों की दुकान मंदिर पर आश्रित रहती है. आज के दौर में खर्चा भी चला पाना काफी मुश्किल हो रहा है. यहां तक कि स्टाफ जो काम करते हैं, उन लोगों का भी जीवन यापन काफी मुश्किल से हो रहा है.
अनलॉक-2 की शुरुआत
बता दें कि 16 जून से बिहार में अनलॉक-2 की शुरुआत हो गई है. कोरोना संक्रमण (Corona) के मामलों में तेजी से कमी के साथ ही सरकार ने लोगों को थोड़ी और राहत दी है. अगले एक सप्ताह के लिए कई तरह की ढीलें दी गई हैं. लेकिन फिलहाल धार्मिक स्थलों को नहीं खोलने का निर्णय लिया गया है.
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अनलॉक-2 की नई गाइडलाइंस की बड़ी बातें:
- शाम 8 से सुबह 5 बजे तक नाइट कर्फ्यू रहेगा.
- निजी वाहन से आवागमन हो सकेगा.
- ऑनलाइन शैक्षणिक कार्य भी होंगे.
- दुकानों के खुलने की अवधिक शाम 6 बजे तक बढ़ा दी गई है.
- सरकारी और निजी कार्यालयों में शाम चार बजे तक काम होगा. सिर्फ 50 प्रतिशत अधिकारियों-कर्मचारियों को ही बुलाया जा सकेगा और शाम 5 बजे तक खुलेंगे.
- बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते सरकारी और गैर सरकारी शैक्षणिक संस्थानों को जुलाई तक बंद ही रखने का निर्णय लिया गया है. ये संस्थान ऑनलाइन शिक्षण कार्य कर सकेंगे.