पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक है. इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को गाइडलाइन्स जारी किए हैं. जिसके बाद चुनाव के लिए आपराधिक पृष्ठभूमि के उम्मीदवारों का चयन मुश्किल हो गया है.
सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया निर्देश
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी बैजूनाथ सिंह ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने एक सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग को सख्त निर्देश जारी किया है. इसके तहत देश के किसी भी राजनीतिक दल के चुने गए उम्मीदवार पर लंबित आपराधिक मामले की जानकारी 48 घंटे के अंदर अखबार में देनी होगी.
अदालत की अवमानना का मुकदमा
बैजूनाथ सिंह ने बताया कि राजनीतिक दलों को आपराधिक पृष्ठभूमि के व्यक्ति को उम्मीदवार बनाने के पीछे की वजह बतानी होगी. साथ ही इस संबंध में 72 घंटे के भीतर चुनाव आयोग को भी सूचना देनी होगी. उन्होंने बताया कि अगर कोई भी राजनीतिक दल इन नियमों का पालन नहीं करती है, तो उस पर सुप्रीम कोर्ट में अदालत की अवमानना का मुकदमा चलेगा.
अखबार में जानकारी देना अनिवार्य
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि देश के 2 हजार 543 राजनीतिक पार्टियों को इस बारे में जानकारी दी गई है. वहीं, बिहार के 150 पार्टियों के पटना स्थित कार्यालय में सूचना दी गई है. उन्होंने बताया कि आपराधिक मामलों वाले व्यक्ति को उम्मीदवार बनाए जाने के बाद राजनीतिक दलों को देश के एक राष्ट्रीय अखबार और एक प्रदेशिक अखबार में जानकारी देना अनिवार्य होगा.
अपराधिक पृष्ठभूमि के उम्मीदवार
गौरतलब है कि अपराधिक पृष्ठभूमि के उम्मीदवारों पर अंकुश लगाने के लिए पहले भी चुनाव आयोग ने कई नियम बनाए हैं. देखने वाली बात यह होगी कि इस नियम से चुनाव में अपराधिक पृष्ठभूमि के उम्मीदवारों पर कितनी रोक लगती है.