पटना: पितृ पक्ष मेला की तैयारी को लेकर मसौढ़ी में बैठक हुई है. एस़डीएम प्रीति कुमारी की अध्यक्षता में अनुमंडल कार्यालय सभागार में हुई प्रशासनिक बैठक में सभी विभागों के पदाधिकारी शामिल हुए. वरीय प्रभार पदाधिकारी भूमि उपसमाहर्ता ने सभी विभाग के पदाधिकारी की अगुवाई में 10 कोषांग का गठन किया गया है. बैठक में सभी को ब्रीफिंग की गई है.
ये भी पढ़ें: जानें पुनपुन को क्यों कहते हैं आदि गंगा और कब से शुरू हुआ पिंडदान
पितृ पक्ष मेला की तैयारी को लेकर मसौढ़ी में बैठक: बिजली, पानी, सड़क और स्वास्थ्य समेत साफ-सफाई को प्राथमिकता दी गई है. ऑटो स्टैंड बस स्टैंड के पास पेयजल की व्यवस्था, सभी जगहों पर विधि व्यवस्था के संधारण को लेकर पुलिस की तैनाती, पहुंच मार्ग में अतिक्रमण को हटाने समेत बिंदुवार समीक्षा की गई और गठित सभी कोषांग के पदाधिकारी और नोडल पदाधिकारी को उनके दायित्वों की कमान सौंपी गई.
एसडीएम ने क्या बताया: एसडीएम प्रीति कुमारी ने बताया कि आगामी 28 सितंबर से 14 नवंबर तक पुनपुन में अंतरराष्ट्रीय पितृपक्ष मेला का आयोजन किया जाएगा और इस बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की आगमन की भी तैयारी चल रही है, जो अभी संभावित है. एसडीएम प्रीति कुमारी ने बताया कि पुनपुनवासियों के द्वारा आवेदन के आलोक में जिला प्रशासन को मुख्यमंत्री द्वारा उद्घाटन का आग्रह का पत्र भेजा गया है.
पुनपुन अंतरराष्ट्रीय पितृ पक्ष मेले का महत्व?: कहा जाता है कि पुनपुन घाट को पिंडदान का प्रथम द्वारा माना जाता है. जहां कभी भगवान श्रीराम ने अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पहले पिंड का तर्पण यहीं पर किया था. इसलिए पुनपुन में हर साल अंतरराष्ट्रीय पितृ पक्ष मेला लगता है. जहां बड़ी संख्या में लोग पिंडदान के लिए आते हैं.