पटना: नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव रूपेश के परिजनों से मुलाकत करने के लिए रवाना हो चुके हैं. इससे पहले उन्होंने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि बिहार की हालत गंभीर हो चुकी है. यहां लोग गाजर-मूली की तरह काटे जा रहे हैं.
सूबे की कानून व्यवस्था को लेकर तेजस्वी ने सीएम नीतीश को भी पत्र लिखा है. तेजस्वी ने कहा कि अगर एक महीने में हालात सामान्य नहीं होते हैं तो राष्ट्रपति से भी मुलाकत करेंगे.
इससे पहले नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने रूपेश मर्डर केस के मामले में बड़ा बयान दिया है. तेजस्वी यादव ने कहा कि रूपेश हत्याकांड में सूबे के रसूखदार लोगों का हाथ हो सकता है. वहीं, उन्होंने कहा कि इस मर्डर केस के तार नीतीश सरकार के किसी मंत्री से भी जुड़े हो सकते हैं. इसलिए वे मांग करते हैं कि इस केस को सीबीआई के हाथ में सौंप देना चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि वह आज पीड़ित परिवार से छपरा जाएंगे.
वहीं, तेजस्वी यादव ही नहीं बल्कि जाप प्रमुख पप्पू यादव ने भी इस केस के तार किसी रसूखदार से जुड़े होने का अंदेशा जता चुके हैं. पप्पू यादव ने TWEET कर लिखा कि इंडिगो के मैनेजर रूपेश जी के मोबाइल के तथ्यों को जनता के सामने रखा जाए. लगता है वह किसी हाइप्रोफाइल राजनेता या, अधिकारी के गहरे राजदार थे. इसलिए उनको सदा के लिए खामोश कर दिया गया. उनके हत्या का तरीका दर्शाता है कोई उन्हें बिल्कुल चुप करा देने को आमादा था. पारदर्शी जांच जरूरी है.
कॉन्ट्रैक्ट किलिंग से जुड़ा है रूपेश सिंह हत्याकांड-डीजीपी
शनिवार को डीजीपी संजीव कुमार सिंघल पटना के एसएसपी कार्यालय पहुंचे थे. रूपेश मर्डर केस को लेकर उन्होंने आलाअधिकारियों के साथ घंटों बैठक की. बैठक के बाद मीडिया से मुखातिब होते हुए डीजीपी ने कहा कि रूपेश हत्याकांड की मामले की जांच काफी तेजी से चल रही है. उन्होंने कहा कि मामले से जुड़ी जानकारी अभी मीडिया के साथ साझा नहीं की जा सकती है. साथ ही उन्होंने कहा कि यह मामला काफी संवेदनशील है. रूपेश हत्याकांड के छानबीन में शामिल अलग-अलग टीम अलग-अलग एविडेंस जुटाने में लगी हुई है. रुपेश की हत्या कॉन्ट्रैक्ट किलर के द्वारा की गई. और कॉन्ट्रैक्ट किलर तक पहुंचने का प्रयास पुलिस कर रही है.
विपक्ष लगातार बना रहा है दबाव
रूपेश हत्याकांड मुद्दे को लेकर विपक्ष कानून व्यवस्था पर सवाल खडे़ कर रहा है. सीपीआईएम के राज्य सचिव अवधेश कुमार ने कहा कि सरकार अपराध को नियंत्रण करने में असफल दिख रही है. इसका सबसे बड़ा कारण अपराधियों को मिल रहा सत्ता का संरक्षण है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की राजनीतिक इच्छाशक्ति काफी कमजोर हो गई है. गृह विभाग उनके पास है, लेकिन उनसे संभल नहीं रहा.
जाने पूरा मामला....
मगंलवार को हुए थी रूपेश की हत्या
बीते मंगलवार की शाम इंडिगो के मैनेजर रूपेश की अपराधियों ने गोली मार कर हत्या कर दी गई थी. रूपेश की हत्या के बाद सरकार और सिस्टम दोनों पर सवाल खड़े हो गए. दरअसल रूपेश की अपराधियों ने जहां हत्या कि वहां से सीएम आवास महज 2 किलो मीटर दूर है. वहीं, इस सिलसिले में जब गुरूवार को जब सीएम से पत्रकारों ने सवाल किया था तो वे बिफर पड़े थे.
बाइक सवार ने किया था ओवरटेक
पुलिस को रूपेश के कुसुम विलास अपार्टमेंट के आसपास लगे एक कैमरे से सात बजकर एक मिनट का फुटेज हाथ लगा है. उसमें एक बाइक पर सवार दो युवक गाड़ी को ओवरटेक कर आगे बढ़ते दिखे हैं. पुलिस को आशंका है कि यही दोनों अपराधी थे. अपराधियों ने पहले से ही रूपेश के घर के रास्ते की भी रेकी की थी. उन्हें पता था कि घटना को अंजाम देने के बाद किस ओर से फरार होना है और वे फरार होने में कामयाब भी रहे.
यह भी पढ़ें: तेजस्वी यादव ने सीएम को लिखा पत्र, बिहार को अपराध मुक्त करने की मांग
रियल स्टेट और ठेकेदारी एंगल को लेकर हो रही है जांच
रूपेश हत्याकांड की जांच कर रही एसआईटी की टीम को इस पूरे मामले में ठेकेदारी और रियल एस्टेट से जुड़े होने की आशंका है. बताया जा रहा है कि रूपेश के भाई सरकारी महकमे की ठेकेदारी करते थे. इस पहलू की भी छानबीन की जा रही है. पुलिस सूत्रों की मानें तो छपरा में भी रूपेश के भाई की ठेकेदारी चलती थी. इसी कारण एक टीम को छपरा भेजा गया है.
रूपेश का मोबाइल नंबर भी खंगाल रही पुलिस
रूपेश के मोबाइल नंबर को भी पुलिस खंगाल रही है. वे किससे अधिक बात करते थे. घटना से ठीक पहले रूपेश ने किन लोगों से बातचीत की थी. किनसे वे ज्यादा संपर्क में रहते थे. इन सारी बातों का खुलासा उनके मोबाइल नंबर से होगा. केस का आईओ शास्त्रीनगर के थानेदार रामशंकर सिंह को बनाया गया है.
गोली मारने वाले सुपारी किलर
सूत्रों का कहना है कि पुलिस को अब तक जो सुराग लगे हैं उसमें माना जा रहा है कि गोली मारने वाले सुपारी किलर हो सकते हैं. पुलिस रूपेश के मोबाइल फोन को भी खंगाल रही है.
-
इंडिगो के मैनेजर रूपेश जी के मोबाइल के तथ्यों को जनता के सामने रखा जाय।
— Pappu Yadav (@pappuyadavjapl) January 14, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
लगता है वह किसी हाइप्रोफाइल राजनेता या, अधिकारी के गहरे राजदार थे। इसलिए उनको सदा के लिए खामोश कर दिया गया। उनके हत्या का तरीका दर्शाता है कोई उन्हें बिल्कुल चुप करा देने को आमादा था। पारदर्शी जांच जरूरी है।
">इंडिगो के मैनेजर रूपेश जी के मोबाइल के तथ्यों को जनता के सामने रखा जाय।
— Pappu Yadav (@pappuyadavjapl) January 14, 2021
लगता है वह किसी हाइप्रोफाइल राजनेता या, अधिकारी के गहरे राजदार थे। इसलिए उनको सदा के लिए खामोश कर दिया गया। उनके हत्या का तरीका दर्शाता है कोई उन्हें बिल्कुल चुप करा देने को आमादा था। पारदर्शी जांच जरूरी है।इंडिगो के मैनेजर रूपेश जी के मोबाइल के तथ्यों को जनता के सामने रखा जाय।
— Pappu Yadav (@pappuyadavjapl) January 14, 2021
लगता है वह किसी हाइप्रोफाइल राजनेता या, अधिकारी के गहरे राजदार थे। इसलिए उनको सदा के लिए खामोश कर दिया गया। उनके हत्या का तरीका दर्शाता है कोई उन्हें बिल्कुल चुप करा देने को आमादा था। पारदर्शी जांच जरूरी है।
भूरी आंख वाली लड़की की तलाश
दरअसल, रूपेश के साथ अक्सर एक लड़की देखी जाती थी. वो लड़की भी पटना एयरपोर्ट से ही जुड़ी हुई बताई जा रही है. एसआईटी को जिस लड़की की तलाश है, उसकी आंखें भूरी बताई जा रही है. वो पटना एयरपोर्ट से आधा किलोमीटर दूर राजा बाजार इलाके की रहने वाली बताई जा रही है. ये लड़की रूपेश की हत्या के बाद से एयरपोर्ट कार्यालय नहीं आ रही है. इसी लड़की की तलाश एसआईटी को है.
जेल में बंद गैगस्टर से भी की जा रही पूछताछ
बताया जा रहा है कि कुछ लोगों को एसआईटी की टीम ने हिरासत में लिया, वो इस लड़की के परिचित बताए जा रहे हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इस मामले में बेऊर जेल में बंद एक गैंगस्टर से भी पुलिस ने पूछताछ की है.
बीजेपी सांसद ने भी उठाए सवाल
बीजेपी सांसद ने भी रूपेश हत्याकांड को लेकर कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े किए थे. बीजेपी राज्यसभा सांसद विवेक ठाकुर ने कहा कि बिना किसी आपराधिक पृष्ठभूमि वाले व्यक्ति की गोली मारकर हत्या होना दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने इस घटना को बिहार में एनडीए की नवनिर्वाचित सरकार के लिए चुनौतीपूर्ण बताया था. उन्होंने कहा कि यह घटना बिहार पुलिस पर प्रश्नवाचक चिन्ह है. विवेक ठाकुर ने कहा कि पुलिस को 3-5 दिन के अंदर एक निष्कर्ष पर आना ही पड़ेगा. बीजेपी सांसद ने कहा कि बिहार पुलिस अपनी सक्षमता से स्थिति का जायजा ले और अगर सफलता दूर लगे तो केस को अविलंब CBI को सौंप दें.