पटनाः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नवंबर तक मुफ्त अनाज देने की घोषणा के बाद से सियासत शुरू हो गई है. बिहार में इस साल विधानसभा चुनाव होने वाला है. जहां विपक्ष इसे चुनावी घोषणा बता रही है वहीं सत्ता पक्ष के नेता कह रहे हैं कि यदि किसी घोषणा से राजनीतिक या सामाजिक लाभ मिल जाए तो यह अच्छी बात है.
ममता बनर्जी की घोषणा
विशेषज्ञ भी इस घोषणा को लेकर कह रहे हैं कि अगर सही ढंग से इसे इंप्लीमेंट कर दिया गया तो इसका लाभ मिल सकता है. उनका कहना है कि यह घोषणा चुनाव को ध्यान में रखकर ही की गई है क्योंकि ऐसा नहीं होता तो ममता बनर्जी अगले साल 21 जून तक इस योजना को बढ़ाने की घोषणा नहीं करती.
5 महीने तक मुफ्त अनाज
बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर बिहार में राजनीतिक सरगर्मी लगातार बढ़ रही है. दल बदलने का दौर भी शुरू हो चुका है. ऐसे में प्रधानमंत्री ने बड़ी घोषणा की है प्रधानमंत्री ने अपनी घोषणा में छठ का जिक्र करते हुए कहा कि गरीबों को छठ तक 5 महीने तक मुफ्त अनाज दिया जाएगा.
सियासी गलियारों में हलचल
प्रधानमंत्री ने पूरे देश के लिए यह घोषणा की है लेकिन बिहार में अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव संभावित है और इसलिए इसे राजनीतिक गलियारों में सियासी चश्मे से देखा जा रहा है.
मिल सकता है विधानसभा चुनाव में लाभ- विशेषज्ञ
विशेषज्ञ भी अपने तरीके से इसका विश्लेषण करते हुए इसे स्वागत योग्य कदम बता रहे हैं. विशेषज्ञ डीएम दिवाकर ने कहा कि बरसात के समय 3 महीने तक गरीबों का रोजगार छिन जाता है. ऐसे में मुफ्त अनाज उन्हें राहत देगा. उन्होंने कहा कि कि यदि इसे सही ढंग से इंप्लीमेंट किया गया तो इसका लाभ विधानसभा चुनाव में भी मिल सकता है.
'चुनाव के समय प्रधानमंत्री को आती है बिहार की याद'
बिहार में मुख्य विपक्षी दल आरजेडी के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि मुफ्त अनाज की घोषणा पूरी तरह चुनाव को देखते हुए की गई है. उन्होंने आरोप लगाता हुए कहा कि प्रधानमंत्री को बिहार की याद सिर्फ चुनाव के समय ही आती है.
'जनता सिखाएगी सबक'
मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि झारखंड और दिल्ली की जनता की तरह इस बार बिहार के लोग भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सबक सिखाएंगे. उन्होंने कहा कि जनता सब देख और समझ रही है.
बिहार के लोग हैं आभारी
वहीं, सत्ताधारी दल बीजेपी के विधान पार्षद संजय पासवान ने कहा कि छठ तक प्रधानमंत्री की मुफ्त अनाज योजना एक अच्छी पहल है. उन्होंने कहा कि बिहार के लोग इसके लिए उनके आभारी हैं. साथ ही विधान पार्षद ने कहा कि किसी अच्छे काम से राजनीतिक और सामाजिक लाभ मिलता है तो यह अच्छी बात है.
मुख्यमंत्री ने किया था आग्रह
बिहार में पिछले 3 महीनों से राशन कार्ड धारियों को मुफ्त अनाज दिया जा रहा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लोगों को अगले 3 महीने और मुफ्त अनाज देने का प्रधानमंत्री से आग्रह किया था. उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने भी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुफ्त अनाज के लिए बातचीत की थी.
6000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि हुई खर्च
प्रधानमंत्री की यह बड़ी घोषणा पूरे देश के लिए हुई है लेकिन बिहार विधानसभा चुनाव में इसका बड़ा लाभ मिल सकता है. बिहार में मुफ्त अनाज के लिए अब तक 6000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि राज्य सरकार खर्च कर चुकी है.
विपक्ष सरकार पर हमवलावार
बिहार के एक करोड़ 68 लाख परिवार को मुफ्त अनाज का लाभ दिया गया है. ऐसे में प्रधानमंत्री की घोषणा का एनडीए के तरफ से चुनाव में क्रेडिट लेने की कोशिश होगी. जिसे देखते हुए विपक्ष सरकार पर हमवलावार हो गई है.