पटना: देश की सड़कों को प्रदूषण (Pollution) मुक्त बनाने के लिए सरकार इलेक्ट्रिक वाहन (Electric Vehicle) को बढ़ावा दे रही है. सरकार ने बैटरी से चलने वाले वाहनों का कहीं रजिस्ट्रेशन फीस माफ किया तो कहीं कुछ दिनों तक बिना नंबर के ही बैटरी संचालित तीन पहिया वाहन चलाने की छूट भी दी. हालांकि धीरे-धीरे बैटरी संचालित सभी वाहनों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया गया.
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सरकार के इस पहल का असर भी दिख रहा है. सड़क पर तेजी से इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या बढ़ रही है. बैटरी से संचालित तीन पहिया वाहन ई-रिक्शा राजधानी पटना की सड़कों और गलियों में फर्राटे भरते नजर आते हैं. हालांकि ई-रिक्शा का प्रचलन बढ़ने से रिक्शा चालकों की जिंदगी दूभर हो गई है. इन्हें अब पहले की तरह सवारी नहीं मिलती.
ई-रिक्शा के चलते रिक्शा चालकों की कमाई काफी घट गई है. पटना की सड़कों पर अपनी जिंदगी काटने वाले रिक्शा चालक कहते हैं कि जब से ई-रिक्शा का प्रचलन बढ़ा है हमलोगों का जीवन दूभर हो गया है. पहले जहां पूरे दिन में 400-600 रुपये की कमाई हो जाती थी आज घटकर 150-200 रुपये रह गई है. ऐसे में गुजारा करना मुश्किल हो रहा है.
पटना के एग्जीबिशन रोड के किनारे रिक्शा लगाकर ग्राहक का इंतजार करता रिक्शा चालक राकेश ने कहा, 'पहले और आज की कमाई में जमीन आसमान का अंतर है. हवा हवाई (ई-रिक्शा) के आने से किसी तरह पूरे दिन में 200-250 रुपये कमा पाता हूं. पहले 500-600 रुपये तक कमा लेता था. लोग भी अब हवा हवाई की सवारी करना पसंद करते हैं. रिक्शावाला को कोई पूछता भी नहीं.'
बुजुर्ग रिक्शा चालक कल्लू ने कहा, 'पहले मैं 300-500 रुपये रोज कमा लेता था, जबसे ई-रिक्शा प्रचलन में आया है लोग उसकी सवारी करना ज्यादा पसंद करते हैं. अब कमाई 150-200 रुपये रह गई है. इस उम्र में घर चलाने में काफी कठिनाई हो रही है.'
"पहले शाम तक 500-600 रुपये की कमाई हो जाती थी. अब तो एक दिन में 200 रुपये भी कमाना मुश्किल है. पहले जिन गलियों में घुसकर हमलोग सवारियों को पहुंचाते थे आज वहां तक ई- रिक्शा वाले जा रहे हैं."- कुंदन, रिक्शा चालक
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